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Wednesday 3 September 2025 12:50:28 PM
चेन्नई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने चेन्नई में सिटी यूनियन बैंक के 120वें स्थापना दिवस समारोह में कहा हैकि बैंकिंग उद्योग देश के विकास की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने उल्लेख कियाकि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज़ीसे बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और सशक्त आर्थिक परिदृश्य में लोगों की आकांक्षाएं व्यापक रूपसे बढ़ी हैं। उन्होंने कहाकि बैंकों की भूमिका वित्तीय लेन-देन से कहीं आगे तक विस्तृत हैं, बैंक केवल धन के संरक्षक नहीं हैं, वे विविध वित्तीय सेवाएं प्रदान करते हैं, समावेशी और सतत विकास में भी सहायक हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि देश के विकास के महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक वित्तीय समावेशन है, जिसका अर्थ यह सुनिश्चित करना हैकि प्रत्येक नागरिक की किफायती वित्तीय सेवाओं तक पहुंच हो। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि सिटी यूनियन बैंक जैसे बैंक अपनी बैंकिंग प्रणाली के जरिए वित्तीय समावेशन के क्षेत्रमें राष्ट्रीय लक्ष्य को पूरा करने में मदद करते रहेंगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि भारत जैसे विकासशील देश में एक बड़ी आबादी अभीभी ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रोंमें रहती है, जहां औपचारिक बैंकिंग तक सीमित पहुंच है। राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुईकि सिटी यूनियन बैंक ने वित्तीय समावेशन के क्षेत्रमें उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहाकि बैंक और वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियां वंचित समुदायों केलिए उपयोगकर्ताओं के अनुकूल मोबाइल ऐप, सूक्ष्म ऋण और बीमा उत्पाद उपलब्ध करा रही हैं, पेमेंट बैंक, डिजिटल वॉलेट और बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट ने वित्तीय सेवाओं को दूर-दराज के गांवों तक पहुंचाया है। उन्होंने कहाकि इस क्षेत्रमें प्रगति के बावजूद डिजिटल साक्षरता, इंटरनेट की पहुंच और वित्तीय जागरुकता के संदर्भ में अभी भी कई चुनौतियां हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि हितधारकों के संयुक्त प्रयासों, लोगों को प्रौद्योगिकी, डिजिटल और वित्तीय साक्षरता के माध्यम से बैंकिंग सेवाओं से बेहतर ढंग से जोड़ा जा सकता है।
राष्ट्रपति ने कहाकि किसानों का सशक्तिकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था हमारे बैंकिंग क्षेत्र की प्राथमिकता होनी चाहिए, समय पर और किफायती ऋण उपलब्ध कराकर, वित्तीय जागरुकता प्रदान करके और कृषि तकनीकी पहलों को समर्थन देकर बैंक कृषि को टिकाऊ और लाभदायक बनाने में मददकर सकते हैं। उन्होंने कहाकि बैंक एमएसएमई को विकास के इंजन में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, हमारे बैंकों को वंचित और हाशिए पर पड़े वर्गों की मदद केलिए भी कदम उठाने चाहिएं, दिहाड़ी मजदूरों और प्रवासी मजदूरों को बैंकिंग सेवाओं से बेहतर ढंग से जोड़ने केलिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिएं। राष्ट्रपति ने कहाकि जैसे-जैसे हमारी डिजिटल और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था का विस्तार हो रहा है, डिजिटल परिवर्तन और उद्यमिता में बैंकों की भूमिका औरभी ज्यादा महत्वपूर्ण होती जारही है। उन्होंने कहाकि स्टार्टअप से स्मार्ट शहरों तक ऐसे कई क्षेत्र हैं, जिनमें बैंक मदद करते और कर सकते हैं, बैंक विकसित भारत के निर्माण में सक्रिय भागीदार हैं।