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Tuesday 29 July 2025 12:54:50 PM
नई दिल्ली। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को किसी के दबाव में सीजफायर किए जाने के आरोपों को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने खारिज करते हुए इन्हें निराधार और गलत बताया है। रक्षामंत्री ने लोकसभा में कहाकि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ तभी रोका, जब सभी राजनीतिक और सैन्य उद्देश्य पूरी तरह से हासिल कर लिए। राजनाथ सिंह ने विपक्ष को करारा जवाब देते हुए दोहरायाकि ऑपरेशन सिंदूर केवल रोका गया है, समाप्त नहीं हुआ है और अगर पाकिस्तान फिर कोई नापाक हरकत करता है तो उसपर और ज़्यादा कड़ी एवं निर्णायक कार्रवाई होगी। उन्होंने कहाकि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य सीमापार करना या शत्रु के क्षेत्र पर कब्जा करना नहीं था, बल्कि पाकिस्तान में वर्षों से पोषित आतंकी ढांचों को नष्ट करना और सीमापार से आतंकवादी हमलों में अपने प्रियजनों को खोने वाले निर्दोष परिवारों को न्याय दिलाना था। रक्षामंत्री ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को अचानक आवेश से भरा पागलपन नहीं, बल्कि एक सुनियोजित रणनीति, पुरानी कुंठा बताया। उन्होंने कहाकि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य छद्म युद्ध लड़ने वाले पाकिस्तान को दंडित करना था।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई छद्म युद्ध कर रहे हैं और भारत को अस्थिर करने का सपना देख रहे हैं। उन्होंने कहाकि जो लोग भारत को हज़ार घाव देने का सपना पाले बैठे हैं, उन्हें यह कभी नहीं भूलना चाहिएकि यह नया भारत है, जो आतंकवाद को कुचलने केलिए किसीभी हद तक जा सकता है। रक्षामंत्री ने कहाकि ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल अपनी सैन्य क्षमता, बल्कि अपने राष्ट्रीय संकल्प, नैतिकबल और राजनीतिक कौशल का भी प्रदर्शन किया है, भारत किसीभी आतंकवादी हमले का निर्णायक और स्पष्ट जवाब देगा, आतंकवाद को पनाह और समर्थन देने वालों को कभी बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहाकि भारत किसीभी तरह की परमाणु ब्लैकमेलिंग या दबावों से झुकने वाला नहीं है। रक्षामंत्री ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकवादी हमले को अमानवीय एवं सबसे घिनौना उदाहरण बताया, जिसमें एक नेपाली नागरिक सहित 26 निर्दोष लोगों को धर्म के आधार पर मार डाला गया। उन्होंने कहाकि यह भारत की सहनशीलता की परीक्षा थी और हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशस्त्र बलों को विवेक, रणनीतिक समझ और क्षेत्रीय सुरक्षा का ध्यान रखते हुए निर्णायक कार्रवाई करने की पूरी छूट दे दी।
राजनाथ सिंह ने कहाकि भारतीय सशस्त्र बलों का 6 और 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर में आतंकवाद के विरुद्ध उसकी प्रभावी नीति का निर्णायक प्रदर्शन था। रक्षामंत्री ने कहाकि सशस्त्र बलों ने हर पहलू का गहराई से अध्ययन केबाद ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। उन्होंने कहाकि कई विकल्प मौजूद थे, लेकिन हमने वह विकल्प चुना, जिसमें आतंकवादियों और उनके ठिकानों का अधिकतम नुकसान हो और आम पाकिस्तानी नागरिकों को कोई क्षति न पहुंचे। रक्षामंत्री ने कहाकि अनुमान के अनुसार हमारे सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तानी कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ढांचों पर हमला कर 100 से अधिक आतंकवादी, उनके प्रशिक्षक, आका, जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज़्बुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के अधिकतर आतंकवादी मारे गए, जिन्हें पाकिस्तानी सेना और वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई का खुला समर्थन मिला हुआ है। राजनाथ सिंह ने कहाकि 10 मई 2025 को पाकिस्तान ने भारत पर मिसाइलों, ड्रोनों, रॉकेटों और लंबी दूरी के अन्य हथियारों से हमले किए, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक युद्ध तकनीकों का भी व्यापक इस्तेमाल किया और भारतीय वायुसेना के ठिकानों, भारतीय सेना के गोला बारूद डिपो, हवाई अड्डों और सैन्य छावनियों को निशाना बनाने की कोशिश की।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सदन को गर्व से बतायाकि भारतीय वायुरक्षा प्रणाली, ड्रोनरोधी प्रणाली और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों ने पाकिस्तानी हमलों को पूरी तरह नाकाम किया। रक्षामंत्री ने पाकिस्तान के हमलों को विफल बनाने में वायुरक्षा मिसाइल प्रणाली एस400, आकाश मिसाइल और वायु रक्षा तोपों की प्रभावशीलता का भी उल्लेख किया। रक्षामंत्री ने सैनिकों की बहादुरी और दृढ़ संकल्प की सराहना करते हुए कहाकि हमारी अचूक सुरक्षा प्रणाली ने दुश्मन के हर हमले को नाकाम किया, जिससे पाकिस्तान किसीभी भारतीय लक्ष्य को नहीं भेद सका और हमारे किसी महत्वपूर्ण सैन्य संपत्ति को भी नुकसान नहीं पहुंचा पाया। रक्षामंत्री ने पाकिस्तानी हमले के जवाब में भारत की कार्रवाई को साहसिक, दृढ़ और प्रभावी बताया। उन्होंने कहाकि भारतीय वायुसेना ने पश्चिमी मोर्चे पर पाकिस्तान के हवाई ठिकानों, कमान और नियंत्रण केंद्रों, सैन्य ढांचों, वायु रक्षा प्रणालियों को निशाना बनाया और सफलतापूर्वक मिशन पूरा किया, हमारा जवाबी हमला तेज़, संतुलित और सटीक रहा। राजनाथ सिंह ने कहाकि भारतीय सशस्त्र बलों ने केवल उन्हीं लोगों और ठिकानों पर लक्ष्य साधा, जो आतंकवादियों को लगातार मदद पहुंचाकर भारत पर हमला करने की कोशिश में लगे हुए थे, लेकिन हमारा उद्देश्य युद्ध छेड़ना कभी नहीं था, बल्कि अपनी शक्ति दिखाकर दुश्मन को झुकने केलिए मजबूर करना था। उन्होंने कहाकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किसीभी सैनिक को नुकसान नहीं पहुंचा।
रक्षामंत्री ने सदन को बतायाकि 10 मई की सुबह जब भारतीय वायुसेना ने कई पाकिस्तानी हवाई अड्डों पर भारी हमले किए तो पाकिस्तान ने हार मान ली और युद्ध विराम की पेशकश करने लगा। उन्होंने कहाकि इसे केवल इस शर्त पर माना गयाकि भारतीय अभियान केवल स्थगित किया जाएगा और अगर भविष्य में पाकिस्तान ने कोई दुस्साहस किया, तो उसके खिलाफ कार्रवाई फिरसे शुरू कर दी जाएगी। रक्षामंत्री ने कहाकि भारतीय वायुसेना के हमलों, नियंत्रण रेखा पर भारतीय थलसेना की कड़ी जवाबी कार्रवाई और नौसेना के हमलों के डर से पाकिस्तान आत्मसमर्पण केलिए मजबूर हो गया। पाकिस्तान की यह हार उसकी विफलता ही नहीं, बल्कि उसकी सैन्य शक्ति और मनोबल की हार थी। राजनाथ सिंह ने कहाकि 10 मई को पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस ने भारत के डीजीएमओ से संपर्ककर सैन्य अभियान रोकने का आग्रह किया, इसके बाद 12 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच औपचारिक बातचीत केबाद अभियान रोकने का फैसला किया गया। उन्होंने कहाकि अभियान केबाद वे सीमावर्ती क्षेत्रों के दौरे पर गए और उन्होंने सैनिकों से मुलाकात की तथा उनके अटूट संकल्प को खुद महसूस किया। रक्षामंत्री ने कहाकि हमारे सैनिक न केवल सीमाओं की, बल्कि हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान की भी रक्षा कर रहे हैं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को तीनों सेनाओं के तालमेल का एक उत्कृष्ट उदाहरण बताया, जिसमें भारतीय वायुसेना ने आसमान से हमला किया, भारतीय थलसेना ने नियंत्रण रेखा पर डटकर हर कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दिया और भारतीय नौसेना ने उत्तरी अरब सागर में अपनी मज़बूत तैनाती से रक्षा सुदृढ़ कर दी। उन्होंने कहाकि भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दियाकि हम समुद्र से ज़मीन तक उनके हर बड़े ठिकाने पर हमला करने में सक्षम और इसके लिए तैयार हैं। रक्षामंत्री ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब सहनशीलता नहीं बरतता, बल्कि माकूल जवाब देता है। उन्होंने कहाकि भारत सरकार अब सभी तरह के प्रारूपों और अभिव्यक्तियों वाले आतंकवाद को पूरी तरह से खत्म करने केलिए प्रतिबद्ध है। राजनाथ सिंह ने फिर कहाकि भारत हमेशा पाकिस्तान सहित अपने सभी पड़ोसी देशों केसाथ सौहार्दपूर्ण और सहयोगात्मक संबंधों का पक्षधर रहा है, लेकिन उसके शांति प्रयासों को नासमझी माना गया। उन्होंने कहाकि सरकार ने 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 में बालाकोट एयर स्ट्राइक और 2025 में ऑपरेशन सिंदूर अभियानों से शांति सुनिश्चित करने का एक अलग रास्ता अपनाया है और उसका स्पष्ट रुख हैकि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते।
राजनाथ सिंह ने कहाकि सभ्य लोकतांत्रिक देशों केबीच बातचीत होती है, लेकिन जिस देश में ज़रा भी लोकतंत्र नहीं है और जहां सिर्फ़ धार्मिक कट्टरता, आतंकवाद और भारत केप्रति कुंठित मानसिकता है, उससे बातचीत नहीं हो सकती। रक्षामंत्री ने कहाकि पाकिस्तान वैश्विक आतंकवाद के प्रशिक्षण का गढ़ है और उसने इसे अपनी राजकीय नीति का आधार बनाया हुआ है। राजनाथ सिंह ने कहाकि पाकिस्तान ने अपने मारे गए आतंकवादियों का राजकीय सम्मान केसाथ अंतिम संस्कार किया, जिसमें वहां के सैन्य अधिकारी भी शामिल हुए। उन्होंने कहाकि पाकिस्तान सीमा पर तैनात भारतीय सैन्य बल से लड़ने का साहस नहीं जुटा पाता, इसलिए निर्दोष नागरिकों, बच्चों और तीर्थयात्रियों को आतंकी निशाना बनाता है। राजनाथ सिंह ने कहाकि भारत ने कभी किसीभी देश की एक इंच ज़मीन पर भी कब्ज़ा नहीं किया है और वह पाकिस्तान जैसे देश केसाथ प्रतिस्पर्धा में भी विश्वास नहीं रखता, जो आकार, शक्ति, सामर्थ्य और समृद्धि में उसकी तुलना में कहीं नहीं टिकता। उन्होंने कहाकि भारत की नीति आतंकवाद के ख़िलाफ़ प्रभावी कार्रवाई करने की है और पाकिस्तान के प्रति उसका विरोध इसी वैश्विक खतरे की वजह से है। रक्षामंत्री ने कहाकि पाकिस्तान केसाथ भारत का संघर्ष कोई सीमा संघर्ष नहीं, बल्कि सभ्यता बनाम बर्बरता का संघर्ष है। उन्होंने कहाकि पाकिस्तानी हुकूमत जानती हैकि उसके सैनिक युद्ध में भारत को नहीं हरा सकते, इसलिए पूरी दुनिया के सामने खुदको निर्दोष बताने का ढोंग करते हुए आतंकवाद को बढ़ावा देती है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि पाकिस्तान आतंकवाद को एक ऐसे हथियार के रूपमें इस्तेमाल करता है, जो बाकी दुनिया की सभ्य आचार संहिता के बिल्कुल उलट है। राजनाथ सिंह ने सदन को बतायाकि आतंकवाद के विरुद्ध भारत की लड़ाई केवल सीमा पर ही नहीं, बल्कि वैचारिक स्तरपर भी लड़ी जा रही है। उन्होंने उन सभी प्रतिनिधिमंडलों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने वैश्विक मंचों पर आतंकवाद के विरुद्ध भारत की शून्य सहनशीलता की नीति बरतने (ज़ीरो टॉलरेंस नीति) और ऑपरेशन सिंदूर की आवश्यकता बताई। राजनाथ सिंह ने कहाकि राजनीतिक दलों ने अपनी विचारधाराओं और मतभेदों को दरकिनार करते हुए राष्ट्र, सैनिकों और सरकार केसाथ एकजुटता दिखाई। रक्षामंत्री ने सदन और देश की जनता को आश्वस्त कियाकि नरेंद्र मोदी सरकार, सशस्त्र बल और लोकतांत्रिक संस्थाएं राष्ट्र की एकता अखंडता और सुरक्षा केलिए हर आवश्यक कदम उठाने केलिए प्रतिबद्ध हैं।