स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 17 May 2025 01:27:46 PM
बेंगलुरु। भारतीय डाक विभाग ने कोडईकनाल सौर वेधशाला (केएसओ) की 125वीं वर्षगांठ पर स्मारक डाक टिकट जारी करने पर गर्व व्यक्त किया है। यह स्मारक डाक टिकट भारत के सबसे महत्वपूर्ण वैज्ञानिक संस्थानों में से एक कोडईकनाल सौर वेधशाला की विरासत का सम्मान है, जो वैश्विक स्तरपर विज्ञान जगत में देश के दीर्घकालिक योगदान को रेखांकित करता है। कर्नाटक सर्कल के मुख्य पोस्टमास्टर जनरल एस राजेंद्र कुमार ने भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान बेंगलुरु में आईआईए के गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष एवं इसरो के पूर्व अध्यक्ष एएस किरण कुमार तथा और दूसरे सम्मानित अतिथियों केसाथ स्मारक डाक टिकट का विमोचन किया।
तमिलनाडु के पलानी हिल्स में 1 अप्रैल 1899 को स्थापित कोडईकनाल सौर वेधशाला (केएसओ) एक सदी से भी ज़्यादा समय से भारत में सौर अनुसंधान का एक अग्रणी केंद्र है। भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (आईआईए) से संचालित इस वेधशाला को देश की सबसे लंबे समय से चलने वाली खगोलीय वेधशाला होने का गौरव हासिल है और यह सूर्य के बारेमें दुनिया के सबसे व्यापक एवं निरंतर दैनिक रिकॉर्ड में से एक को दर्ज करती है। सौर भौतिकी के क्षेत्रमें इस वेधशाला का व्यापक एवं स्थायी योगदान है, अपने 125 वर्ष के संचालन काल में केएसओ के शोधकर्ताओं ने सनस्पॉट, सौर ज्वालाओं, प्रमुखताओं और सौर प्रभामंडल पर उल्लेखनीय अध्ययन किए हैं, जिससे सौर गतिविधि और पृथ्वी पर इसके प्रभाव के बारेमें हमारी समझ में काफी वृद्धि हुई है।
भारतीय डाक विभाग द्वारा जारी स्मारक डाक टिकट कोडईकनाल सौर वेधशाला को एक राष्ट्रीय धरोहर के रूपमें सम्मानित करता है और इसके समृद्ध इतिहास, उल्लेखनीय वैज्ञानिक उपलब्धियों तथा समाज केप्रति इसके अटूट योगदान का उत्सव मनाता है। यह टिकट अब देशभर में फिलैटेलिक ब्यूरो में उपलब्ध है और डाक विभाग नागरिकों, विज्ञान प्रेमियों और डाक टिकट संग्रहकर्ताओं को सौर उत्कृष्टता के 125 वर्ष को समर्पित इस स्मारक टिकट को प्राप्त करके इस विशेष अवसर को यादगार बनाने केलिए आमंत्रित करता है। स्मारक टिकट को www.epostoffice.gov.in पर ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है।