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भारत-मॉरीशस को व्‍यापारिक सम्‍मेलन की सह-मेजबानी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 4 July 2013 10:37:33 AM

anand sharma and arvin boolell

पोर्ट लुईस। केंद्रीय वाणिज्‍य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने कहा है कि भारतीय महासागर रिम क्षेत्र में अंतर्राष्‍ट्रीय और अंतर-क्षेत्रीय व्‍यापार की महत्‍वपूर्ण संभावनाएं नज़र आती हैं। पोर्ट लुईस में आज भारतीय महासागर आर्थिक एवं व्‍यापारिक क्षेत्रीय सहयोग एसोसिएशन (आईओआर-एआरसी) के सम्‍मेलन के दौरान आईओआर-एआरसी में व्‍यापार और निवेश को बढ़ाने पर एक सत्र को संबोधित करते हुए शर्मा ने उल्‍लेख किया कि पिछले दशक के दौरान अंतर्राष्‍ट्रीय मांगों और पश्चिमी अर्थव्‍यवस्‍थाओं के विकास में कमी के बावजूद इस क्षेत्र के व्‍यापार में वृद्धि हुई है।
उन्‍होंने कहा कि यहां के प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की जा चुकी है और व्यवसाय प्रमुख क्षेत्र से जुड़े विकास मुद्दों को आगे बढ़ाने के उत्‍सुक हैं। शर्मा ने चिंता जताते हुए कहा कि व्‍यापार और‍ निवेश पर कार्यकारी समूह की स्‍थापना के बावजूद तय परिणामों में यथोचित प्रगति नहीं हो पाई है। आनंद शर्मा ने कहा कि इस सम्‍मेलन का उद्देश्य व्‍यापार और निवेश को बढ़ाने के लिए एक भविष्‍यगत योजना का ढांचा तैयार करना है। सम्‍मेलन में उपस्थित व्‍यापार प्रमुखों के विचार-विमर्श और सुझावों से क्षेत्र की प्रगति, समृद्धि और आर्थिक सम्‍पन्‍नता पर एक केंद्रित प्रारूप तैयार किया जा सकेगा।
सम्‍मेलन के दौरान पूछे गए एक प्रश्‍न के जवाब में शर्मा ने कहा कि इस क्षेत्र के देशों के बीच वीज़ा सुविधाओं को और उदार किए जाने की आवश्‍यकता है। उन्‍होंने कहा कि भारत, मॉरीशस सहित विभिन्‍न देशों के लिए आगमन पर वीज़ा देने पर विचार कर रहा है। आसियान, सार्क, सीओएमईएसए, जीसीसी, एसएसीयू जैसे कई उपक्षेत्रीय समूहों के ओसियान का हिस्‍सा होने से इस क्षेत्र में व्‍यापार और निवेश के लिए क्षेत्रीय सहयोग बनाने और संस्‍थागत तंत्र को तलाशने में मदद मिलती है। रिम क्षेत्र एसोसिएशन का विस्‍तार करने के लिए इन उपसमूहों के अनुभव का लाभ उठाया जाना चाहिए।
सम्‍मेलन के उद्घाटन सत्र में डॉक्‍टर राम गुलाम और मॉरीशस के विदेश मामले, क्षेत्रीय अखंडता और अंतर्राष्‍ट्रीय व्‍यापार मंत्री डॉ अरविंद बुलेल के अलावा आईओआर-एआरसी के महासचिव केवी भागीरथ और भारतीय महासागर रिम देशों के वार्ता साझेदार और शीर्ष नेता उपस्थित थे।

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