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Monday 25 August 2025 04:06:09 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फिजी के प्रधानमंत्री सीटिवेनी लिगामामादा राबुका केसाथ हैदराबाद हाउस नई दिल्ली में आयोजित संयुक्त प्रेस वक्तव्य में कहाकि 33 साल केबाद वर्ष 2014 में किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने फिजी की धरती पर कदम रखा, मुझे बहुत खुशी और गर्व हैकि ये सौभाग्य मुझे मिला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि उस समय हमने भारत-प्रशांत द्वीप समूह सहयोग मंच यानि ‘फिपिक’ की शुरुआत की थी, जिसने न केवल भारत-फिजी रिश्तों को, बल्कि पूरे पैसिफिक क्षेत्र केसाथ दोनों देशों के जुड़ाव को नई ताकत दी है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि औरआज प्रधानमंत्री सीटिवेनी लिगामामादा राबुका की भारत यात्रा पर हम दोनों देशों केबीच ऐतिहासिक संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ रहे हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत और फिजी केबीच आत्मीयता का गहरा नाता है, उन्नीसवीं सदी में भारत से गए साठ हजार से अधिक गिरमिटिया भाई-बहनों ने अपने परिश्रम से फिजी की समृद्धि में योगदान दिया है, उन्होंने फिजी की सामाजिक और सांस्कृतिक विविधता में रंग भरे हैं, फिजी की एकता अखंडता को निरंतर मजबूती प्रदान की है और इन सबके बीच वे अपनी जड़ों से भी जुड़े रहे, अपनी संस्कृति को संजोये रखा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि फिजी की रामायण मंडली की परंपरा इसीका जीवंत प्रमाण है। उन्होंने फिजी के प्रधानमंत्री सीटिवेनी लिगामामादा राबुका का ‘गिरमिट डे’ की घोषणा करने केलिए अभिनंदन किया और कहाकि यह दोनों देशों के साझा इतिहास का सम्मान है, पिछली पीढ़ियों की स्मृतियों को श्रद्धांजलि है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज प्रधानमंत्री सीटिवेनी राबुका केसाथ व्यापक वार्ता में हमने कई अहम फैसले लिए, हम मानते हैंकि एक स्वस्थ राष्ट्र ही समृद्ध राष्ट्र हो सकता है, इसलिए हमने तय कियाकि सुवा में 100 बेड सुपर स्पेशलिटी अस्पताल बनाया जाएगा, भारत से डायलिसिस इकाइयां और समुद्री एम्बुलेंस भेजीं जाएंगी, जनऔषधि केंद्र खोले जाएंगे, जिससे सस्ती और उत्तम क्वालिटी की दवा हरघर तक पहुंचेगी। नरेंद्र मोदी ने कहाकि हम चाहते हैंकि सपनों की दौड़ में किसीके कदम रुके नहीं, इसलिए फिजी में ‘जयपुर फुट’ कैंप भी लगाया जाएगा। फिजी के प्रधानमंत्री ने भी कहाकि भारत से गए लोबिया बीज फिजी की मिट्टी में बहुत ही अच्छी तरह अंकुरित हो रहे हैं, भारत अब 12 एग्री ड्रोन और 2 मोबाइल मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं भेंट करेगा, भारतीय घी को भी फिजी में स्वीकृति दे दी गई है। दोनों प्रधानमंत्रियों ने कहाकि हमने रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रमें आपसी सहयोग को मजबूत करने का निर्णय लिया है, इसके लिए एक कार्ययोजना भी तैयार कर ली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि फिजी की समुद्री सुरक्षा को सशक्त करने केलिए भारत से ट्रेनिंग और इक्विपमेंट में सहयोग दिया जाएगा, साइबर सिक्योरिटी और डेटा सुरक्षा के क्षेत्रमें भारत अपने अनुभव साझा करने केलिए तैयार है। दोनों प्रधानमंत्रियों ने कहाकि हम एकमत हैंकि आतंकवाद पूरी मानवता केलिए बहुत बड़ी चुनौती है, आतंकवाद के खिलाफ जंग में सहयोग और समर्थन केलिए हम साथ हैं। उन्होंने कहाकि खेल एक ऐसा क्षेत्र है, जो मैदान से मन तक लोगों को जोड़ता है, फिजी में रग्बी और भारत में क्रिकेट इसका उदहारण है। उन्होंने कहाकि स्टार ऑफ रग्बी सेवंस वाइसेले सेरेबी ने भारत की रग्बी टीम को कोच किया है, अब भारतीय कोच फिजी क्रिकेट टीम को नई ऊंचाई देंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि फिजी यूनिवर्सिटी में हिंदी और संस्कृत पढ़ाने केलिए भारतीय शिक्षक भेजे जाएंगे, फिजी के पंडित भारत आकर प्रशिक्षण लेंगे और गीता महोत्सव में भाग लेंगे यानी भाषा संस्कृति तक रिश्ते और अधिक गहरे होंगे। दोनों प्रधानमंत्रियों ने मानाकि जलवायु परिवर्तन एक गंभीर खतरा है, इस संदर्भ में दोनों देश नवीकरणीय ऊर्जा विशेष रूपसे सौर ऊर्जा में मिलकर काम कर रहे हैं, भारत-फिजी अंतर्राष्ट्रीय सौर एलायंस, आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे केलिए गठबंधन और वैश्विक जैव ईंधन अलायंस में एकसाथ हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत अब आपदा प्रतिक्रिया में भी फिजी की ताकत को बढ़ाने में सहयोग करेगा। उन्होंने कहाकि प्रशांत द्वीप देश से सहायता में भारत फिजी को एक हब के रूपमें देखता है और दोनों देश स्वतंत्र, खुले, समावेशी, सुरक्षित और समृद्ध इंडो पैसिफिक का समर्थन करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'शांति का महासागर' एक बहुत ही सकारात्मक सोच है और उन्होंने भारत के इंडो-पैसिफिक महासागर पहल से जुड़ने केलिए फिजी का स्वागत किया। उन्होंने कहाकि भारत और फिजी भले ही महासागरों से अलग हों, लेकिन दोनों देशों की आकांक्षाएं एकही नाव पर सवार हैं, दोनों ग्लोबल साउथ के विकास यात्रा में भी सहयात्री हैं, एक ऐसे विश्वव्यवस्था के निर्माण में भागीदार हैं, जहां वैश्विक दक्षिण की स्वतंत्रता, विचारों और पहचान को सम्मान मिलता है। दोनों प्रधानमंत्रियों ने कहाकि किसीभी आवाज़ को नज़रअंदाज नहीं किया जाना चाहिए और किसीभी देश को पीछे नहीं छोड़ा जाना चाहिए, हिंद महासागर से प्रशांत महासागर तक भारत-फिजी की साझेदारी समुद्रों केबीच एक सेतु की तरह है, इसकी जड़ें वेइलोमनी में हैं और यह विश्वास और सम्मान पर आधारित है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि फिजी के प्रधानमंत्री की यह यात्रा इस अटूट बंधन को और मज़बूत बनाती है। इस दौरान भारत-फिजी केबीच कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय समझौते भी हुए, जो हैं-भारत और फिजी केबीच फिजी में एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डिज़ाइन, निर्माण, कमीशनिंग, संचालन और रखरखाव केलिए समझौता। मेसर्स केबीच समझौता जनऔषधि योजना के अंतर्गत दवाओं की आपूर्ति पर एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड और स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सेवा मंत्रालय फिजी केबीच समझौता। व्यापार, सहकारिता, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं संचार मंत्रालय के माध्यम से भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) और राष्ट्रीय मापन एवं मानक विभाग (डीएनटीएमएस) केबीच फिजी सरकार की ओर से मानकीकरण के क्षेत्रमें सहयोग पर समझौता। मानव क्षमता कौशल और अपस्किलिंग के क्षेत्रमें सहयोग पर राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (नाइलिट) भारत और पैसिफिक पॉलीटेक फिजी केबीच समझौता।
त्वरित प्रभाव परियोजना के कार्यांवयन हेतु भारतीय अनुदान सहायता के संबंध में भारत-फिजी केबीच समझौता। भारत और फिजी केबीच प्रवासन और गतिशीलता पर आशय की घोषणा। सुवा में भारतीय चांसरी भवन का पट्टा विलेख सौंपना फ़िजी पक्ष, भारत-फ़िजी संयुक्त वक्तव्य: वेइलोमनी दोस्ती की भावना में साझेदारी। वर्ष 2026 में फिजी से संसदीय प्रतिनिधिमंडल और ग्रेट काउंसिल ऑफ चीफ्स के प्रतिनिधिमंडल का भारत दौरा, वर्ष 2025 में एक भारतीय नौसेना पोत का फिजी बंदरगाह आगमन, फिजी स्थित भारतीय उच्चायोग में रक्षा अताशे पद का सृजन, रॉयल फिजी सैन्यबलों को एम्बुलेंस उपहार में देना, फिजी में साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण प्रकोष्ठ की स्थापना, फिजी इंडो-पैसिफिक ओशंस इनिशिएटिव में शामिल हुआ, भारतीय उद्योग परिसंघ और फिजी वाणिज्य एवं नियोक्ता संघ का समझौता, राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक और फिजी विकास बैंक का समझौता, फिजी विश्वविद्यालय में एक हिंदी सहसंस्कृत शिक्षक की प्रतिनियुक्ति, चीनी उद्योग एवं बहुजातीय मंत्रालय को मोबाइल मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं की आपूर्ति मामले, चीनी उद्योग एवं बहुजातीय मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत फिजी के चीनी अनुसंधान संस्थान को कृषि ड्रोन की आपूर्ति भारत में फिजी के पंडितों के समूह के प्रशिक्षण हेतु सहायता, फिजी में दूसरा जयपुर फुट शिविर, हील इन इंडिया कार्यक्रम के अंतर्गत भारत में विशेष चिकित्सा उपचार की पेशकश, क्रिकेट फिजी केलिए भारत से क्रिकेट प्रशिक्षक, फिजी चीनी निगम में आईटीईसी विशेषज्ञ की प्रतिनियुक्ति और चीनी उद्योग के कर्मचारियों केलिए विशेष आईटीईसी प्रशिक्षण और भारतीय घी को फिजी के बाजार में प्रवेश मिला।