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भारत में सेमीकंडक्टर इकोसिस्‍टम मज़बूत-मोदी

दुनिया भारत केसाथ सेमीकंडक्टर का भविष्य बनाने केलिए तैयार

दिल्ली में सेमीकॉन इंडिया 2025 कार्यक्रम का उद्घाटन किया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 2 September 2025 04:19:44 PM

pm narendra modi

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्‍टम को गति प्रदान करने वाले भव्य 'सेमीकॉन इंडिया-2025' कार्यक्रम का यशोभूमि नई दिल्ली में उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में देश विदेश के सेमीकंडक्टर उद्योग के सीईओ, उनके सहयोगियों, सेमीकंडक्टर क्षेत्र के विशेषज्ञ, स्टार्टअप उद्यमियों और देशभर के विभिन्न राज्यों से आए युवाओं का स्वागत करते हुए कहाकि वे कल रातही जापान और चीन की यात्रा से लौटे हैं और आज आकांक्षाओं व आत्मविश्वास से परिपूर्ण यशोभूमि परिसर में उनके बीच उपस्थित हैं। हमेशा से स्वाभाविक और सर्वविदित प्रौद्योगिकी केप्रति अपने जुनून का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि जापान यात्रा के दौरान उन्हें जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा केसाथ टोक्यो इलेक्ट्रॉन कारखाने का दौरा करने का अवसर मिला, उस कंपनी के सीईओ भी आज यहां मौजूद हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि यह अनूठा संयोजन एक स्पष्ट संदेश देता हैकि दुनिया भारत पर भरोसा करती है, दुनिया भारत में विश्वास करती है और दुनिया भारत केसाथ सेमीकंडक्टर का भविष्य बनाने केलिए तैयार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेमीकॉन इंडिया में उपस्थित महानुभाव एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की दिशा में भारत की यात्रा में महत्वपूर्ण भागीदार हैं। इसवर्ष की पहली तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों का उल्‍लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि जहां दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाएं आर्थिक निजी स्वार्थ से प्रेरित चिंताओं और चुनौतियों का सामना कर रही हैं, वहीं भारत ने 7.8 प्रतिशत की विकास दर हासिल कर ली है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि यह वृद्धि सभी क्षेत्रों विनिर्माण, सेवा, कृषि और निर्माण में दिखाई दे रही है और भारत का त्‍वरित विकास सभी उद्योगों और प्रत्येक नागरिक में नई ऊर्जा का संचार कर रहा है। उन्होंने कहाकि विकास की यह गति भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेज़ीसे अग्रसर कर रही है। सेमीकंडक्टर की दुनिया में अक्सर कहा जाता हैकि 'तेल काला सोना था, लेकिन चिप डिजिटल हीरे हैं' इस कथन पर प्रधानमंत्री ने कहाकि तेल ने पिछली सदी को आकार दिया और दुनिया का भाग्य तेल के कुओं से तय होता है। उन्होंने कहाकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में उतार चढ़ाव इस बातपर निर्भर करता थाकि इन कुओं से कितना पेट्रोलियम निकाला गया, हालांकि 21वीं सदी की शक्ति अब छोटी चिप में केंद्रित है, आकार में छोटे होने के बावजूद ये चिप वैश्विक प्रगति को तेज़ीसे बढ़ाने की क्षमता रखते हैं।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि वैश्विक सेमीकंडक्टर बाज़ार पहले ही 600 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है और आनेवाले वर्ष में इसके 1 ट्रिलियन डॉलर को पार करने की आशा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि जिस गति से भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्रमें बढ़ रहा है, उसे देखते हुए इस 1 ट्रिलियन डॉलर के बाज़ार में भारत की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी होगी। प्रधानमंत्री ने याद दिलायाकि वर्ष 2021 में सेमीकॉन इंडिया कार्यक्रम शुभारंभ किया गया था, वर्ष 2023 में भारत का पहला सेमीकंडक्टर संयंत्र स्वीकृत हुआ, वर्ष 2024 में कई और संयंत्रों को स्‍वीकृति मिल गई है और वर्ष 2025 में पांच अतिरिक्त परियोजनाओं को स्‍वीकृति मिल गई है। उन्होंने कहाकि दस सेमीकंडक्टर परियोजनाएं वर्तमान में जारी हैं, इनमें अठारह अरब डॉलर से अधिक यानी 1.5 लाख करोड़ रूपये से ज़्यादा का निवेश शामिल है, जो भारत में बढ़ते वैश्विक विश्वास को दर्शाता है। उन्होंने कहाकि फ़ाइल से फ़ैक्टरी तक का समय जितना कम होगा और कागजी प्रक्रिया जितनी कम होंगी, वेफ़र का काम उतनीही जल्दी शुरू हो सकेगा, सरकार इसी दृष्टिकोण से कार्य कर रही है। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली लागू की गई है, जिससे केंद्र और राज्य दोनों से सभी स्वीकृतियां एकही स्‍थान पर प्राप्त की जा सकेंगी। उन्होंने कहाकि इसके परिणामस्वरूप निवेशकों को लंबी कागजी प्रक्रिया से मुक्ति मिल गई है, देशभर में प्लग एंड प्ले इंफ्रास्ट्रक्चर मॉडल केतहत सेमीकंडक्टर पार्क विकसित किए जा रहे हैं, जो भूमि, बिजली आपूर्ति, बंदरगाह, हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी और कुशल श्रमिकों के समूह तक पहुंच जैसी सुविधाएं प्रदान करते हैं। उन्होंने कहाकि जब इस तरह के बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहनों केसाथ जोड़ा जाता है तो औद्योगिक विकास अवश्यंभावी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोहरायाकि वह दिन दूर नहीं जब भारत की सबसे छोटी चिप दुनिया के सबसे बड़े बदलाव की आधारशिला रखेगी। उन्होंने कहाकि हमारी यात्रा देर से शुरू हुई, लेकिन अब हमें कोई नहीं रोक सकता। प्रधानमंत्री ने बतायाकि सीजी पावर के पायलट प्लांट ने 28 अगस्त को यानी सिर्फ़ 4-5 दिन पहले परिचालन शुरू कर दिया है। उन्होंने कहाकि केनेस का पायलट प्लांट भी जल्द ही शुरू होने वाला है, माइक्रोन और टाटा के परीक्षण चिप पहले से ही उत्पादन में हैं। उन्होंने कहाकि इसवर्ष वाणिज्यिक चिप उत्पादन शुरू हो जाएगा, जो सेमीकंडक्टर क्षेत्रमें भारत की तेज़ प्रगति को दर्शाता है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत की सेमीकंडक्टर सफलता की गाथा किसी एक कार्यक्षेत्र या किसी एक तकनीक तक सीमित नहीं है, भारत एक व्यापक इकोसिस्‍टम का निर्माण कर रहा है, जिसमें डिज़ाइनिंग, निर्माण, पैकेजिंग और उच्च तकनीक वाले उपकरण सभी देश के भीतर शामिल हैं। उन्होंने कहाकि सेमीकंडक्टर मिशन केवल एक फ़ैब स्थापित करने या एक चिप बनाने तक सीमित नहीं है, भारत एक मज़बूत सेमीकंडक्टर इकोसिस्‍टम का निर्माण कर रहा है, जो देश को आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तरपर प्रतिस्पर्धी बनाएगा। भारत के सेमीकंडक्टर मिशन की प्रमुख विशेषताओं को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि देश इस क्षेत्रमें दुनिया की सबसे उन्नत तकनीकों केसाथ बढ़ रहा है। उन्होंने कहाकि भारत का ध्यान घरेलू स्तरपर निर्मित चिप से उभरती तकनीकों को सशक्त बनाने पर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि नोएडा और बेंगलुरु में विकसित डिज़ाइन केंद्र दुनिया के कुछ सबसे उन्नत चिप पर काम कर रहे हैं, जो अरबों ट्रांजिस्टर संग्रहीत करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहाकि ये चिप 21वीं सदी की व्यापक तकनीकों को शक्ति प्रदान करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहाकि शहरों में ऊंची इमारतें और प्रभावशाली भौतिक अवसंरचनाएं दिखाई देती हैं, लेकिन उनका आधार स्टील पर टिका है, इसी प्रकार भारत के डिजिटल अवसंरचना की नींव महत्वपूर्ण खनिजों पर टिकी है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन पर काम कर रहा है और दुर्लभ खनिजों की अपनी मांग को घरेलू स्तरपर पूरा करने केलिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहाकि इन चार वर्ष में महत्वपूर्ण खनिज परियोजनाओं पर उल्लेखनीय प्रगति हुई है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत दुनिया की सेमीकंडक्टर डिज़ाइन प्रतिभा का 20 प्रतिशत योगदान देता है और देश के युवा सेमीकंडक्टर उद्योग केलिए सबसे बड़े मानवश्रम पूंजी कारखाने का प्रतिनिधित्व करते हैं। युवा उद्यमियों, नवप्रवर्तकों और स्टार्टअप्स से प्रधानमंत्री ने आगे आने का आग्रह करते हुए आश्वासन दियाकि सरकार उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्होंने कहाकि डिज़ाइन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना और चिप टू स्टार्टअप कार्यक्रम विशेष रूपसे उनके लिए डिज़ाइन किए गए हैं। उन्होंने घोषणा कीकि डिज़ाइन लिंक्ड प्रोत्साहन योजना को उसके उद्देश्यों की बेहतर पूर्ति केलिए पुनर्गठित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि सरकार इस क्षेत्रमें भारतीय बौद्धिक संपदा के विकास केलिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय अनुसंधान कोष भी रणनीतिक गठजोड़ से इस प्रयास का समर्थन करेगा। नरेंद्र मोदी ने कहाकि ये राज्य समर्पित बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, राज्यों का सेमीकंडक्टर इकोसिस्‍टम बनाने और अपने क्षेत्रोंमें निवेश बढ़ाने केलिए एकदूसरे केसाथ स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में शामिल होने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के मंत्र पर चलकर इस मुकाम तक पहुंचा है। उन्‍होंने कहाकि भारत सेमीकंडक्टर मिशन के अगले चरण पर काम चल रहा है। उपस्थित निवेशकों से उन्होंने खुले दिल से स्वागत करने की भारत की तत्परता व्यक्त करते हुए कहाकि डिज़ाइन तैयार है, मास्क संरेखित है, अब सटीक निष्पादन और बड़े स्‍तर पर वितरण का समय है। उन्होंने कहाकि भारत की नीतियां अल्पकालिक संकेत नहीं, बल्कि दीर्घकालिक प्रतिबद्धताएं हैं और आश्वासन दियाकि प्रत्येक निवेशक की ज़रूरतें पूरी की जाएंगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि वह दिन दूर नहीं जब दुनिया कहेगी भारत में डिज़ाइन, भारत में निर्मित, दुनिया द्वारा विश्वसनीय है। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, जितिन प्रसाद, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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