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'शांति संस्कृति का संगम अरुणाचल देश का गौरव'

प्रधानमंत्री ने अरुणाचल प्रदेश को दी विभिन्न विकास कार्यों की सौगात

'डबल इंजन सरकार में अरुणाचल प्रदेश की देश के साथ कदमताल'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 22 September 2025 06:13:42 PM

prime minister gave the gift of various development works to arunachal pradesh

ईटानगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पूर्वोत्तर भारत की अष्टलक्ष्मी के रूपमें प्रसिद्ध राज्यों में एक अरुणाचल प्रदेश में 5100 करोड़ रुपये से अधिक लागत के विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर सर्वशक्तिमान डोनयी पोलो केप्रति अपार श्रद्धा व्यक्त की और उनसे सभीपर कृपा की प्रार्थना की। प्रधानमंत्री ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहाकि डबल इंजन सरकार में विकास के विभिन्न क्षेत्रों में अरुणाचल प्रदेश देश केसाथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है। उन्होंने जिक्र कियाकि हेलीपैड से मैदान तककी यात्रा, मार्ग में अनगिनत लोगों से मिलना और बच्चों युवाओं को राष्ट्रीय ध्वज थामे देखना जैसे अरुणाचल प्रदेश के गर्मजोशीभरे आतिथ्य ने उन्हें गौरवांवित कर दिया। उन्होंने कहाकि अरुणाचल प्रदेश न केवल उगते सूरज की धरती है, बल्कि देशभक्ति की भी भूमि है, जिस तरह राष्ट्रीय ध्वज का पहला रंग केसरिया है, उसी तरह अरुणाचल प्रदेश की आत्मा भी केसरिया रंग से आरंभ होती है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि अरुणाचल प्रदेश का वीरता और सादगी का प्रतीक है, तवांग मठ से नामसाई के गोल्डन पैगोडा तक अरुणाचल प्रदेश शांति और संस्कृति के संगम का प्रतिनिधित्व करता है, यह भारत का गौरव है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश की अपनी यात्रा को तीन अलग-अलग कारणों से विशिष्ट बताते हुए कहाकि पहला नवरात्रि के प्रथम दिन उन्हें सुंदर पर्वत श्रृंखलाओं के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ, इस दिन भक्त हिमालय की पुत्री मां शैलपुत्री की पूजा करते हैं, दूसरा देशभर में जीएसटी सुधार लागू और जीएसटी बचत महोत्सव का शुभारंभ है। तीसरा उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में बिजली, कनेक्टिविटी, पर्यटन, स्वास्थ्य सहित विभिन्न क्षेत्रोंमें विकास परियोजनाओं के उद्घाटन का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि अरुणाचल प्रदेश में ये उपलब्धियां केंद्र और राज्य सरकारों के दोहरे लाभ को दर्शाती हैं। उन्होंने इन विकास परियोजनाओं केलिए अरुणाचल प्रदेश के लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहाकि यद्यपि अरुणाचल प्रदेश सूर्य की किरणें सबसे पहले प्राप्त करता है, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण हैकि त्‍वरित विकास की किरणों को इस क्षेत्र तक पहुंचने में कई दशक लग गए। नरेंद्र मोदी ने कहाकि अरुणाचल प्रदेश को अपनी भूमि, श्रमशील नागरिकों और अपार संभावनाओं केसाथ प्रकृति का भरपूर आशीर्वाद प्राप्त है, इन विशिष्‍टताओं केबावजूद दिल्ली से शासन करने वाले पूर्ववर्ती लोगों ने इसकी लगातार उपेक्षा की। उन्होंने कुछ राजनीतिक दलों की इस सोच की आलोचना कीकि कम आबादी और केवल दो लोकसभा सीटों वाले अरुणाचल प्रदेश पर ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है वाले दृष्टिकोण ने अरुणाचल प्रदेश और पूरे पूर्वोत्तर को बहुत हानि पहुंचाई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि 2014 में राष्ट्रसेवा का अवसर मिलने केबाद उन्होंने देश को पिछली सरकार की मानसिकता से मुक्त करने का संकल्प लिया, उनकी सरकार की मार्गदर्शक प्रेरणा किसी राज्य में वोटों या सीटों की संख्या नहीं, बल्कि राष्ट्र प्रथम का सिद्धांत है। उन्होंने सरकार के मूल मंत्र 'नागरिक देवोभव' को दोहराया और कहाकि जिन लोगों को पहले कभी सम्मान नहीं मिला, वे अब मोदी केलिए पूजनीय हैं। उन्होंने कहाकि विपक्ष के शासनकाल में उपेक्षित रहा पूर्वोत्तर 2014 केबाद विकास प्राथमिकताओं का केंद्र बन गया है, इसका विकास बजट कई गुना बढ़ा दिया गया और अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी एवं वितरण को प्रशासन की पहचान बना दिया गया। उन्होंने कहाकि शासन अब दिल्ली तक सीमित नहीं रहेगा, अधिकारियों और मंत्रियों को नियमित रूप से पूर्वोत्तर का दौरा करना होगा और वहां रहना होगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत सरकार में केंद्रीय मंत्रियों ने 800 से अधिक बार पूर्वोत्तर का दौरा किया है, ये दौरे प्रतीकात्मक नहीं हैं, केंद्रीय मंत्री रातभर रुकने और क्षेत्र केसाथ सार्थक संवाद करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि वे स्वयं 70 से अधिक बार पूर्वोत्तर का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने बतायाकि पिछले सप्‍ताह ही उन्होंने मिज़ोरम, मणिपुर, असम का दौरा किया और गुवाहाटी में रात बिताई। उन्होंने पूर्वोत्तर केप्रति अपने गहरे लगाव को व्‍यक्‍त करते हुए कहाकि उनकी सरकार ने भावनात्मक दूरी को पाटकर दिल्ली को लोगों के और निकट ला दिया है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि पूर्वोत्तर के राज्य अष्टलक्ष्मी के रूपमें पूजनीय हैं, इसलिए इन्हें विकास यात्रा में पीछे नहीं छोड़ा जा सकता। उन्होंने कहाकि केंद्र सरकार इनकी प्रगति केलिए पर्याप्त धनराशि आवंटित कर रही है, अरुणाचल प्रदेश को इसी अवधि में 16 गुना अधिक एक लाख करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त हुए हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि यही कारण हैकि अरुणाचल प्रदेश में आज इतना व्यापक और तेज़ विकास दिख रहा है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि पूर्वोत्तर राज्य सुशासन पर मजबूत फोकस केसाथ राष्ट्र के विकास में एक प्रेरक शक्ति के रूपमें उभर रहे हैं। उन्होंने पुष्टि कीकि सरकार केलिए नागरिक कल्याण से बढ़कर कुछभी नहीं है, नागरिक जीवन को सरल बनाने केलिए सरकार ईज ऑफ लिविंग, यात्रा की कठिनाइयों को कम करने केलिए ईज़ ऑफ ट्रैवल, स्वास्थ्य सेवा की पहुंच में सुधार करने केलिए ईज़ ऑफ मेडिकल ट्रीटमेंट, शिक्षा में सहायता केलिए ईज़ ऑफ एजुकेशन और व्यापार को सुविधाजनक बनाने केलिए ईज़ ऑफ डूईंग बिज़नेस पर काम किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारें इन लक्ष्यों को अर्जित करने केलिए सक्रिय रूपसे प्रयास कर रही हैं, जिन क्षेत्रोंमें सड़कें कभी अकल्पनीय थीं, अब वहां गुणवत्तापूर्ण राजमार्गों का निर्माण हो रहा है, सेला सुरंग जैसा बुनियादी ढांचा, जिसे कभी असंभव माना जाता था, अब अरुणाचल प्रदेश की प्रगति का प्रतीक बन गया है, सुदूर इलाकों में हेलीपोर्ट स्थापित करने, उड़ान योजना के अंतर्गत एकीकृत करने का कार्य कर रही है, होलोंगी हवाई अड्डे पर नया टर्मिनल भवन बनाया गया है, जहां से अब दिल्ली केलिए सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि इस विकास से न केवल नियमित यात्रियों, छात्रों और पर्यटकों, बल्कि स्थानीय किसानों और छोटे उद्योगों को भी लाभ होगा, फलों, सब्जियों और अन्य उत्पादों को देशभर के प्रमुख बाजारों तक पहुंचाना अब बहुत सुगम हो गया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि राष्ट्र 2047 तक एक विकसित देश बनने के लक्ष्य में सामूहिक रूपसे काम कर रहा है और यह विजन तभी साकार हो सकता है, जब प्रत्येक राज्य राष्ट्रीय उद्देश्यों के अनुरूप प्रगति करे। उन्होंने संतोष व्यक्त कियाकि पूर्वोत्तर राज्य इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत ने 2030 तक सौर, पवन और जल विद्युत सहित गैरपारंपरिक स्रोतों से 500 गीगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है, अरुणाचल प्रदेश इस मिशन में सक्रिय रूपसे योगदान दे रहा है। उन्होंने दो नई बिजली परियोजनाओं की घोषणा की, जो बिजली उत्पादक के रूपमें अरुणाचल प्रदेश की स्थिति को मजबूत करेंगी, हजारों युवाओं केलिए रोजगार सृजित करेंगी और बिजली उपलब्ध कराएंगी। प्रधानमंत्री ने कठिन विकास कार्यों को टालने की विपक्षी दल की लंबे समय से चली आरही प्रवृत्ति की आलोचना की, जिसका अरुणाचल प्रदेश और पूरे पूर्वोत्तर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि चुनौतीपूर्ण भूभाग को अक्सर विपक्षी दलों ने पिछड़ा और उपेक्षित घोषित किया है, जिससे जनजातीय क्षेत्रों को सबसे ज़्यादा नुकसान हुआ है, सीमावर्ती गांवों को अंतिम गांव बताकर पिछली सरकारों को ज़िम्मेदारी से बचने और अपनी विफलताओं को छिपाने का अवसर मिल गया, इस कारण जनजातीय और सीमावर्ती क्षेत्रों से लोगों का निरंतर पलायन हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि पिछड़े कहे जानेवाले जिलों को अब आकांक्षी जिलों के रूपमें पुनर्परिभाषित किया गया है और विकास को प्राथमिकता दी गई है, सीमावर्ती गांव अब देश के प्रथम गांव के रूपमें पहचाने जाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की सफलता ने जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार किया है, अकेले अरुणाचल प्रदेश में ही ऐसे 450 से अधिक सीमावर्ती गांवों में तेज़ीसे विकास हुआ है और अब इन क्षेत्रोंमें सड़क, बिजली और इंटरनेट जैसी आवश्यक बुनियादी सुविधाएं हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि जहां सीमावर्ती क्षेत्रों से शहरों की ओर पलायन कभी आम बात थी, वहीं अब ये गांव पर्यटन के नए केंद्र के रूपमें उभर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि जैसेजैसे नए क्षेत्रों तक कनेक्टिविटी का विस्तार हो रहा है, पर्यटन भी लगातार बढ़ रहा है, इस एक दशक में अरुणाचल प्रदेश आनेवाले पर्यटकों की संख्या दोगुनी हो गई है, यहां पर्यटन शक्ति प्रकृति और संस्कृति से कहीं आगे तक फैली हुई है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि तवांग में बनने वाला आधुनिक कन्वेंशन सेंटर राज्य के पर्यटन परिदृश्य में एक नया आयाम जोड़ेगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज अरुणाचल प्रदेश में जो तेज़ विकास दिखाई दे रहा है, वह दिल्ली और ईटानगर दोनों जगहों पर कार्यरत उनकी सरकारों का परिणाम है। उन्होंने कैंसर संस्थान के निर्माण कार्य के शुभारंभ और क्षेत्रमें मेडिकल कॉलेजों की स्थापना का ज़िक्र किया। उन्होंने कहाकि आयुष्मान भारत योजना के तहत असंख्य नागरिकों को नि:शुल्‍क उपचार प्राप्‍त हुआ है। उन्होंने कहाकि ये उपलब्धियां केंद्र और राज्य दोनों स्‍थानों पर उनकी सरकारों के कारण ही संभव हुई हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि अरुणाचल प्रदेश कृषि और बागवानी क्षेत्रमें उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है, कीवी, संतरा, इलायची और अनानास जैसे स्थानीय उत्पाद राज्य को एक नई पहचान दे रहे हैं और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना इस क्षेत्रके किसानों केलिए अत्‍यधिक लाभप्रद साबित हो रही है। प्रधानमंत्री ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और उनकी टीम की खूब प्रशंसा की। उन्होंने राज्य में कई कामकाजी महिला छात्रावासों की शुरुआत का भी उल्‍लेख किया, जिससे युवतियों को अत्‍यधिक लाभ होगा। अरुणाचल प्रदेश की देशभक्ति की भावना की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि यहां के लोग नमस्कार से पहले ही जय हिंद कहते हैं और राष्ट्र को स्वयं से ऊपर रखते हैं। उन्होंने कहाकि जैसे जैसे देश विकसित भारत के निर्माण केलिए सामूहिक रूपसे प्रयासरत है, आत्मनिर्भरता की राष्ट्रीय अपेक्षा भी बढ़ रही है। उन्होंने कहाकि भारत तभी विकसित होगा, जब वह आत्मनिर्भर बनेगा और इसके लिए स्वदेशी का मंत्र आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने नागरिकों से स्वदेशी अपनाने का आग्रह किया और केवल भारत में बने उत्पादों को खरीदने, बेचने तथा उन्हें गर्व से स्वदेशी घोषित करने के महत्व पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहाकि इससे राष्ट्र अरुणाचल प्रदेश और पूरे पूर्वोत्तर राज्यों का विकास और तेजगति पकड़ेगा। शिलान्यास कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल केटी परनाइक (सेवानिवृत्त), अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, राज्य सरकार के मंत्री, सांसद नाबम रेबिया, तापिर गाओ, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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