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Thursday 9 October 2025 05:55:07 PM
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की पहली भारत यात्रा पर कहा हैकि प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के नेतृत्व में ब्रिटेन और भारत के रिश्तों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। दोनों प्रधानमंत्रियों ने आज मुंबई में एक संयुक्त प्रेस वक्तव्य जारी किया। नरेंद्र मोदी ने याद कियाकि इसी साल जुलाई में उनकी ब्रिटेन यात्रा के दौरान उन्होंने ऐतिहासिक व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौता (सीईटीए) पर सहमति व्यक्त की थी। प्रधानमंत्री ने कहाकि इस समझौते के कुछही महीने बाद प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर केसाथ आए अबतक के सबसे बड़े व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल से भारत-यूके साझेदारी में नई ऊर्जा और व्यापकता का प्रतीक है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि समझौते से दोनों देशों केबीच इम्पोर्ट लागत में कमी आएगी, युवाओं केलिए रोज़गार के नए अवसर बनेंगे, व्यापार बढ़ेगा और इसका लाभ दोनों देशों के उद्योग जगत एवं उपभोक्ताओं दोनों को ही मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बतायाकि कल भारत ब्रिटेन के व्यापारिक नेताओं की सबसे बड़ी समिट हुई और आज हमने भारत-ब्रिटेन सीईओ फोरम और ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल को संबोधित किया है। उन्होंने कहाकि इन पहलों से भारत ब्रिटेन सहयोग को और ज्यादा मज़बूत बनाने के अनेक सुझाव और नई संभावनाएं सामने आएंगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत और यूके प्राकृतिक पार्टनर्स हैं, दोनों देशों के संबंधों की नीव में लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून का शासन जैसे मूल्यों में साझा विश्वास है। उन्होंने कहाकि मौजूदा वैश्विक अस्थिरता के दौरमें भारत यूके की बढ़ती साझेदारी वैश्विक स्थिरता और आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण आधार है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमने इंडो पेसिफिक, पश्चिम एशिया में शांति, स्थिरता और यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर भी विचार साझा किए। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत, यूक्रेन कान्फ्लिक्ट और गाज़ा के मुद्दे पर डायलॉग और डिप्लोमसी से शांति की बहाली के सभी प्रयासों का समर्थन करता है। उन्होंने कहाकि हम भारत-प्रशांत क्षेत्रमें समुद्री सुरक्षा सहयोग बढ़ाने केलिए पूर्ण रूपसे प्रतिबद्ध हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उल्लेख कियाकि भारत यूके केबीच प्रौद्योगिकी साझेदारी में अपार संभावनाएं हैं, हम दोनों यूके की औद्योगिक विशेषज्ञता, अनुसंधान एवं विकास को भारत के टैलेंट और पैमाने केसाथ जोड़ने पर काम रहे हैं। उन्होंने कहाकि पिछले वर्ष हमने भारत यूके प्रौद्योगिकी सुरक्षा पहल लॉंच की थी, इसके तहत हमने महत्वपूर्ण और उभरती हुई प्रौद्योगिकियों में जॉइंट रिसर्च और इनोवेशन केलिए एक मज़बूत मंच तैयार किया है। उन्होंने कहाकि दोनों देशों की युवा पीढ़ी को इनोवेशन ब्रिज से जोड़ने केलिए हमने कनेक्टिविटी और इनोवेशन सेंटर, जॉइंट एआई अनुसंधान सेंटर’ जैसे कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहाकि हमने महत्वपूर्ण खनिज पर सहयोग केलिए इंडस्ट्री गिल्ड और सप्लाइ चेन बेधशाला की स्थापना का निर्णय लिया है, इसका सैटेलाइट कैंपस आईएसएम धनबाद में होगा। उन्होंने कहाकि सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स केप्रति हमारी साझी प्रतिबद्धता है, हम इस दिशामें भारत यूके अपतटीय पवन कार्यबल के गठन का स्वागत करते हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमने जलवायु प्रौद्योगिकी स्टार्टअप फंड की स्थापना की है, इससे दोनों देशों के जलवायु, प्रौद्योगिकी और एआई में काम कररहे इनोवेटर्स और उद्यमियों को समर्थन मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि रक्षा और सुरक्षा से एजुकेशन और इनोवेशन तक भारत और यूके के रिश्तों में नए आयाम गढ़े जा रहे हैं। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर केसाथ शिक्षा क्षेत्रका अबतक का सबसे बड़ा और प्रभावशाली प्रतिनिधिमंडल आया है। उन्होंने कहाकि यह बहुत खुशी की बात हैकि अब ब्रिटेन अपने नौ विश्वविद्यालयों के भारत में परिसर खोलने जा रहा है। उन्होंने कहाकि साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के गुरुग्राम परिसर का हालही में उद्घाटन हुआ है और छात्रों का पहला समूह प्रवेश भी ले चुका है, साथ ही गिफ्ट सिटी में यूके की तीन अन्य विश्वविद्यालय के परिसर निर्माण का कार्य प्रगति पर है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत-ब्रिटेन केबीच रक्षा सहयोग भी बढ़ा है, दोनों देश डिफेंस सह-निर्माण की ओर बढ़ रहे हैं, दोनों देशों की डिफेंस इंडस्ट्रीज़ को जोड़ रहे हैं। उन्होंने कहाकि रक्षा सहयोग को एक कदम आगे बढ़ाते हुए हमने मिलिटरी ट्रेनिंग में सहयोग पर समझौता किया है, इसके तहत भारतीय वायुसेना के फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर्स यूके की रॉयल एयर फ़ोर्स में प्रशिक्षक के रूपमें कार्य करेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि ये विशेष संयोग हैकि जहां एक ओर देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में ये बैठक हो रही है, वहीं दूसरी ओर हमारे नौसैनिक जहाज कोंकण-2025 जॉइंट एक्सर्साइज़ कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि यूके में बसे 1.8 लाख भारतीय हमारी साझेदारी की जीवंत कड़ी हैं, ब्रिटिश समाज और अर्थव्यवस्था में अपने मूल्यवान योगदान से, उन्होंने दोनों देशों केबीच मित्रता, सहयोग और विकास के पुल को मज़बूत किया है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत की गतिशीलता और यूके की विशेषज्ञता मिलकर एक अद्वितीय तालमेल बनाती है। उन्होंने कहाकि हमारी साझेदारी भरोसेमंद है, प्रतिभा और प्रौद्योगिकी ड्रिवन है और आज जब मैं और प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर मंच पर एकसाथ हैं तो ये हमारा स्पष्ट कमिटमेंट हैकि हम एकसाथ मिलकर दोनों देशों के लोगों केलिए एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेंगे।
भारत और ब्रिटेन केबीच इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण समझौते हुए जैसे-भारत यूके कनेक्टिविटी और नवाचार केंद्र की स्थापना। एआई केलिए भारत यूके संयुक्त केंद्र की स्थापना। यूके भारत महत्वपूर्ण खनिज आपूर्ति श्रृंखला वेधशाला के द्वितीय चरण का शुभारंभ तथा आईआईटी आईएसएम धनबाद में एक नए उपग्रह परिसर की स्थापना। लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करने और हरित प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने केलिए क्रिटिकल मिनरल्स इंडस्ट्री गिल्ड की स्थापना। बेंगलुरु में लैंकेस्टर विश्वविद्यालय का परिसर खोलने केलिए आशयपत्र सौंपे गए। गिफ्ट सिटी में सरे विश्वविद्यालय का परिसर खोलने केलिए सैद्धांतिक मंजूरी। भारत यूके संयुक्त आर्थिक व्यापार समिति का पुनर्गठन, जो सीईटीए के कार्यांवयन में सहायता करेगा तथा दोनों देशों में आर्थिक विकास और रोज़गार सृजन को बढ़ावा देगा। जलवायु प्रौद्योगिकी स्टार्टअप फंड में एक नया संयुक्त निवेश, जो जलवायु प्रौद्योगिकी और एआई जैसे क्षेत्रोंमें नवोन्मेषी उद्यमियों को समर्थन देने केलिए यूके सरकार और भारतीय स्टेट बैंक केबीच समझौते केतहत एक रणनीतिक पहल है। जैव चिकित्सा अनुसंधान कैरियर कार्यक्रम के तीसरे चरण का शुभारंभ। अपतटीय पवन कार्यबल की स्थापना। स्वास्थ्य अनुसंधान पर आईसीएमआर और एनआईएचआर यूनाइटेड किंगडम केबीच आशयपत्र।