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भारत विश्व में शक्ति और प्रगति का आदर्श बने-मुर्मु

भारतीय सांख्यिकी कौशल एवं इंजीनियरिंग के परिवीक्षाधीनों को संबोधन

विकसित भारत निर्माण का मार्ग चुनने के लिए बधाई और शुभकामनाएं!

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 29 September 2025 03:46:09 PM

president droupadi murmu

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज भारतीय सांख्यिकी सेवा, भारतीय कौशल विकास सेवा और केंद्रीय इंजीनियरिंग सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों को राष्ट्रपति भवन में संबोधित करते हुए उन्हें प्रतिष्ठित यूपीएससी परीक्षा में सफल होकर जनसेवा के माध्यम से विकसित भारत निर्माण का मार्ग चुनने केलिए बधाई और शुभकामनाएं दीं। राष्ट्रपति ने प्रशिक्षु अधिकारियों में प्रमुख नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाने और अपने-अपने क्षेत्रोंमें सकारात्मक बदलाव लाने का विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने कहाकि वे सभी 'ग्रुप ए' केंद्रीय सेवाओं से संबंधित हैं जैसाकि उन्हें कहा जाता हैकि वे सभी अपने-अपने क्षेत्रोंमें सबसे वरिष्ठ पद पर तैनात होंगे और न केवल नीति कार्यांवयन, बल्कि प्रभावी फीडबैक के जरिए नीति निर्माण में भी अनुकरणीय भूमिका निभाएंगे। राष्ट्रपति ने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहाकि कमज़ोर एवं वंचित वर्गों केप्रति विशेषकर उनकी प्रतिबद्धता देश के विकास की गति निर्धारित करेगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भारतीय सांख्यिकी सेवा के प्रशिक्षुओं से कहाकि प्रभावी शासन में मापन योग्य और परिमाणात्मक संकेतकों के महत्व को नकारा नहीं जा सकता, ठोस नीति निर्माण और कार्यांवयन सटीक सांख्यिकीय विश्लेषण पर निर्भर करते हैं। उन्होंने उल्लेख कियाकि आज के आंकड़ों पर आधारित विश्व में आंकड़ों की प्रासंगिकता अत्यधिक बढ़ गई है, चाहे हम भारत की वैश्विक रैंकिंग की बात करें या दुनिया की सबसे तेज़ीसे बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूपमें उसकी स्थिति की, ये सभी कथन सांख्यिकीय साक्ष्यों से ही समर्थित हैं। उन्होंने कहाकि सांख्यिकीय अधिकारियों के रूपमें आधिकारिक आंकड़ों के संकलन और विश्लेषण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है, उनका कार्य सरकारी और गैर सरकारी दोनों हितधारकों का समर्थन करता है। राष्ट्रपति ने कहाकि उनकी नौकरी केलिए सांख्यिकीय विधियों में गहन विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है, जिसका उपयोग वे देश की बढ़ती आंकड़ों और सूचना संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने केलिए करेंगे। उन्होंने कहाकि भारत सामाजिक, आर्थिक और डिजिटल परिवर्तन के युग में है, उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने से शासन में पारदर्शिता और दक्षता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, ये तकनीकी पहल डेटा का एक सतत प्रवाह उत्पन्न करती हैं, जिससे सरकार अधिक सूचित और प्रभावी निर्णय लेने में सक्षम होती है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यांवयन मंत्रालय के विभिन्न विभाग प्रमुख वृहद आर्थिक संकेतक और महत्वपूर्ण डेटा सेट नियमित रूपसे जारी करते हैं। उन्होंने कहाकि नागरिकों और देश की प्रगति केलिए योजना और नीति निर्माण में सहायक डेटा की विश्वसनीयता, सटीकता और प्रासंगिकता सुनिश्चित करने में आपकी विशेषज्ञता अत्यंत महत्वपूर्ण होगी। राष्ट्रपति ने भारतीय कौशल विकास सेवा के प्रशिक्षुओं से कहाकि कौशल और ज्ञान किसीभी राष्ट्र के आर्थिक विकास और सामाजिक प्रगति के सच्चे इंजन हैं, जो देश उच्च कुशल कार्यबल विकसित करते हैं, वे वैश्विक चुनौतियों का सामना करने और विकास के विभिन्न क्षेत्रों में उभरते अवसरों का लाभ उठाने केलिए बेहतर ढंग से सक्षम होते हैं। उन्होंने कहाकि जैसे-जैसे भारत प्रौद्योगिकी संचालित विकास पथ पर आगे बढ़ रहा है, यह आवश्यक हैकि हमारे युवा उन्नत तकनीकी कौशल को अपनाएं और उनके अनुकूल ढलें। राष्ट्रपति ने कहाकि जैसाकि हम जानते हैंकि आईएसडीएस की स्थापना देशभर में कौशल विकास पहलों के प्रभावी, कुशल और समन्वित कार्यांवयन को सुनिश्चित करने केलिए की गई है। उन्होंने कहाकि उन्हें भरोसा हैकि आईएसडीएस अधिकारी विशिष्ट कौशल प्रशासकों के एक संवर्ग के रूपमें उभरेंगे और एक सुदृढ़, भविष्य तैयार कार्यबल को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, भारत को विश्व की कौशल राजधानी बनाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने केंद्रीय इंजीनियरिंग सेवा के प्रशिक्षुओं से कहाकि यह गर्व की बात हैकि वे 171 वर्ष की गौरवशाली विरासत वाले सबसे पुराने केंद्रीय सरकारी इंजीनियरिंग संगठनों में से एक के जरिए देशसेवा करने जा रहे हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि औपनिवेशिककाल में स्थापित सीपीडब्ल्यूडी बादमें राष्ट्रीय विकास के साधनों मेंसे एक बन गया। उन्होंने कहाकि सीपीडब्ल्यूडी ने राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देना जारी रखा हुआ है, हालाकि तीव्र परिवर्तन और उभरती प्रौद्योगिकियों के वर्तमान दौर में सीपीडब्ल्यूडी को निरंतर विकसित होने की आवश्यकता है। द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि इंजीनियर किसी देश की तकनीकी प्रगति और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, उनको बढ़ते ज्ञान और तेज़ी से विकसित हो रही तकनीकों की चुनौतियों का सामना करने केलिए तैयार रहना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहाकि बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे के विकास पर सरकार के ज़ोरदार ध्यान केसाथ इंजीनियरिंग क्षेत्रमें उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना है। उन्होंने कहाकि सीपीडब्ल्यूडी जैसे संगठनों को इन पहलों केलिए तकनीकी आधार प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए, यह सुनिश्चित करना भी ज़रूरी हैकि विकास टिकाऊ हो।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को यह जानकर खुशी हुईकि सीपीडब्ल्यूडी कई केंद्र सरकार की इमारतों पर सौर रूफटॉप पैनल लगाने और ऊर्जा अक्षम विद्युत प्रणालियों को बदलने जैसे पर्यावरण अनुकूल उपाय अपना रहा है। उन्होंने परिवीक्षार्थियों से आग्रह कियाकि वे सदैव समाज के सबसे वंचित वर्गों की प्रगति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कार्य करें, उनके चुने गए विकल्प और कार्य केप्रति समर्पण, लोगों के जीवन को प्रभावित करेंगे। राष्ट्रपति ने कहाकि लगन और निष्ठा केसाथ सेवा करके वे एक ऐसे राष्ट्र निर्माण में योगदान दे सकते हैं, जो अधिक समृद्ध, लचीला और समावेशी हो, वे अपने ईमानदार प्रयासों से यह सुनिश्चित कर सकते हैंकि भारत विश्व के समक्ष शक्ति और प्रगति का आदर्श बने। उन्होंने आशा व्यक्त कीकि वे सभी एक समावेशी और विकसित भारत केलिए प्रतिबद्धता और उत्साह केसाथ कार्य करेंगे।

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