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Friday 25 July 2025 04:21:51 PM
लंदन\ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सर कीर स्टार्मर ने ऐतिहासिक भारत ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) पर हस्ताक्षर केबाद भारत और ब्रिटेन के उद्योगपतियों से मुलाकात की। मुलाकात में स्वास्थ्य, फार्मास्यूटिकल्स, रत्न एवं आभूषण, ऑटोमोबाइल, ऊर्जा, विनिर्माण, दूरसंचार, प्रौद्योगिकी, आईटी, लॉजिस्टिक्स, वस्त्र और वित्तीय सेवा क्षेत्रों के दोनों पक्षों के प्रमुख उद्योगपति उपस्थित थे। ये क्षेत्र दोनों देशों में रोज़गार सृजन और समावेशी आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। दोनों नेताओं नरेंद्र मोदी और कीर स्टार्मर ने भारत ब्रिटेन के उद्योगपतियों के सामने हाल के वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों में हुए विस्तार का उल्लेख किया।
उद्योगपतियों से बातचीत में उन्होंने उन्हें व्यापार, निवेश और नवाचार साझेदारी को गहरा करने केलिए सीईटीए से मिलने वाले अवसरों की पूरी क्षमता का लाभ उठाने को प्रोत्साहित किया। द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाकर आर्थिक विकास को गति देने की अपनी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए उन्होंने कहाकि यह नया समझौता दोनों अर्थव्यवस्थाओं और वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में व्यापारिक भावना को बढ़ावा देगा। सीईटीए के ठोस लाभों पर प्रकाश डालते हुए दोनों नेताओं ने दोनों देशों के प्रमुख उत्पादों और नवाचारों की एक प्रभावशाली श्रृंखला प्रदर्शित की। प्रदर्शनियों में रत्न और आभूषण, इंजीनियरिंग सामान, गुणवत्तापूर्ण उपभोक्ता उत्पाद और उन्नत तकनीकी समाधान शामिल थे।
भारत ब्रिटेन के उद्योग प्रमुखों ने ऐतिहासिक व्यापार समझौते की सराहना की और आशा व्यक्त कीकि यह व्यापक रणनीतिक साझेदारी में एक नए युग की शुरुआत करेगा और न केवल व्यापार और अर्थव्यवस्था में, बल्कि उभरती प्रौद्योगिकियों, शिक्षा, नवाचार, अनुसंधान और स्वास्थ्य क्षेत्रों में भी सहयोग को मजबूत करेगा। दोनों नेताओं ने नए समझौते की क्षमता का दोहन करने और आने वाले वर्षों में आर्थिक सहयोग के बंधनों को गहरा करने के लिए छोटे और बड़े व्यवसायों को समर्थन देने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। भारत और यूनाइटेड किंगडम ने व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते (सीईटीए) पर हस्ताक्षर करके एक मज़बूत आर्थिक साझेदारी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और व्यापार एवं व्यापार राज्यमंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स ने दोनों प्रधानमंत्रियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इस ऐतिहासिक समझौते को दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं केबीच व्यापार संबंधों में एक मील का पत्थर बताया है, जो एक महत्वाकांक्षी और संतुलित ढांचा स्थापित करता है। उन्होंने कहाकि दुनिया की क्रमशः चौथी और छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के रूपमें भारत और ब्रिटेन के द्विपक्षीय संबंध वैश्विक आर्थिक महत्व रखते हैं। गौरतलब हैकि भारत ब्रिटेन व्यापार समझौते (सीईटीए) पर हस्ताक्षर 6 मई 2025 को घोषित वार्ता के सफल समापन केबाद हुए हैं। दोनों देशों केबीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 56 अरब अमेरिकी डॉलर का है, जिसे 2030 तक दोगुना करने का संयुक्त लक्ष्य है। सीईटीए ने ब्रिटेन को भारत के 99 प्रतिशत निर्यात केलिए अभूतपूर्व शुल्क मुक्त पहुंच सुनिश्चित की है, जो लगभग पूरे व्यापार क्षेत्र को कवर करता है। इससे कपड़ा, समुद्री उत्पाद, चमड़ा, जूते, खेल के सामान, खिलौने और रत्न एवं आभूषण जैसे श्रम-प्रधान उद्योगों के साथ-साथ इंजीनियरिंग सामान, ऑटो कंपोनेंट और जैविक रसायन जैसे तेज़ी से बढ़ते क्षेत्रों केलिए नए अवसर खुलने की उम्मीद है।
भारतीय अर्थव्यवस्था के एक मज़बूत चालक सेवा क्षेत्र को भी व्यापक लाभ प्राप्त होंगे। यह समझौता आईटी और आईटी सक्षम सेवाओं, वित्तीय और कानूनी सेवाओं, पेशेवर और शैक्षिक सेवाओं, और डिजिटल व्यापार में बेहतर बाज़ार पहुंच प्रदान करता है। भारतीय पेशेवर, जिनमें ब्रिटेन में सभी सेवा क्षेत्रों में काम करने केलिए कंपनियों में तैनात आर्किटेक्ट, इंजीनियर, शेफ, योग प्रशिक्षक और संगीतकार जैसे अनुबंध पर तैनात पेशेवर शामिल हैं, सरल वीज़ा प्रक्रियाओं और उदार प्रवेश श्रेणियों से लाभांवित होंगे, जिससे प्रतिभाओं केलिए ब्रिटेन में काम करना आसान हो जाएगा। यह ब्रिटेन को 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात पर टैरिफ मुक्त पहुंच प्रदान करता है, जिसमें लगभग 100 प्रतिशत व्यापार मूल्य शामिल है, जिसमें श्रम प्रधान क्षेत्रभी शामिल हैं, जो 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देता है और 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का आधार तैयार करता है। इसमें विभिन्न क्षेत्रों को कवर करते हुए वस्तुओं और सेवाओं में महत्वाकांक्षी प्रतिबद्धताएं शामिल हैं, संविदा सेवा प्रदाताओं, व्यावसायिक आगंतुकों और स्वतंत्र पेशेवरों केलिए पहुंच को सरल बनाकर भारतीय पेशेवरों की गतिशीलता को भी बढ़ाया गया है।
भारतीय श्रमिकों और उनके नियोक्ताओं को तीन वर्ष केलिए ब्रिटेन के सामाजिक सुरक्षा अंशदान से छूट देगा, जिससे प्रतिस्पर्धात्मकता और आय में वृद्धि होगी। यह एफटीए समावेशी विकास के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा, जिससे किसानों, कारीगरों, श्रमिकों, एमएसएमई, स्टार्टअप्स और नवप्रवर्तकों को लाभ होगा, साथ ही भारत के मूल हितों की रक्षा होगी और एक वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने की हमारी यात्रा को गति मिलेगी। भारत ने दोहरे अंशदान समझौते पर भी एक समझौता किया है, इससे भारतीय पेशेवरों और उनके नियोक्ताओं को ब्रिटेन में तीन सालतक केलिए सामाजिक सुरक्षा भुगतान से छूट मिलेगी, जिससे भारतीय प्रतिभाओं की लागत प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार होगा। उन्होंने कहाकि यह समझौता व्यापार को और अधिक समावेशी बनाने केलिए तैयार किया गया है। उन्होंने बतायाकि महिला और युवा उद्यमी, किसान, मछुआरे, स्टार्टअप और एमएसएमई को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं तक नई पहुंच प्राप्त होगी, जो नवाचार को प्रोत्साहित करने, स्थायी प्रथाओं को बढ़ावा देने और गैर-टैरिफ बाधाओं को कम करने वाले प्रावधानों से समर्थित होगी। उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहाकि सीईटीए से आनेवाले वर्षों में व्यापार की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि होने, रोज़गार सृजन, निर्यात का विस्तार और भारत यूनाइटेड किंगडम केबीच गहरे, अधिक लचीले आर्थिक संबंधों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।