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Sunday 5 October 2025 04:42:39 PM
गांधीनगर। केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने गांधीनगर से राष्ट्रव्यापी जागरुकता अभियान ‘आपकी पूंजी, आपका अधिकार’ की शुरुआत कर दी है। वित्तमंत्री ने कहाकि इस अभियान का एक सरल, लेकिन शक्तिशाली संदेश हैकि नागरिकों का बचाया गया प्रत्येक रुपया उन्हें या उनके परिवारों को वापस मिलना चाहिए। वित्तमंत्री ने कहाकि अदावाकृत जमा, बीमा राशि, लाभांश, म्यूचुअल फंड शेष और पेंशन केवल कागज पर लिखी प्रविष्टियां नहीं हैं, वे सामान्य परिवारों की कड़ी मेहनत से अर्जित बचत का प्रतिनिधित्व करते हैं, ऐसी बचत जो शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और वित्तीय सुरक्षा में सहायक हो सकती है। इस अवसर पर गुजरात के वित्तमंत्री कनुभाई देसाई, डीएफएस के सचिव एम नागराजू, भारतीय रिज़र्व बैंक के कार्यकारी निदेशक, आईआरडीएआई, सेबी, पीएफआरडीए के पूर्णकालिक सदस्य, भारत सरकार, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी और प्रमुख वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
केंद्रीय वित्तमंत्री ने इस अभियान के मार्गदर्शक सिद्धांतों के रूपमें जागरुकता, पहुंच और कार्रवाई के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहाकि ‘आपकी पूंजी, आपका अधिकार’ जागरुकता का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना हैकि प्रत्येक नागरिक और समुदाय को लावारिस संपत्तियों का पता लगाने के बारेमें जानकारी हो। अभियान पहुंच सरलीकृत डिजिटल उपकरण और ज़िलास्तरीय पहुंच प्रदान करने पर केंद्रित है, कार्रवाई समयबद्ध और पारदर्शी दावा निपटान पर बल देती है। निर्मला सीतारमण ने कहाकि ये तीनों स्तंभ नागरिकों और वित्तीय संस्थानों केबीच की खाई को पाटने, सामुदायिक जागरुकता को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने में मदद करेंगेकि प्रत्येक व्यक्ति सम्मान और आसानी से अपनी सही बचत को प्राप्त कर सके। वित्तमंत्री ने हाल हीमें चलाए गए केवाईसी और पुनः केवाईसी अभियान में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, विशेष रूपसे गुजरात ग्रामीण बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों की सक्रिय भूमिका की सराहना की और कहाकि इन प्रयासों ने नागरिकों और औपचारिक वित्तीय प्रणाली केबीच संबंध को और मज़बूत किया है।
निर्मला सीतारमण ने बतायाकि गांवों और कस्बों में की गई ऐसी पहलों ने यह सुनिश्चित किया हैकि लाभार्थी अपनी बचत और अधिकारों से जुड़े रहें, जिससे वर्तमान अभियान की सफलता की मज़बूत नींव पड़ी है। निर्मला सीतारमण ने आर्थिक संस्थाओं से आग्रह कियाकि वे लावारिस वित्तीय परिसंपत्तियों के संबंध में इस राष्ट्रव्यापी पहल में समान समर्पण और पहुंच बनाए रखें, ताकि कोईभी नागरिक अपने वैध धन से वंचित न रह जाए। निर्मला सीतारमण ने उन लाभार्थियों को प्रमाणपत्र भी सौंपे, जिन्होंने विभिन्न संस्थानों से अपनी दावारहित जमाराशि को सफलतापूर्वक वापस पा लिया है। गुजरात के वित्तमंत्री कनुभाई देसाई ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और कहाकि गुजरात से इस राष्ट्रव्यापी अभियान का शुभारंभ राज्य केलिए गौरव की बात है। उन्होंने सक्रिय भागीदारी और पहुंच के माध्यम से इसके सफल क्रियांवयन केलिए पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। कनुभाई देसाई ने कहाकि लाभार्थियों की शिक्षा, सशक्तिकरण और अन्य वित्तीय ज़रूरतों केलिए दावा न की गई जमा धनराशि बहुत उपयोगी है। कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री और गांधीनगर से सांसद अमित शाह का एक संदेश भी पढ़ा गया।
केंद्रीय गृहमंत्री ने नागरिकों को इस अभियान में सक्रिय रूपसे भाग लेने केलिए प्रोत्साहित किया और शुभकामनाएं दीं। गृहमंत्री ने संदेश में इसबात पर ज़ोर दिया हैकि यह अभियान केवल दावा न की गई वित्तीय संपत्तियों की वापसी तक सीमित नहीं है, बल्कि जनता के विश्वास, सम्मान और सशक्तिकरण को मज़बूत करने की दिशामें एक सामूहिक प्रयास का प्रतीक है। वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू ने उल्लेख कियाकि अगस्त 2025 तक 75000 करोड़ रुपये से अधिक की दावारहित जमाराशियां आरबीआई के जमाकर्ता शिक्षा एवं जागरुकता कोष में स्थानांतरित कर दी गई हैं। उन्होंने बतायाकि दावा न कीगई बीमा राशि 13800 करोड़ रुपये से अधिक है, म्यूचुअल फंड में दावा न कीगई शेष राशि लगभग 3000 करोड़ रुपये है, और 9000 करोड़ रुपये से अधिक का अवैतनिक लाभांश है। वित्तीय सेवा सचिव ने कहाकि दावों का निपटारा शीघ्रता, निष्पक्षता और नागरिकों केलिए अनावश्यक बाधाओं के बिना किया जाना चाहिए, ताकि वे स्पष्टता और विश्वास केसाथ आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहाकि इस अभियान का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक के वित्तीय सशक्तिकरण के विभाग के दीर्घकालिक लक्ष्य को प्राप्त करना है।
गौरतलब हैकि गुजरात से आपकी पूंजी, आपका अधिकार अभियान की शुरूआत केसाथ केंद्र सरकार ने वित्तीय समावेशन को हर घर केलिए सार्थक, पारदर्शी और सुलभ बनाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है। व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने केलिए अभियान अक्टूबर-दिसंबर 2025 के दौरान सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में आयोजित किया जाएगा। डिजिटल प्रदर्शन और हेल्प डेस्क नागरिकों को उनकी लावारिस वित्तीय संपत्तियों का आसानी से पता लगाने और उनपर दावा करने में सहायता करेंगे, जो नागरिक केंद्रित शासन केप्रति सरकार की प्रतिबद्धता और जीवन को आसान बनाने के व्यापक दृष्टिकोण को दर्शाता है। वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग से समन्वित यह अभियान भारतीय रिज़र्व बैंक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण, पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण, निवेशक शिक्षा और संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए) केसाथ-साथ बैंकों, बीमा कंपनियों, म्यूचुअल फंड और पेंशन संस्थानों को एक साझा मंच पर लाता है।