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एचपीसीएल और बीपीसीएल को सबसे ज्‍यादा पुरस्‍कार

तेल संपत्ति की सुरक्षा के लिए बेहतर तरीके अपनाएं-पेट्रोलियम मंत्री

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 19 July 2013 12:37:00 PM

veerappa moily

नई दिल्‍ली। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री वीरप्‍पा मोइली और राज्‍यमंत्री पनाबाका लक्ष्‍मी ने आज यहां तेल उद्योग सुरक्षा महानिदेशालय के एक समारोह में तेल एवं गैस संगठनों के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारियों को वर्ष 2011-12 के तेल उद्योग सुरक्षा पुरस्‍कार प्रदान किए। ये पुरस्‍कार तेल एवं गैस उद्योग में सुरक्षा मानकों को बढ़ावा देने के लिए दिए गए। इन पुरस्‍कारों की शुरुआत 1987 में हुई थी। वर्ष 2011-12 के लिए 16 तेल उद्योग संगठनों को तेल उद्योग सुरक्षा पुरस्‍कार प्रदान किए गए। सुरक्षा के क्षेत्र में समय-समय पर महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ठेके के कामगारों और कर्मचारियों को भी व्‍यक्तिगत तौर पर पुरस्‍कार दिए गए।
डॉ वीरप्‍पा मोइली ने पुरस्‍कार विजेताओं को बधाई देते हुए कहा कि कंपनियों के सभी संचालनों में सुरक्षा मानकों का विशेष ख्‍याल रखा जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि मंत्रालय का ध्‍यान तेल एवं गैस उद्योग में कामकाज के माहौल को सुरक्षित और दुर्घटना रहित बनाने पर है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने तेल एवं गैस उद्योग क्षेत्र में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 1986 में तेल उद्योग सुरक्षा निदेशालय (ओआईएसडी) का गठन किया था। ओआईएसडी के मानक और सुरक्षा ऑडिट से तेल उद्योग को काफी फायदा हुआ। ओआईएसडी को हाल ही में आईएसओ 9002 प्रमाण-पत्र दिया गया।
उन्‍होंने कहा कि देश का तेल और गैस उद्योग देश के विभिन्‍न भागों में सस्‍ते मूल्‍य पर ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में महत्‍वपूर्ण योगदान दे रहा है। उन्‍होंने उद्योग की महत्‍ता को रेखांकित करते हुए उद्योग में बेहतरीन सुरक्षा उपायों को लागू करने पर जोर दिया। उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रीय तेल संपत्ति का संरक्षण और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तेल संगठनों को सक्षम सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली लागू करना चाहिए।
पनाबाका लक्ष्‍मी ने कहा कि तेल कंपनियों के परिसर में न सिर्फ जीवन और संयत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी, बल्कि यह भी ध्‍यान देना होगा कि आसपास के इलाकों, वातावरण और समाज को भी किसी तरह का कोई खतरा उत्‍पन्‍न न हो। इस मौके पर पेट्रोलियम सचिव विवेक राय ने कहा कि ओआईएसडी को सीधे या पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) के अधीन संवैधानिक दर्जा दिया जाना चाहिए। उन्‍होंने बताया कि इस बारे में सरकार शीघ्र फैसला लेगी।

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