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लोधेश्वर मंदिर पर भगदड़ की उच्चस्तरीय जांच हो-भाजपा

मृतकों के आश्रितों को 25 लाख रुपए मुआवजे की भी मांग

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Monday 11 March 2013 09:21:32 AM

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि अखिलेश यादव सरकार की तुष्टीकरण की नीति की वजह से प्रदेश में प्रशासनिक लापरवाही बढ़ी है, जिसके परिणामस्वरूप बाराबंकी के महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र लोधेश्वर देव मंदिर में तीर्थ यात्रियों को भी जान गवानी पड़ रही है। इस दुःखद घटना पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने दुःख व्यक्त किया है। भाजपा के प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा है कि अखिलेश सरकार आखिर घटनाओं से सबक क्यों नहीं ले रही है?
भाजपा मुख्यालय पर संवाददाताओं से बातचीत में प्रदेश भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इलाहाबाद में मौनी अमावस्या के दौरान प्रशासनिक लापरवाही के चलते भदगड़ हुई, जिसमें 37 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी, उसी तरह की कल फिर लापरवाही हुई, जिसमें तीर्थ यात्रियों को अपनी जान गवानी पड़ी। प्रशासन ने कुंभ के बाद होने वाले सबसे बड़े सालाना आयोजन महाशिवरात्रि के लिए कोई तैयारी नहीं की, नतीजा है कि शिवरात्रि में कॉवर यात्रा प्रशासनिक लापरवाही और बदइंतजामी का शिकार रही, कहीं कॉवरियों पर पथराव हुआ, तो कहीं कॉवरिएं मजबूरी में पथराव पर उतारू।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि भगदड़ में कई लोग घायल हुए हैं, तीर्थ यात्री भगदड़ के कारण काल के ग्रास बने, भीड़ को देखते हुए वहां पर्याप्त पुलिस का इंतजाम नहीं किया गया था, जब प्रशासन की जानकारी में है कि महाशिवरात्रि पर वहां लगभग 20 से 25 जनपदों के लोग जलाभिषेक करने आते हैं, जिनकी संख्या लगभग 5 से 8 लाख के भीतर होती है, तो फिर उसके अनुरूप व्यवस्था क्यों नहीं थी ? उन्होंने लोधेश्वर महादेव में घटी घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की और कहा कि मृतकों के परिजनों को 25 लाख रूपए मुआवजा तथा घायलों के निःशुल्क इलाज की व्यवस्था की जाए, प्राथमिक तौर पर जिम्मेदार अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई की जाए।
प्रवक्ता ने सवाल किया कि जब लोधेश्वर मंदिर की सारी व्यवस्था प्रशासनिक अधिकारियों के ही हाथ में है, वहां प्रशासक तैनात है, तो फिर क्यों यह ऑकलन नहीं हो पाया कि भीड़ को कैसे नियंत्रित किया जाए। जिस दौरान हादसा हुआ उस समय, कौन-कौन से प्रशासनिक अधिकारी मौके पर कैंप कर रहे थे, कितना पुलिस बल तैनात था, रात्रि में जब भीड़ बढ़ी, तो उसे नियंत्रित करने के इंतजाम क्यों नहीं हुए? इसी प्रकार प्रशासनिक बदइंतजामी का शिकार संत कबीरनगर का तानेश्वर नाथ मंदिर भी हुआ। वहां पुलिस बल के अभाव में भगदड़ मची पुलिसकर्मी भीड़ को नियंत्रित करने की बजाय डंडा भांजते हुए नज़र आए, भगदड़ हुई, और लोग घायल हुए।

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