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Tuesday 22 July 2025 12:56:05 PM
पुणे। फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई) पुणे और महाराष्ट्र फिल्म स्टेज एंड कल्चरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एमएफएससीडीसीएल) मुंबई ने समूचे महाराष्ट्र में फिल्म और मीडिया क्षेत्र में कौशल विकास केलिए एक समझौता किया है। स्वाति म्हासे पाटिल प्रबंध निदेशक एमएफएससीडीसीएल और धीरज सिंह कुलपति एफटीआईआई केबीच एमओयू का आदान-प्रदान किया गया। इस एमओयू का उद्देश्य फिल्म, मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्रमें कौशलयुक्त मानव संसाधनों के विकास से भारत की रचनात्मक अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। समझौते के मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, सांस्कृतिक मामलों और आईटी मंत्री महाराष्ट्र सरकार के एडवोकेट आशीष शेलार, चेयरमैन एफटीआईआई आर माधवन, अतिरिक्त मुख्य सचिव सांस्कृतिक मामलों के विभाग महाराष्ट्र सरकार के विकास खारगे, एफटीआईआई, एमएफएससीडीसीएल और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
फिल्म मीडिया क्षेत्र में इस रणनीतिक साझेदारी का लक्ष्य एफटीआईआई की अकादमिक विशेषज्ञता और एमएफएससीडीसीएल के बुनियादी ढांचे और पहुंच क्षमताओं केसाथ साझेदारी में फिल्म निर्माण, टेलीविजन प्रोडक्शन और संबंधित तकनीकी क्षेत्रोंमें अल्पकालिक पाठ्यक्रम संचालित और बढ़ावा देना है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने कहाकि यह सहयोग एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है और क्रिएटर्स इकोनॉमी केलिए महाराष्ट्र एक राष्ट्रीय और वैश्विक केंद्र बनने केलिए तैयार है। उन्होंने कहाकि रचनात्मक क्षेत्रों के तेजी से मुद्रीकरण केसाथ दूरदराज के क्षेत्रों के व्यक्ति भी कंटेंट क्रिएटर के रूपमें उभर रहे हैं। उन्होंने बतायाकि इस साल मई में वेव्स 2025 के दौरान लॉंच एनएसई वेव्स इंडेक्स इतनी कम अवधि में ₹92,000 करोड़ से बढ़कर ₹1 लाख करोड़ हो गया है। उन्होंने कहाकि यह तकनीकी रूपसे कुशल और प्रमाणित पेशेवरों की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने औपचारिक प्रशिक्षण और प्रमाणीकरण के महत्व पर जोर दिया, यह देखते हुएकि कई प्रतिभाशाली व्यक्तियों केपास मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्रों की अनुपस्थिति के कारण पेशेवर अवसरों तक पहुंच नहीं है, यह समझौता संरचित प्रशिक्षण और प्रमाणन कार्यक्रम प्रदान करके इस कमी को दूर करेगा। महाराष्ट्र के मंत्री आशीष शेलार ने कहाकि यह सहयोग महाराष्ट्र के ग्रामीण छात्रों को फिल्म उद्योग में करियर बनाने में सक्षम बनाएगा। उन्होंने कहाकि यह रोज़गार के अवसर खोलेगा और महाराष्ट्र के प्रतिष्ठित फिल्मांकन स्थलों को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहाकि गोरेगांव, कोल्हापुर, प्रभादेवी और कर्जत में एमएफएससीडीसीएल केंद्रों पर प्रदान किए जानेवाले ये सहयोगी कौशल विकास पाठ्यक्रम रोज़गार के नए अवसर उपलब्ध कराएंगे। एफटीआईआई के चेयरमैन आर माधवन ने इस पहल की परिवर्तनकारी क्षमता का महत्व बताते हुए कहाकि छोटे शहरों के प्रतिभाशाली लोग इतिहास रच रहे हैं और स्थानीय कहानी कहने से लेकर वैश्विक आख्यानों तक भारत की रचनात्मक आवाजें भविष्य को आकार देने केलिए तैयार हैं।
अपर मुख्य सचिव सांस्कृतिक मामलों के विभाग महाराष्ट्र सरकार विकास खरगे ने कहाकि वर्तमान में हम ऐसे पाठ्यक्रमों की योजना बना रहे हैं, जो छात्रों को फिल्म निर्माण, सिनेमैटोग्राफी, डिजिटल प्रोडक्शन, एआई उपकरण, डबिंग, वॉयसओवर आदि में करियर केलिए तैयार करेंगे। उन्होंने कहाकि यह एमओयू एफटीआईआई की शैक्षणिक उत्कृष्टता को एमएफएससीडीसीएल के बुनियादी ढांचे और पहुंच केसाथ एकीकृत करके एक मजबूत इकोसिस्टम के विकास की परिकल्पना करता है। उन्होंने कहाकि यह सहयोग उद्यमिता, इन्क्यूबेशन और सांस्कृतिक पहलों का समर्थन करेगा, जो कौशल विकास और उद्योग जुड़ाव के राष्ट्रीय उद्देश्यों के अनुरूप है। विकास खरगे ने कहाकि यह पहल भारत सरकार के रचनात्मक क्षेत्र को सशक्त बनाने, रोज़गार बढ़ाने और भारत को कंटेंट निर्माण और सांस्कृतिक नवाचार में एक वैश्विक अगुवा के रूपमें स्थापित करने के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप है।