स्वतंत्र आवाज़
word map

रामू की फिल्म लड़की: एंटर द गर्ल ड्रैगन में तूफान

फिल्म में मार्शल आर्ट के साथ कामुकता पर भी है एक खुला नज़रिया

एक महिला का अंतिम हथियार एक महिला होना है-पूजा भालेकर

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 14 November 2021 02:06:47 PM

pooja bhalekar

मुंबई। फिल्म निर्माता निर्देशक रामगोपाल वर्मा की फिल्म 'डेंजरस' के राइट्स की सफलता केबाद पता चला हैकि अब उनकी अगली फिल्म लड़की: एंटर द गर्ल ड्रैगन के राइट्स को भी करोड़ों का खरीदार मिल गया है। यह फिल्म रिलीज़ होनेके पहले ही चर्चा में आ गई है, क्योंकि ये पहली भारतीय मार्शल आर्ट फ़िल्म है। यह इंडो-चाइनीस को-प्रोडक्शन में बनी है। दूसरी बात यहकि इस फिल्म के राइट 4 मिलियन यूएसडी डॉलर यानि तकरीबन 29 करोड़ रुपए में खरीद लिए गए हैं, जो इसकी लागत से कई ज्यादा हैं। रामगोपाल वर्मा केलिए यह दोहरी खुशी ही मानी जाएगी, जो इस एसोसिएशन और फिल्म इंडस्ट्री में आए इस बदलाव से काफी खुश दिखाई देते हैं। मार्शल आर्ट प्रधान यह फ़िल्म 10 दिसंबर को रिलीज़ होगी, जिसे रामगोपाल वर्मा ने डायरेक्ट किया है और फिल्म के मुख्य किरदार में नज़र आ रही है मार्शल आर्ट की पहचान पूजा भालेकर और साथ में हैं मल्होत्रा शिवम एवं प्रतीक परमार।
ट्रिकी मीडिया ने चाइना को छोड़कर इस फिल्म के वर्ल्डवाइड राइट्स खरीद लिए हैं। रामगोपाल वर्मा की फिल्म 'लड़की: एंटर द गर्ल ड्रैगन' के चाइनीस वर्जन का नाम 'द ड्रैगन गर्ल' है। यह 10 दिसंबर 2021 को ही मेनलैंड चाइना के बीस हज़ार सिनेमाघरों में भी रिलीज की जाएगी और वही उसे वर्ल्डवाइड तमिल और तेलुगु भाषाओं में रिलीज किया जाएगा। फिल्म की प्रोडक्शन आर्टसी मीडिया, बिग पीपल और चाइना फ़िल्म ग्रुप कारपोरेशन कंपनी दुबई के बुर्ज खलिफा में इंडो और चाइना के इस मेल प्रोजेक्ट का एक बड़ा इवेंट आयोजित किया जानेवाला है जिसमें इस फिल्म के अनछुए पहलू दुनिया को दिखाए जाएंगे। फिल्म लड़की: एंटर द गर्ल ड्रैगन में इसकी मुख्य अदाकारा पूजा भालेकर की ज़बरदस्त मार्शल आर्ट देखने को मिलेगी, जिसमें उसने कड़ी मेहनत की है। पूजा भालेकर ने मार्शल आर्ट के अपने कॅरियर केबारे में विस्तार से बताया है।
पूजा भालेकर का कहना हैकि उसने स्कूल के समय से ही मार्शल आर्ट शुरू कर दी थी, क्योंकि उसकी कभी भी पढ़ाई में विशेष रुचि नहीं थी और वह हमेशा खेल गतिविधियों में ही रहती थी। पूजा भालेकर का कहना हैकि उसने योग से शुरुआत की और फिर उसकी रुचि एक एथलीट बनने की ओर बढ़ गई, 100 मीटर स्प्रिंट, ऊंची कूद, 400 मीटर बाधा दौड़ उसकी खूबी थी। उसने बताया कि एक दिन उसने देखाकि कुछ लोग सफेद वर्दी पहने हुए किक और घूंसे का अभ्यास कर रहे हैं और पता चलाकि यह ताइक्वांडो नामक मार्शल आर्ट का एक रूप है। पूजा भालेकर ने बतायाकि उसे एक सहज एहसास हुआकि यही उसकी सच्ची कॉलिंग है, उसने अपने परिवार को अपने फैसले केबारे में बताया और विशेष रूपसे मां को और उसकी मार्शल आर्ट की यात्रा शुरू हो गई। पूजा भालेकर का कहना हैकि योग ने उसकी मदद की, जबकि एथलेटिक पृष्ठभूमि ने उसे धीरज एवं ताकत केसाथ मदद की और कुछ ही वर्ष में उसकी ताइक्वांडो प्रतियोगिताओं में पहचान बन गई।
पूजा भालेकर बताती हैकि बस दिन-ब-दिन और साल-दर-साल प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित रहा और एक दिन उसे रामगोपाल वर्मा का फोन आया, जिन्होंने किसी तरह मेरे बारे में पता लगाया था। पूजा भालेकर का कहना हैकि मुंबई में उनसे मुलाकात हुई और उस एक मुलाकात ने मेरे जीवन को बदल दिया। पूजा भालेकर ने बतायाकि वह ब्रूस ली से जुड़ गई और फिल्म लड़की में अपनी भूमिका केलिए खुद को तैयार करने केलिए विशेष लड़ाई शैली सीखना शुरू दी। पूजा कहती हैकि दुनिया में कोईभी, कभीभी ब्रूस ली नहीं हो सकता है, लेकिन मैं अपनी पहली फिल्म लड़की में ब्रूस ली के सबसे बड़े प्रशंसक की भूमिका निभाने के अवसर से रोमांचित हूं। वह कहती हैकि जैसाकि खुद ब्रूस ली ने कहा थाकि हमसब यहां जीवन में थोड़े समय केलिए हैं और हमारे जीवन का सबसे अच्छा समय और भी छोटा है...इसे एक तरह से जीने केलिए है, जो आप खुद सोचते हैं, वह आपके लिए सबसे अच्छा है।
पूजा भालेकर का कहना हैकि इन सभी को वह ईश्वर या प्रकृति प्रदत्त गुणों के रूपमें लेती है और इन्हें अपनी ताकत बनाने केलिए बहुत मेहनत की है। वह कहती हैकि पर्दे पर पहलीबार उसे न केवल एक कामुक महिला के रूपमें अपना शरीर दिखाने का अवसर मिल रहा है, बल्कि एक शक्ति समीकरण में टाइगर श्रॉफ, ऋतिक रोशन जैसे पुरुष एक्शन सितारों के रूपमें और एक शैली बनाने का अवसर मिला है। पूजा भालेकर का मानना हैकि एक महिला का अंतिम हथियार एक महिला होना है और इसमें उसका कामुक भाग शामिल है और यह परम महिला सशक्तिकरण केलिए एक सच्चा उदाहरण है। उसका कहना हैकि महिला सशक्तिकरण का मतलब काम पर एक महिला केलिए समान अवसरों केबारे में नहीं है, बल्कि यह उसकी कामुकता का सम्मान करने और उसे उचित सम्मान देने केबारे में भी है। वह कहती हैकि अपनी तस्वीरों, वीडियो, गानों और फिल्मों के माध्यम से मैं अपने हर हिस्से से शक्तिशाली हथियार बनाने की अपनी क्षमता की सीमाओं को धक्का देना चाहती हूं, चाहे वह मेरा शरीर हो या मेरी आत्मा या मेरा कौशल या मेरी कामुकता, एक गहन, लेकिन अत्यंत अनुशासित दृढ़ संकल्प को लागू करके।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]