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भारत अब बि‍ना तराशे हीरों का प्रमुख बाज़ार

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Tuesday 12 February 2013 09:35:11 AM

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नई दिल्ली। भारत बि‍ना तराशे हीरों का प्रमुख अंतरर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। केंद्रीय वाणि‍ज्‍य उद्योग और वस्‍त्र मंत्री आनंद शर्मा ने भारत को बि‍ना तराशे हीरों का प्रमुख अंतराष्‍ट्रीय व्‍यापार केंद्र बनाने के लि‍ए गठि‍त कार्य-समूह दल की रि‍पोर्ट का अनावरण कि‍या और उसे स्‍वीकार कि‍या। इस कार्य दल का गठन पि‍छले कुछ समय से देश में हीरों के नि‍र्यात में आई गि‍रावट को ध्‍यान में रखते हुए वि‍देश व्‍यापार महानि‍देशक डॉ अनूप के पुजारी की अध्‍यक्षता में कि‍या गया था।
रि‍पोर्ट में बिना तराशे हीरों के आयात और व्‍यापार के लि‍ए वि‍शेष अधि‍सूचि‍त क्षेत्र की स्‍थापना, पि‍छले तीन वर्षों के औसत नि‍र्यातों की 15 प्रति‍शत की सीमा तक तराशे गए हीरों के आयात और पॉलि‍श कि‍ए गए हीरों को ड्यूटी फ्री रखने जैसी सि‍फारि‍शें की गई है। इस रि‍पोर्ट पर टि‍प्‍पणी करते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि‍ भारतीय हीरा उद्योग का वि‍वेक और भारत सरकार की स्‍वच्‍छ और उत्‍तरदायी हीरा व्‍यापार के प्रति‍ प्रति‍बद्धता वास्‍तव में ही बहुत ऊंची है।
इस कार्य दल में उद्योग और सरकार दोनों के सदस्‍य शामि‍ल हैं। इस दल ने भारतीय हीरा उद्योग से संबंधि‍त व्‍यापार सहायता, कराधान, वि‍त्‍तीय प्रयास और प्रोत्‍साहन मामलों की व्‍यापक समीक्षा की है। यह रि‍पोर्ट सरकार के लि‍ए बहुत महत्‍वपूर्ण है, क्‍योंकि देश ने हीरों के नि‍र्माण में अग्रणीय स्‍थि‍ति‍ प्राप्‍त की है और इसमें समाज के कमजोर वर्गों के अनेक लोगों को रोज़गार मि‍ला हुआ है।
कार्य दल की मुख्‍य सि‍फारि‍शों में बेनि‍न मूल्‍यांकन प्रक्रि‍या (बीएपी) के अधीन आंकलन प्रक्रि‍या की दर 6 प्रति‍शत से घटाकर ढाई प्रति‍शत करने, तराशे और पॉलि‍श कि‍ए गए हीरों के आयात के लि‍ए‍ 15 प्रति‍शत ड्यूटी-फ्री पुन: आयात कोटा, बि‍ना तराशे हीरों के आयात और व्‍यापार के लि‍ए वि‍शेष अधि‍सूचि‍त क्षेत्र की स्‍थापना, भारत में हीरों की खानों के लि‍ए लाभदायक नीति‍ परि‍भाषि‍त करना, 200 करोड़ रुपए की तकनीकी उन्‍नयन नि‍धि‍ योजना (टीयूएफएस) की स्‍थापना, हीरों के जेनरि‍क प्रोत्‍साहन के लि‍ए उद्योग की भागीदारी में कोष की स्‍थापना और नि‍र्यात की व्‍यापार लागत को घटाने के लि‍ए अन्‍य प्रक्रि‍या संबंधी सुझाव आदि‍ शामि‍ल हैं। उद्योग ने वि‍शि‍ष्‍ट मुद्दों को सुलझाने का प्रयास करने में सरकार की क्रि‍यात्‍मक भूमि‍का की सराहना की है।

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