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Sunday 10 August 2025 05:17:26 PM
देवभूमि द्वारका (गुजरात)। भारत सरकार के पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और गुजरात के वन एवं पर्यावरण विभाग ने संयुक्त रूप से आज गुजरात के देवभूमि द्वारका जिले के बर्दा वन्यजीव अभयारण्य में मेगा वन्यजीव संरक्षण अभियान का शुभारंभ करके विश्व शेर दिवस 2025 मनाया। इस अवसर पर केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, गुजरात के वनमंत्री मुलुभाई बेरा, सांसद, विधायक और जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने भारत में एशियाई शेरों की संख्या की वृद्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की, जो 2020 में 674 से बढ़कर आज 891 हो गई है। उन्होंने कहाकि एशियाई शेर (पैंथेरा लियो पर्सिका) सफल वन्यजीव संरक्षण का एक वैश्विक प्रतीक हैं और विश्व शेर दिवस पर हम उनकी उल्लेखनीय वृद्धि का जश्न मना रहे हैं। उन्होंने उल्लेख कियाकि 1990 में केवल 284 शेरों से बढ़कर 2025 में इनकी संख्या बढ़कर 891 हो गई है, जो 2020 से 32 प्रतिशत और पिछले एक दशक में 70 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि है।
वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस उपलब्धि का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया, जिन्होंने पहले गुजरात के मुख्यमंत्री के रूपमें और बादमें देश के प्रधानमंत्री के रूपमें प्रोजेक्ट लायन को कार्य का प्राथमिक क्षेत्र बनाया। भूपेंद्र यादव ने प्रत्येक वन अधिकारी, वन्यजीव प्रेमी और पर्यावरण प्रेमी को भी बधाई दी। उन्होंने कहाकि यह उल्लेखनीय प्रगति सामूहिक इच्छाशक्ति, समर्पण और सहअस्तित्व पर आधारित नीतियों से ही संभव हो पाई है। उन्होंने एक ऐसे विकसित भारत के निर्माण केप्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई, जहां मानव और वन्यजीव एकसाथ फल-फूल सकें तथा यह सुनिश्चित होकि संरक्षण की गति आनेवाली पीढ़ियों केलिए भी जारी रहे। भूपेंद्र यादव ने कहाकि यह राष्ट्रीय गौरव की बात हैकि यदि एशियाई शेर आज दुनिया में कहीं मौजूद हैं तो वह गुजरात के गिर में है। उन्होंने कहाकि केंद्र और राज्य सरकार के अथक संरक्षण प्रयासों ने एक दशक में एशियाई शेरों की आबादी को दोगुना कर दिया है, जिससे वैश्विक वन्यजीव संरक्षण की आशा जगी है। भूपेंद्र यादव ने कहाकि मेगा वन्यजीव संरक्षण अभियान सभीको इस भव्य पशु शेर की रक्षा केलिए प्रेरित करेगा, जो गुजरात की विरासत और भारत की पारिस्थितिक शक्ति का सच्चा प्रतीक है।
पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहाकि 180 करोड़ रुपये की लागत से नए आवासों, उन्नत पशु चिकित्सा सुविधाओं और इकोटूरिज्म अवसंरचना का उद्घाटन गुजरात में शेर संरक्षण केलिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने कहाकि 143 वर्ष केबाद शेर बर्दा क्षेत्रमें वापस लौट आए हैं, जिससे पारिस्थितिक संतुलन बहाल हुआ है और राज्य की प्राकृतिक विरासत में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहाकि गुजरात सक्रिय आवास प्रबंधन, मानव-वन्यजीव संघर्ष शमन और स्थानीय समुदायों केलिए आजीविका के अवसरों के मामले में अग्रणी बना रहेगा तथा यह सुनिश्चित करेगाकि एशियाई शेर की दहाड़ गुजरात का गौरव और भारत की विरासत बनी रहे। विश्व शेर दिवस प्रतिवर्ष 10 अगस्त को मनाया जाता है, इसका लक्ष्य दुनियाभर में शेरों के संरक्षण और सुरक्षा के बारेमें जागरुकता बढ़ाना है। गुजरात में एशियाई शेर एक अद्वितीय पारिस्थितिक और सांस्कृतिक धरोहर है, जो केवल सौराष्ट्र क्षेत्र में पाया जाता है। भारत सरकार के प्रोजेक्ट लायन केतहत केंद्रीय मंत्रालय और राज्य के निरंतर प्रयासों एवं गुजरात सरकार के नेतृत्व में इस प्रतिष्ठित प्रजाति के अस्तित्व और विकास को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से 15 अगस्त 2020 को 74वें स्वतंत्रता दिवस पर एशियाई शेरों के दीर्घकालिक संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए प्रोजेक्ट लायन की घोषणा की थी।
पर्यावरण वन मंत्रालय ने शेरों के संरक्षण हेतु 2,927.71 करोड़ रुपये के बजट वाली 10 वर्षीय परियोजना और वन्यजीव स्वास्थ्य सेवा केलिए राष्ट्रीय रेफरल केंद्र को मंज़ूरी दी है, जिसके लिए राज्य सरकार ने जूनागढ़ जिले के न्यू पिपलिया में 20.24 हेक्टेयर भूमि आवंटित की है। यह परियोजना प्रगति पर है। ‘जंगल के राजा’ एशियाई शेर के संरक्षण और सुरक्षा के बारेमें जागरुकता बढ़ाने केलिए गुजरात के सौराष्ट्र के 11 जिलों में भी विश्व शेर दिवस का आयोजन किया गया। ये राजसी जानवर सौराष्ट्र के 11 जिलों में लगभग 35,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में अपने प्राकृतिक आवास में स्वतंत्र रूपसे विचरण करते हैं। गुजरात में शेरों की आबादी 2020 से 32 प्रतिशतबढ़ी है, जो मई 2025 के शेरों की आबादी के अनुमान के अनुसार 2020 में 674 से बढ़कर 891 हो गई है। बर्दा वन्यजीव अभयारण्य पोरबंदर और देवभूमि द्वारका जिलों में 192.31 वर्ग किलोमीटर में फैला है। यह एशियाई शेरों के दूसरे घर के रूपमें उभर रहा है। वर्ष 2023 में इस क्षेत्र में शेरों के प्राकृतिक प्रवास केबाद शेरों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है, जिनमें 6 वयस्क और 11 शावक सम्मिलित हैं। यह अभयारण्य एक महत्वपूर्ण जैव विविधता हॉटस्पॉट और एशियाई शेरों के संरक्षण का एक प्रमुख क्षेत्र है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने एशियाई शेरों की आबादी के संरक्षण और वृद्धि केलिए गुजरात की प्रतिबद्धता दोहराई और कहाकि राज्य इस प्रतिष्ठित प्रजाति के वैश्विक घर के रूपमें कार्य करता रहेगा। मुख्यमंत्री ने इन उपलब्धियों को हासिल करने में वन विभाग, स्थानीय समुदायों और संरक्षण भागीदारों की भूमिका पर खुशी जताई। गौरतलब हैकि द्वारका-पोरबंदर-सोमनाथ पर्यटन सर्किट केपास होने के कारण बर्दा क्षेत्रमें पर्यटन की बहुत संभावनाएं हैं। लगभग 248 हेक्टेयर क्षेत्रमें एक सफारी पार्क बनाने की योजना है, जिसके लिए राज्य सरकार ने भूमि आवंटित कर दी है। इसमें लगभग 180.00 करोड़ रुपये की लागत के वन्यजीव संरक्षण कार्यों का भी शुभारंभ किया जाएगा। भारत सरकार ने बर्दा सफारी पार्क और चिड़ियाघर के विकास केलिए भी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है, जिससे क्षेत्रमें पर्यावरण पर्यटन को मजबूती मिलेगी और साथही बर्दा परिदृश्य में शेर संरक्षण प्रयासों को भी महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा। विश्व शेर दिवस के कार्यक्रम में उपग्रह संचार के माध्यम से ग्रेटर गिर सिंह परिदृश्य के 11 जिलों के स्कूल और कॉलेज के लाखों छात्र भी शामिल हुए।