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एम्स कल्याणी का प्रथम बैच सम्मानित

'डॉक्टरों की भूमिका सरकार और हितधारकों से भी बड़ी'

एम्स कल्याणी के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति का संबोधन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 31 July 2025 03:09:32 PM

aiims kalyani first batch of graduates honoured

कोलकाता। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एम्स कल्याणी के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा हैकि मधुमेह, हृदय रोग और मोटापे जैसी स्वास्थ्य समस्याओं को नियंत्रित करने में डॉक्टरों की भूमिका सरकार और हितधारकों से भी बड़ी है। राष्ट्रपति ने कहाकि अपने सामाजिक दायित्वों केप्रति सजग डॉक्टरों ने राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहाकि स्वतंत्रता के समय औसत जीवन प्रत्याशा केवल 32 वर्ष थी, जो अब दोगुनी सेभी अधिक होकर लगभग 70 वर्ष हो गई है। उन्होंने कहाकि पिछले कुछवर्ष में टीकाकरण के क्षेत्रमें असाधारण प्रगति हुई है, कई बीमारियों का उन्मूलन किया गया है, उदाहरण केलिए पिछले वर्ष भारत को ट्रेकोमामुक्त घोषित किया गया, लेकिन अभीभी अनेक चुनौतियां हैं, जिनसे निपटने में युवा डॉक्टर निर्णायक भूमिका निभाएंगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उपाधियों से नवाजे गए स्नातकों से कहाकि एम्स कल्याणी के पहले बैच के विद्यार्थी होने के नाते वे इस संस्थान के सबसे वरिष्ठ पूर्व विद्यार्थी हैं, संस्थान की पहचान बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी, इस प्रकार वे एम्स कल्याणी के भविष्य निर्माता भी हैं। चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्रमें प्रतिदिन हो रहे नित नए बदलावों को रेखांकित करते हुए राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को आजीवन सीखने वाला बनने तथा नए अनुसंधान और चिकित्सा पद्धतियों के बारेमें अपडेट रहने की सलाह दी। राष्ट्रपति ने कहाकि नियोजित कल्याणी शहर की आधारशिला डॉ बिधान चंद्र रॉय ने रखी थी, मुख्यमंत्री के रूपमें अपने लंबे कार्यकाल के दौरान भी डॉ बीसी रॉय रोगियों की निःशुल्क सेवा करते रहे। राष्ट्रपति ने एम्स कल्याणी के विद्यार्थियों, शिक्षकों और प्रशासकों से कहाकि वे एम्स कल्याणी को राष्ट्रीय गौरव का संस्थान बनाने का संकल्प लें। उन्होंने उन्हें गरीबों और वंचितों को निःशुल्क चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के डॉ बीसी रॉय के उदाहरणों का अनुसरण करने की भी सलाह दी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने डॉक्टरों से कहाकि वे ऐसी जीवनशैली अपनाएं, जो जनसाधारण केलिए मिसाल बन सके। उन्होंने कहाकि आनुवंशिक लक्षणों की बात अलग है, लेकिन उचित आहार और जीवनशैली की मदद से स्वास्थ्य से संबंधित ज़्यादातर समस्याओं की रोकथाम की जा सकती है या काफी हदतक उनका समाधान किया जा सकता है। उन्‍होंने डॉक्टरों से कहाकि इलाज केलिए आनेवाले लोगों को दवाओं के अलावा जीवनशैली से जुड़ी सलाह भी दें। उन्‍होंने कहाकि जब डॉक्टर कोई सलाह देता है तो उसका लोगों पर ज़्यादा असर होता है और जब एक डॉक्टर खुद आदर्श के रूपमें प्रस्तुत करता है तो उसका असर औरभी ज़्यादा होता है।

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