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अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं देने के गंभीर प्रयास-मुख्यमंत्री

स्वास्थ्य जागरूकता के लिए गांव एडाप्ट कराने का विचार

ताज में ‘लीडरशिप समिट ऑन चाइल्ड सर्ववाइवल’

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 04 March 2013 06:54:52 AM

akhilesh yadav

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उनकी सरकार प्रदेश लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के गंभीर प्रयास कर रही है। बेहतर अवस्थापना सुविधाएं देकर डॉक्टरों की पहुंच सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी सुनिश्चित कर सकते हैं, इसकी सफलता के लिए छात्रों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है और उन्हें गांव एडाप्ट कराए जा सकते हैं। शनिवार को होटल ताज में हिंदुस्तान टाइम्स तथा एनजीओ सेव द चिल्ड्रेन के संयुक्त तत्वावधान में ‘नो चाइल्ड बॉर्न टु डाइ’ विषय पर आयोजित ‘लीडरशिप समिट ऑन चाइल्ड सर्ववाइवल’ को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जीवन का हक हर बच्चे को है, इसलिए सभी को मिलकर यह प्रयास करना चाहिए कि शिशु मृत्यु दर कैसे कम से कमतर की जाए। उन्होंने भरोसे कहा कि उनकी सरकार इस दिशा में सार्थक प्रयास करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को उच्चस्तरीय एवं प्रभावी बनाने के लिए लगातार सक्रिय प्रयास कर रही है। बीमारों को एंबुलेंस की सेवा शीघ्र उपलब्ध कराना इसी का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि शिशु के जीवन की रक्षा के लिए माँ का स्वस्थ होना जरूरी है, जागरूकता अभियान चलाकर शिशु मृत्यु दर कम की जा सकती है, अधिकतर मामलों में शिशुओं की मृत्यु जागरूकता के अभाव में होती है, इसके लिए जागरूकता अभियान जरूरी है और इस अभियान को हम तभी सफल बना सकते हैं, जब हमारी पहुंच लोगों तक हो, इसकी सफलता के लिए छात्रों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है और उन्हें गांव एडाप्ट कराए जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के प्रति उनकी सरकार अत्यंत गंभीर है और इसी उद्देश्य से रायबरेली में एम्स की स्थापना के लिए निःशुल्क जमीन भी उपलब्ध करा दी गई है। जनपद जालौन के माधौगढ़ क्षेत्र में अस्पताल के अभाव में लोगों को हो रही घोर असुविधा की ओर जब मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराया गया, तो उन्होंने वहां शीघ्र ही अस्पताल बनवाने की घोषणा की। समिट के प्रतिभागियों के न्यूट्रिशन तथा हेल्थ को शैक्षिणिक पाठ्यक्रमों को एक अलग विषय के रूप में सम्मिलित किए जाने के संबंध में एक प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक सकारात्मक प्रस्ताव है और इसे विषय के रूप में पाठ्यक्रमों में सम्मिलित करने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने इस अभियान के लिए किसी जानी-मानी हस्ती को ब्रांड एंबेसडर बनाने के प्रस्ताव पर भी विचार करने का आश्वासन दिया।
मुख्य सचिव जावेद उस्मानी ने भी समिट को संबोधित किया और कहा कि सुरक्षित प्रसव को सुनिश्चित कराने के लिए जिला महिला अस्पतालों का विस्तार एवं उच्चीकरण कार्य प्रगति पर है। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के जिला महिला अस्पतालों में पूर्व से उपलब्ध 4930 बेडों की संख्या को बढ़ाकर 10030 की जाएगी तथा 12 सीएचसी पर 50 बेडेड मैटरनिटी विंग्स एवं 78 सीएचसी पर 30 बेडेड मैटरनिटी विंग्स का भी निर्माण कराया जा रहा है। जावेद उस्मानी ने बताया कि राज्य सरकार की क्रिटिकल केसों के समुचित उपचार हेतु लखनऊ में 200 बेडयुक्त स्टेट एपेक्स रिफरल हास्पिटल फॉर मैटरनल एंड चाइल्ड हेल्थ बनाए जाने की योजना है। उन्होंने कहा कि जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम विगत वर्ष 141 अस्पतालों में लागू था, जिसे बढ़ाकर 566 अस्पतालों में लागू कराया जा रहा है। वर्ष 2013-14 में जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत सभी 985 ब्लाक स्तरीय अस्पतालों में सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
मुख्य सचिव ने हिंदुस्तान टाइम्स के चाइल्ड सर्वाइवल समिट के पूर्वान्ह वाले सत्र को संबोधित किया और सवास्थ्यम एवं जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के बारे में जानकारियां दीं। उन्होंने कहा कि आवश्यकता है कि प्रदेश सरकार की योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराकर अधिक से अधिक लोगों को लाभांवित कराया जाए, जिसके लिए आमजन की भी भागीदारी अवश्य सुनिश्चित होनी चाहिए। चाइल्ड सर्वाइवल समिट में डॉ पीके प्रभाकर उप आयुक्त चाइल्ड हेल्थ एमओएचएफएफ, एडिले खुद्र चीफ फील्ड ऑफिस यूनीसेफ, डॉ विश्वजीत कुमार सीईओ कम्यूनिटी इंपावरमेंट लैब, प्रोफेसर एके द्विवेदी निदेशक एएमएस, अखिलेश वाधवानी उप निदेशक बीएमजीएफ, डॉ राजीव टंडन सीनियर एडवाइजर स्वास्थ्य एवं पोषण, सेव द चिल्ड्रन ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

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