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Tuesday 15 July 2025 04:32:38 PM
नई दिल्ली। भारतीय रचनात्मक प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईसीटी) इस वर्ष अगस्त से छात्रों के पहले बैच केलिए प्रवेश की शुरूआत करने जा रहा है, संस्थान भारत की बढ़ती डिजिटल और रचनात्मक अर्थव्यवस्था में एक परिवर्तनकारी उपलब्धि हासिल करने केलिए भी तैयार है। आईआईसीटी एवीजीसी-एक्सआर यानी एनीमेशन, विज़ुअल इफेक्ट्स, गेमिंग, कॉमिक्स और विस्तारित वास्तविकता क्षेत्रमें उद्योग संचालित पाठ्यक्रमों का एक मजबूत पोर्टफोलियो प्रदान करेगा। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव की मई 2025 में विश्व ऑडियो विजुअल एंटरटेनमेंट समिट (वेव्स) में की गई घोषणा के अनुरूप आईआईसीटी को प्रतिष्ठित वैश्विक साझेदारियों और उद्योग प्रमुखों का समर्थन प्राप्त है। पहले उद्घाटन बैच के शैक्षणिक पाठ्यक्रम में गेमिंग के छह विशेष पाठ्यक्रम, पोस्ट प्रोडक्शन में चार पाठ्यक्रम और एनीमेशन, कॉमिक्स और एक्सआर में आठ पाठ्यक्रम हैं।
भारतीय रचनात्मक प्रौद्योगिकी संस्थान के हालही में यूनाइटेड किंगडम के यॉर्क विश्वविद्यालय केसाथ एक ऐतिहासिक समझौते से सहयोगात्मक अनुसंधान, संकाय विनिमय और वैश्विक प्रमाणन मार्गों का मार्ग प्रशस्त हुआ है। गूगल, यूट्यूब, बडोब, मेटा, माइक्रोसॉफ्ट, एनवीआईडीआईए और जियोस्टार जैसी प्रमुख वैश्विक कंपनियों ने आईआईसीटी केसाथ दीर्घकालिक सहयोग की प्रतिबद्धता जताई है, उनके समर्थन में पाठ्यक्रम विकास, छात्रवृत्ति, इंटर्नशिप, स्टार्टअप इनक्यूबेशन और प्लेसमेंट के अवसर हैं। आईआईसीटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ विश्वास देउस्कर ने इस अवसर पर कहा हैकि उनका विज़न विश्वस्तरीय प्रतिभाओं को पोषित करके एवीजीसी-एक्सआर क्षेत्रमें भारत को एक वैश्विक महाशक्ति बनाना है। उन्होंने कहाकि पाठ्यक्रम भारत की गतिशील रचनात्मक क्षमता पर आधारित होते हुए भी वैश्विक मानकों को पूरा करने केलिए तैयार किए गए हैं और विस्तृत पाठ्यक्रम की घोषणा इस महीने के अंत में होने की आशा है।
भारतीय रचनात्मक प्रौद्योगिकी संस्थान के शासी बोर्ड में संजय जाजू, विकास खड़गे, स्वाति म्हसे, चंद्रजीत बनर्जी, आशीष कुलकर्णी, मानवेंद्र शुकुल और राजन नवानी शामिल हैं। शासी परिषद के सदस्यों में मुंजाल श्रॉफ, चैतन्य चिचलीकर, बीरेन घोष, भूपेंद्र कैंथोला और गौरव बनर्जी हैं। वैश्विक एवीजीसी-एक्सआर उद्योग के तेज़ीसे बढ़ने के अनुमान केसाथ भारतीय रचनात्मक प्रौद्योगिकी संस्थान के व्यापक पाठ्यक्रम भविष्य केलिए तैयार प्रतिभाओं का एक ऐसा समूह तैयार करने का लक्ष्य रखते हैं, जो भारत की रचनात्मक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देगा और देश को उभरती हुई एवं डिजिटल विषय सामाग्री प्रौद्योगिकियों में अग्रणी स्थान दिलाएगा।