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'आप' के शासन की सफलता पर बड़ा संशय

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Tuesday 7 January 2014 09:01:39 PM

aap delhi

नई दिल्ली। भारतीय राजनीति पर अच्‍छी समझ रखने वाले अमेरिका के एक राजनीति विश्‍लेषक जॉन इकेवेरी गेंट का मानना है कि दिल्‍ली की आम आदमी पार्टी (आप) का भारतीय राजनीतिक व्यवस्था से भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकने का का लक्ष्य हासिल कर पाना कठिन है। भारत में भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए कड़े कानूनों की जरूरत होती है और कानून बनाने का अधिकार भारत सरकार के हाथ में है, केवल दिल्‍ली में एक सरकार बना लेने से कोई भ्रष्टाचार खत्म नहीं हो जाएगा। श्रोताओं को उनके इस विश्‍लेषण से सहमत होते पाया गया। कुछ का तो यहां तक कहना था कि दिल्‍ली में 'आप' के शासन की सफलता पर संशय है, क्‍योंकि इसके वादों का पूरा होना मु‌श्‍किल ही नहीं, बल्‍कि असंभव है, जो जनता में आक्रोश का कारण बनेगा।
वर्जीनिया विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर जॉन इकेवेरी गेंट ने सोमवार की शाम दिल्‍ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में ‘अर्थव्यवस्था, व्यापार और भारत के 2014 के चुनाव’ विषय पर अपने विचार प्रकट करते हुए दिल्‍ली के राजनीतिक घटनाक्रम का उल्‍लेख किया। प्रोफेसर जॉन ने कहा कि इस मामले में सभी का यही सवाल है कि क्या आप का झाड़ू देश से भ्रष्टाचार का अंत कर देगा? लेकिन केवल एक सरकार बना लेने से आप पार्टी भ्रष्टाचार का अंत नहीं कर सकती है, भले ही आप ने दिल्ली विधानसभा में जीत हासिल कर सरकार बना ली है, लेकिन आम चुनाव में उसके प्रदर्शन को देखना होगा और निजी तौर पर मेरा मानना है कि वे 50 से अधिक सीटें नहीं जीत सकते हैं। इकेवेरी गेंट को भारत की खंडित राजनीति का विशेषज्ञ माना जाता है।
कार्यक्रम के समापन पर वक्‍ताओं और श्रोताओं के बीच आम आदमी पार्टी और उसकी कार्यप्रणाली पर अनौपचारिक चर्चा भी हुई जो, इस निष्‍कर्ष के साथ खत्‍म हुई कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए अभी कांग्रेस या भाजपा को नकार देने के बारे में नहीं सोचा जा सकता, भले ही आप पार्टी ने दिल्‍ली में 28 विधानसभा सीटें जीतकर कांग्रेस को सत्‍ता से बाहर किया है। आम आदमी पार्टी के नेता दिल्‍ली की समस्‍याओं को छोड़कर देश के विभिन्‍न संवेदनशील मुद्दों पर जिस प्रकार के बयान दे रहे हैं, उससे दिल्‍ली की जनता मोह भंग हो जाएगा, तब कोई इसकी उतनी चर्चा भी नहीं करेगा। सबसे महत्‍वपूर्ण बात तो यह है कि आप के कुछ महत्‍वपूर्ण वादों का ज्‍यादातर संबंध तो भारत सरकार से है। कांग्रेस जब तक चाहेगी ये सरकार चलेगी। कांग्रेस की नज़र दिल्‍ली में जनता की देर-सवेर आप से नाराज़गी पर है। आप वादे पूरे नहीं कर पाएगी, यह कांग्रेस भी जानती है ‌और भाजपा भी जानती है। 

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