स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 10 October 2025 05:21:34 PM
नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और अफ़गानिस्तान के विदेश मंत्री मौलवी अमीर ख़ान मुत्ताक़ी की आज नई दिल्ली में गर्मजोशीभरी मुलाकात हुई। दोनों समकक्ष मंत्रियों ने इस मुलाकात को भारत और अफ़गानिस्तान केबीच गहरे दीर्घकालिक संबंधों केलिए बहुत महत्वपूर्ण और भारत-अफ़ग़ानिस्तान की स्थायी मित्रता को पुष्ट करने की दिशामें एक महत्वपूर्ण कदम बताया। दोनों मंत्रियों ने अफ़ग़ानिस्तान के विकास, द्विपक्षीय व्यापार, क्षेत्रीय अखंडता, स्वतंत्रता, लोगों केबीच संबंधों और क्षमता निर्माण केलिए भारत के समर्थन पर चर्चा की। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस अवसर पर कहाकि भारत काबुल स्थित अपने तकनीकी मिशन को भारतीय दूतावास के स्तरतक उन्नत करेगा। उन्होंने विदेश मंत्री मौलवी अमीर ख़ान मुत्ताक़ी और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कहाकि हमें एकबार पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद और दूसरीबार कुनार एवं नंगरहार भूकंप केबाद एकदूसरे से बात करने के अवसर मिले हैं। उन्होंने कहाकि हालाकि हमारी व्यक्तिगत मुलाकात का विशेष महत्व है, क्योंकि इससे हमें अपने दृष्टिकोणों का आदान प्रदान करने, साझा हितों की पहचान करने, घनिष्ठ सहयोग को और ज्यादा घनिष्ठ करने का अवसर मिला है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहाकि एक निकटवर्ती पड़ोसी और अफ़ग़ान लोगों के शुभचिंतक के रूपमें भारत अफ़ग़ानिस्तान के विकास और प्रगति में गहरी रुचि रखता है। उन्होंने पुनः पुष्टि कीकि हमारी दीर्घकालिक साझेदारी, जिसके तहत अफ़ग़ानिस्तान में कई भारतीय परियोजनाएं चल रही हैं, नवीनीकृत हुई हैं, हम तैयार परियोजनाओं के रखरखाव और मरम्मत केसाथ उन अन्य परियोजनाओं को पूरा करने के उपायों पर भी चर्चा कर सकते हैं, जिनके लिए हम पहलेही प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहाकि भारत ने लंबे समय से अफ़ग़ानिस्तान की स्वास्थ्य सुरक्षा केलिए कोविड महामारी के दौरान भी समर्थन दिया है, अब हम छह नई परियोजनाओं केलिए प्रतिबद्ध हैं, जिनका विवरण हमारी वार्ता के समापन केबाद घोषित किया जाएगा। एस जयशंकर ने कहाकि अफ़ग़ानिस्तान को 20 एम्बुलेंस का उपहार सद्भावना का एक और संकेत है और प्रतीकात्मक कदम के रूपमें उनमें से 5 व्यक्तिगत रूपसे विदेश मंत्री मौलवी अमीर ख़ान मुत्ताक़ी को सौंपी। एस जयशंकर ने कहाकि भारत अफ़ग़ान अस्पतालों को एमआरआई और सीटी स्कैन मशीनें, टीकाकरण एवं कैंसर की दवाइयां भी पहुंचाएगा। उन्होंने कहाकि हमने यूएनओडीसी के माध्यम से दवा पुनर्वास सामग्री प्रदान की है और आगेभी ऐसा करने केलिए तैयार हैं।
एस जयशंकर ने कहाकि पिछले महीने भूकंप आनेके कुछही घंटे के भीतर प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता के रूपमें भारतीय राहत सामग्री भूकंप स्थलों पर पहुंचा दी गई थी और हम प्रभावित क्षेत्रोंमें आवासों के पुनर्निर्माण में योगदान देना चाहेंगे। उन्होंने कहाकि भारत अफ़ग़ान लोगों को खाद्य सहायता प्रदान करने में आगे रहा है, आजही काबुल में एक और खेप पहुंचाई जाएगी। उन्होंने जिक्र कियाकि जबरन स्वदेश भेजे गए अफ़ग़ान शरणार्थियों की दुर्दशा गहरी चिंता का विषय है, उनकी गरिमा और आजीविका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहाकि भारत उनके लिए आवासों के निर्माण में मदद करने और उनके जीवन के पुनर्निर्माण केलिए भौतिक सहायता प्रदान करना जारी रखने केलिए सहमत है। एस जयशंकर ने कहाकि हमारे दोनों देशों का जल प्रबंधन और सिंचाई पर सहयोग का एक उत्पादक इतिहास है, हम इस संबंध में अफ़ग़ानिस्तान की ओर से आगे की प्रगति में रुचि देखते हैं और उसके जल संसाधनों के सतत प्रबंधन पर सहयोग करने केलिए तैयार हैं। उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान में खनन के अवसरों का पता लगाने केलिए भारतीय कंपनियों को दिए गए निमंत्रण की तहेदिल से सराहना की। उन्होंने कहाकि व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने में हमारी साझा रुचि है एवं काबुल और नई दिल्ली केबीच अतिरिक्त उड़ानों की शुरुआत पर खुशी है।
एस जयशंकर ने कहाकि हमारे शैक्षिक और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों ने लंबे समय से अफ़ग़ान युवाओं का पोषण किया है, हम अफ़ग़ान छात्रों केलिए भारतीय विश्वविद्यालयों में अध्ययन के अवसर बढ़ाएंगे। उन्होंने कहाकि खेल एक और दीर्घकालिक संबंध है, अफ़ग़ान क्रिकेट प्रतिभाओं का उदय वास्तव में प्रभावशाली है, भारत को अफ़ग़ान क्रिकेट केप्रति अपना समर्थन बढ़ाकर खुशी हो रही है। उन्होंने कहाकि जैसाकि आप जानते हैंकि भारत ने अप्रैल 2025 में अफ़ग़ान लोगों केलिए एक नया वीज़ा मॉड्यूल शुरू किया है, परिणामस्वरूप अब हम चिकित्सा, व्यवसाय और छात्र श्रेणियों सहित अधिक संख्या में वीज़ा जारी कर रहे हैं। एस जयशंकर ने कहाकि विकास और समृद्धि केप्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता है, हालाकि ये दोनों देशों के सामने सीमापार आतंकवाद के साझा खतरे से ख़तरे में हैं, हमें आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों से निपटने के प्रयासों में समन्वय करना चाहिए। उन्होंने कहाकि हम भारत की सुरक्षा चिंताओं केप्रति अफ़ग़ानिस्तान की संवेदनशीलता की सराहना करते हैं, पहलगाम आतंकवादी हमले केबाद भारत केसाथ अफ़ग़ानिस्तान की एकजुटता उल्लेखनीय थी।
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मौलवी अमीर ख़ान मुत्ताक़ी ने मीडिया को दिए वक्तव्य में कहाकि मैं दिल्ली आकर प्रसन्न हूं, अफगानिस्तान के विदेश मंत्री के रूपमें यह मेरी पहली भारत यात्रा है और मैं भारतीय विदेश मंत्री और भारत सरकार के गर्मजोशीभरे आतिथ्य की सराहना करता हूं। मौलवी अमीर ख़ान मुत्ताक़ी ने कहाकि इस्लामी सिद्धांतों के आधार पर अफ़ग़ानिस्तान सभी देशों केसाथ सकारात्मक संबंध चाहता है, भारत केपास इस सकारात्मक दिशामें आगे बढ़ने का एक अच्छा अवसर है, हमें उम्मीद हैकि एक संतुलित नीति दूसरों को भी प्रोत्साहित करेगी। मौलवी अमीर ख़ान मुत्ताक़ी ने कहाकि अफ़ग़ानिस्तान सैन्य हस्तक्षेप या किसीकी मौजूदगी की इजाज़त नहीं देगा, अफ़ग़ानिस्तान इस्लामिक अमीरात ने पिछले चार वर्ष में यह साबित कर दिया हैकि अफ़ग़ानिस्तान की ज़मीन का इस्तेमाल दूसरों के ख़िलाफ़ नहीं किया जाएगा और वह इस नीति पर कायम हैकि अफ़ग़ानिस्तान की ज़मीन का इस्तेमाल दूसरों को धमकाने केलिए नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहाकि दोनों पक्ष एक व्यापार समिति बनाने पर सहमत हुए हैं, निवेश, खनिज और ऊर्जा के क्षेत्रमें गतिविधियों के संदर्भ में अफगानिस्तान में खुले अवसरों के कारण हमने भारतीय पक्ष को इन क्षेत्रोंमें काम करने केलिए आमंत्रित किया।
मौलवी अमीर ख़ान मुत्ताक़ी ने कहाकि मैंने अपने समकक्ष विदेश मंत्री एस जयशंकर केसाथ आर्थिक, राजनीतिक, कूटनीतिक, क्षेत्रीय और सुरक्षा सहित विस्तृत बैठक की, कुछ उपलब्धियों में भारत सरकार के दूतावास में तकनीकी उपस्थिति का उन्नयन और इस्लामिक अमीरात का राजनयिक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली पहुंचेगा। उन्होंने कहाकि हम अपने व्यापार को मज़बूत करने केलिए हवाई गलियारे को मज़बूत करने पर भी सहमत हुए। मौलवी अमीर ख़ान मुत्ताक़ी ने अफ़ग़ानिस्तान में स्वास्थ्य गतिविधियों को व्यापक बनाने का संकल्प लिया और भूकंप पीड़ितों केलिए भारत की ओर से प्रदान की गई सहायता की सराहना की। उन्होंने यहां यह भी उल्लेख कियाकि अफ़ग़ानों के साहस की परीक्षा नहीं ली जानी चाहिए, अगर कोई ऐसा करना चाहता है तो उसे सोवियत संघ, अमेरिका और नाटो से पूछना चाहिए, ताकि वे समझा सकेंकि अफ़ग़ानिस्तान केसाथ खेलना ठीक नहीं है। उन्होंने कहाकि अफ़ग़ानिस्तान सीमा केपास सुदूर इलाकों में हमला हुआ है, हम पाकिस्तान की इस हरकत को ग़लत मानते हैं, समस्याओं का समाधान ऐसे नहीं हो सकता, हमने बातचीत का दरवाज़ा खुला रखा है, उन्हें अपनी समस्या खुद सुलझानी चाहिए। उन्होंने कहाकि अफ़ग़ानिस्तान में 40 साल बाद शांति और प्रगति हुई है, इससे किसीको कोई समस्या नहीं होनी चाहिए, हम एक स्वतंत्र राष्ट्र हैं, अगर हमारे यहां शांति है तो लोग परेशान क्यों हैं? मौलवी अमीर ख़ान मुत्ताक़ी ने व्यापक और विस्तृत बातचीत की।