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नहाय खाय के साथ शुरू हुआ छठ महापर्व

प्रधानमंत्री की बिहार सहित देश विदेश के श्रद्धालुओं को बधाई!

'छठ महापर्व आस्था आराधना और प्रकृति प्रेम का एक अनूठा संगम'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 25 October 2025 12:00:10 PM

chhath mahaparva (file photo)

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हैकि छठी मैया का आशीर्वाद सभी को प्राप्त हो, छठ महापर्व में आस्था, आराधना और प्रकृति प्रेम का एक अनूठा संगम है। उन्होंने कहाकि इसमें जहां अस्ताचलगामी और उदयमान सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाता है, वहीं प्रसाद में भी प्रकृति के विविध रंगों का समावेश होता है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि छठ पूजा के गीत और धुनों में भी भक्ति और प्रकृति की अद्भुत भावना भरी होती है। उन्होंने कहाकि मेरा सौभाग्य हैकि कल ही मुझे शायरी जाने का अवसर मिला, बिहार की कोकिला शारदा सिन्हा का शील से आत्मीय संबंध है, शारदा सिन्हा और बिहार के कई लोक कलाकारों ने अपने अनुकरणीय प्रयासों से छठ महापर्व को आस्था के एक अलग ही भाव से जोड़ा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छठ महापर्व के पावन अवसर पर देश और दुनियाभर के श्रद्धालुओं को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं, जो आज नहाय खाय की पारंपरिक रस्मों केसाथ शुरू हो चुका है। प्रधानमंत्री ने व्रतियों की अटूट श्रद्धा को नमन किया और इस चार दिवसीय पर्व के गहन सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला। नरेंद्र मोदी ने कहाकि मैं छठी मइया के ऐसे अवशेषों को साझा कर रहा हूं, जिसमें हर कोई मंत्रमुग्ध हो जाए। उन्होंने छठ महापर्व की बढ़ती वैश्विक मान्यता को स्वीकारते हुए कहाकि दुनियाभर में भारतीय परिवार पूरे श्रद्धाभाव से पारंपरिक अनुष्ठान में भाग लेते हैं। प्रधानमंत्री ने छठी मैया को समर्पित एक भक्ति गीत साझा किया और सभीको इसकी आध्यात्मिक गूंज में डूबने केलिए आमंत्रित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखाकि भारत की संस्कृति का यह विराट उत्सव सात्विकता और संयम का प्रतीक है, इसमें पवित्रता और नियम निष्ठा अतुलनीय है। उन्होंने लिखाकि इस मौके पर छठ पूजा के विधिविधानों केलिए सजे घाटों पर जो दृश्य दिखाई देता है, उसमें पारिवारिक और सामाजिक सौहार्द की अद्भुत प्रेरणा होती है, छठ की प्राचीन परंपरा का हमारे समाज पर बहुत गहरा प्रभाव है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि अब तो विश्व के कोने-कोने में छठ पर्व को संस्कृति के महाउत्सव के रूपमें मनाया जाता है, दुनियाभर में रहनेवाले भारतवंशी परिवार इसमें पूर्ण आत्मीयता से समाविष्ट होते हैं।

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