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Sunday 21 September 2025 03:12:23 PM
नई दिल्ली। भारतीय सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता, निर्देशक और निर्माता मोहनलाल विश्वनाथन नायर को सिनेमा में उनके उत्कृष्ट योगदान केलिए 71वें राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में वर्ष 2023 का दादा साहब फाल्के सम्मान प्रदान किया जाएगा। केरल से लेकर दुनियाभर के दर्शकों तक मोहनलाल विश्वनाथन नायर के कार्यों ने भारतीय सिनेमा संस्कृति की आकांक्षाओं को परिलक्षित किया है, उनकी सिनेमाई विरासत भारत की रचनात्मक भावना को प्रेरित करती रहेगी। गौरतलब हैकि भारत सरकार ने दादा साहब फाल्के सम्मान चयन समिति की सिफारिश पर अभिनेता मोहनलाल विश्वनाथन नायर को वर्ष 2023 केलिए प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित करने की घोषणा की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक्स प्लेटफॉर्म पर मोहनलाल विश्वनाथन नायर को दादा साहब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किए जाने पर बधाई दी है। उन्होंने कहाकि मोहनलाल विश्वनाथन नायर उत्कृष्टता और बहुमुखी प्रतिभा के प्रतीक हैं, दशकों के अनुकरणीय कार्यों केसाथ वे मलयालम सिनेमा और रंगमंच के एक अग्रणी प्रकाश स्तंभ हैं और केरल की संस्कृति केप्रति गहरी आस्था रखते हैं। उन्होंने कहाकि मोहनलाल विश्वनाथन नायर ने तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और हिंदी फिल्मों में भी उल्लेखनीय अभिनय किया है, विभिन्न माध्यमों में उनकी सिनेमाई और नाट्य प्रतिभा वास्तव में प्रेरणादायक है। अभिनेता मोहनलाल विश्वनाथन नायर को यह सम्मान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 23 सितंबर 2025 को 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रदान करेंगी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सिनेमाजगत में मोहनलाल विश्वनाथन नायर के असाधारण योगदान के सम्मान को दादा साहब फाल्के अवार्ड की घोषणा पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहाकि मोहनलाल विश्वनाथन नायर की उल्लेखनीय सिनेमाई यात्रा भावी पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी, उनकी अद्वितीय प्रतिभा, बहुमुखी कौशल और निरंतर कड़ी मेहनत ने भारतीय सिनेमा के इतिहास में एक स्वर्णिम आदर्श स्थापित किया है।
केरल में 21 मई 1960 को जन्मे मोहनलाल विश्वनाथन नायर एक प्रशंसित भारतीय अभिनेता, निर्माता और पार्श्व गायक भी हैं, इन्हें मलयालम सिनेमा में उनके उत्कृष्ट कार्यों केलिए जाना जाता है। मोहनलाल विश्वनाथन नायर व्यापक रूपसे एक पूर्ण अभिनेता के रूपमें जाने जाते हैं। लगभग पांच दशक के अपने करियर में वह 360 से अधिक फिल्मों में दिखाई दिए हैं, इनमें किरीडम, भारतम, वानप्रस्थम, दृश्यम और ऐसी कई फिल्में हैं, जिनमें उन्होंने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है। मोहनलाल विश्वनाथन नायर ने देश-विदेश में कई सम्मानों केसाथ पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और केरल में राज्य फिल्म पुरस्कार प्राप्त किए हैं। वर्ष 1999 में उनकी फिल्म वानप्रस्थम कान्स अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित हुई, जिससे उन्हें अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली। उन्हें 2009 में भारतीय प्रादेशिक सेना में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल के रूपमें नियुक्त किया गया था। भारत सरकार ने उन्हें 2001 में पद्मश्री और 2019 में पद्मभूषण से सम्मानित किया है।
मोहनलाल विश्वनाथन नायर भारत के सम्मानित सांस्कृतिक प्रतीकों में से एक हैं, उन्हें उनकी बहुमुखी प्रतिभा, विनम्रता और विश्व सिनेमा में उनके स्थायी योगदान केलिए सराहा जाता है। ज्ञातव्य हैकि भारतीय सिनेमा में दादा साहेब फाल्के के योगदान को याद करने केलिए भारत सरकार ने 1969 में देविका रानी को पहला दादा साहेब फाल्के सम्मान प्रदान किया था, जिन्होंने 1913 में भारत की पहली फुललेंथ फीचर फिल्म राजा हरिश्चंद्र का निर्देशन किया था। यह फिल्म उद्योग का सर्वोच्च सम्मान है, जो भारतीय सिनेमा के विकास और उन्नति में व्यापक योगदान को मान्यता देता है। दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड में एक स्वर्ण कमल पदक, एक शॉल और 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है। इसबार दादा साहब फाल्के अवॉर्ड चयन समिति में अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती, संगीतज्ञ शंकर महादेवन और निर्माता निर्देशक आशुतोष गोवारिकर सदस्य के रूपमें शामिल थे।