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मंगोलियाई राष्ट्रपति और मोदी की गर्मजोशीभरी भेंट

भारत मंगोलिया संबंधों पर डाक टिकट और एक पेड़ माँ के नाम रोपित किया

'भारत मंगोलिया की साझा विरासत विविधता गहरे सभ्यतागत संबंधों का प्रतीक'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 14 October 2025 05:43:06 PM

mongolian president and pm narendra modi

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंगोलिया के राष्ट्रपति उखनागीन खुरेलसुख की आज नई दिल्ली में गर्मजोशीभरी मुलाकात हुई। हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगोलिया के राष्ट्रपति उखनागीन खुरेलसुख केसाथ संयुक्त प्रेस वक्तव्य जारी किया। नरेंद्र मोदी ने कहाकि छह वर्ष केबाद मंगोलिया के राष्ट्रपति का भारत आना अपने आपमें एक बहुत विशेष अवसर है और यह यात्रा तब हो रही है, जब भारत और मंगोलिया अपने राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष और स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप के 10 वर्ष मना रहे हैं। नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति उखनागीन खुरेलसुख ने भारत मंगोलिया संबंधों पर संयुक्त डाक टिकट जारी किया, जो भारत और मंगोलिया की साझा विरासत, विविधता और गहरे सभ्यतागत संबंधों का प्रतीक है।
मंगोलिया के राष्ट्रपति उखनागीन खुरेलसुख और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साझा कियाकि आज उनकी मुलाकात की शुरुआत ‘एक पेड़ माँ के नाम’ वृक्षारोपण से हुई। प्रधानमंत्री ने कहाकि राष्ट्रपति उखनागीन खुरेलसुख ने अपनी माताजी के नाम पर जो वटवृक्ष लगाया है, वह आनेवाली कई पीढ़ियों तक भारत मंगोलिया की गहरी मित्रता और पर्यावरण केप्रति दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक रहेगा। नरेंद्र मोदी ने याद कियाकि दस साल पहले उनकी मंगोलिया यात्रा के दौरान उन्होंने राष्ट्रपति उखनागीन खुरेलसुख केसाथ भारत मंगोलिया की साझेदारी को रणनीतिक रूप दिया था और इस एक दशक में इस रणनीतिक साझेदारी के हर आयाम में नई गहराई, नया विस्तार आया है। उन्होंने कहाकि दोनों देशों में रक्षा और सुरक्षा सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है, ट्रेनिंग कार्यक्रमों से लेकर दूतावास में रक्षा अटैशे की नियुक्ति तक हमने कई पहलें की हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि मंगोलिया के सीमा सुरक्षाबलों केलिए भारत नए कपैसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम प्रारंभ करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि वैश्विक मुद्दों पर हमारा दृष्टिकोण हमारे साझा मूल्यों पर आधारित है, अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत मंगोलिया करीबी साझेदार हैं, रणनीतिक मुक्त, खुला, समावेशी और नियम आधारित इंडो-पेसिफिक का समर्थन करते हैं, ग्लोबल साउथ की आवाज़ को सशक्त करने केलिए भी दोनों देश मिलकर काम करते हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत और मंगोलिया के संबंध केवल राजनयिक नहीं हैं, यह दोनों देशों केबीच आत्मीय और आध्यात्मिक बंधन है और असली गहराई और व्यापकता दोनों देशों के लोगों केबीच संबंध में दिखाई पड़ती है। प्रधानमंत्री ने कहाकि सदियों से दोनों देश बौद्ध धर्म के सूत्र में बंधे हैं, जिसकी वजह से भारत और मंगोलिया को आध्यात्मिक भाई-बहन भी कहा जाता है। उन्होंने कहाकि आज इस परंपरा को और प्रगाढ़ बनाने व इन ऐतिहासिक संबंधों को नई ताकत देने केलिए हमने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि अगले वर्ष भगवान बुद्ध के दो महान शिष्य सारिपुत्र और मौद्गल्या यन के पवित्र अवशेष को भारत से मंगोलिया भेजा जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि हम ‘गंदन मॉनेस्टेरी’ में एक संस्कृत शिक्षक भी भेजेंगे, ताकि वहां के बौद्ध ग्रंथों का गहराई से अध्ययन किया जा सके और प्राचीन ज्ञान परंपरा का विस्तार किया जा सके। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमने 1 मिलियन प्राचीन पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण प्रोजेक्ट को भी शुरू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने उल्लेख कियाकि मंगोलिया में बौद्ध धर्म केलिए नालंदा विश्वविद्यालय की अहम भूमिका है और आज नालंदा और गंदन मॉनेस्टेरी को साथ जोड़कर हम संबधों में एक नई ऊर्जा लाएंगे। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत मंगोलिया के संबंध केवल सरकारों तक सीमित नहीं हैं, आज लद्दाख ऑटानमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल और मंगोलिया के आर खाँगाय प्रांत केबीच समझौते से दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंधों को नई ऊर्जा मिली है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमारी सरहदें भलेही जुड़ी हुई नहीं हैं, लेकिन भारत ने मंगोलिया को हमेशा एक अच्छे पड़ोसी के रूपमें देखा है और इसी नाते हम लोगों केबीच संबंध को और ज्यादा सुदृढ़ करते रहेंगे। नरेंद्र मोदी ने कहाकि मंगोलिया के नागरिकों को निःशुल्क ई-वीजा दिया जाएगा, साथही भारत हर साल मंगोलिया से युवा कल्चरल एम्बेसडर्स की भारत यात्रा भी प्रायोजक करेगा।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत मंगोलिया के विकास में एक दृढ़ और विश्वसनीय साझेदार है, भारत की 1.7 बिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट से बन रही तेल रिफाइनरी परियोजना मंगोलिया की ऊर्जा सुरक्षा को नई मजबूती देगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह भारत का विश्व में सबसे बड़ा डेवलपमेंट प्रोजेक्ट है और ढाई हजार से भी अधिक भारतीय अपने मंगोलियाई साथियों केसाथ मिलकर इसको साकार कर रहें हैं। उन्होंने कहाकि हमने स्किल डेवलपमेंट सहयोग को बढ़ावा दिया है, अटल बिहारी वाजपेई सेंटर ऑफ एक्सलंस फॉर आईटी और भारत-मंगोलिया फ्रेंडशिप स्कूल से मंगोलियाई युवाओं के सपनों को नई उड़ान मिल रही है। उन्होंने कहाकि ये सभी प्रोजेक्ट्स भारत मंगोलिया की गहरी मित्रता की मिसाल हैं। दोनों राजनेताओं ने कई ऐसे प्रोजेक्ट्स की भी घोषणा की, जो सामान्य मानवी के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएंगे। उन्होंने कहाकि हमारे संबंध दो प्राचीन सभ्यताओं केबीच विश्वास और मैत्री की ठोस नीव पर टिके हैं और साझी सांस्कृतिक विरासत, लोकतांत्रिक मूल्यों और विकास केलिए साझी प्रतिबद्धता इन्हें सींचती है। दोनों राजनेताओं ने कहाकि हम इस स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को एक नई ऊंचाई पर ले जाएंगे।

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