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'मोदी सरकार में देश हर तरह के खतरे से सुरक्षित'

यदि पाकिस्तान आतंकवाद को पनाह देता रहा तो बातचीत नहीं होगी!

रक्षामंत्री का वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप महासम्मेलन में संबोधन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 15 May 2023 12:47:40 PM

defense minister spoke at a program in sambhajinagar

संभाजीनगर (महाराष्ट्र)। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा हैकि सीमाओं की सुरक्षा, लोगों की सुरक्षा और देश की एकता अखंडता एवं संप्रभुता की रक्षा करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और नरेंद्र मोदी सरकार देश को हर तरह के खतरों से सुरक्षित रखने और विकास की राह पर अभूतपूर्व गति से आगे रखने केलिए हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहाकि मोदी सरकार में देश हर तरह के खतरे से सुरक्षित है। रक्षामंत्री ने महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप महासम्मेलन में ये बातें कहीं। उन्होंने कहाकि महाराणा प्रताप भारतीय इतिहास के ऐसे महानायक हैं, जिन्होंने अपनी मातृभूमि के मान, सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा केलिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया था, मैं उनकी स्मृति को नमन करता हूं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि छत्रपति संभाजी भी ऐसे ही एक महान व्यक्तित्व थे, जिन्होंने अपने आचरण से एक ऐसा उदाहरण पेश किया, जो सदियों तक दोहराई जाएंगी। रक्षामंत्री ने उल्लेख कियाकि औरंगजेब ने उनको न जाने कितनी यातनाएं दीं, उन्होंने न जाने कितने कष्ट सहे, लेकिन ये कष्ट, संभाजी के धर्म प्रेम का बाल भी बांका न कर सके। रक्षामंत्री ने उपस्थितजनों से कहाकि यदि आप उस दौर में महाराणा प्रताप के समर्पण को ठीक से समझ लें तो आप उस दौर को मुग़ल काल न कहकर महाराणा काल कहेंगे। उन्होंने कहाकि अपनी मातृभूमि के प्रति ऐसा समर्पण, अपने धर्म के प्रति ऐसी अगाध श्रद्धा विरले ही देखने को मिलती है। उन्होंने कहाकि महाराणा प्रताप जानते थेकि यदि वो झुक गए तो हिंदुस्तान से भारत का धर्मपताका हमेशा केलिए झुक जाएगा, इसलिए उन्होंने एक विलासी, लेकिन गुलामीभरे जीवन के स्थान पर एक संघर्षपूर्ण और स्वतंत्र जीवन चुना। उन्होंने कहाकि महाराणा प्रताप आजभी उतने ही महत्वपूर्ण बने हुए हैं, जितने वो 500 साल पहले थे। राजनाथ सिंह ने कहाकि इस दुनिया में कब क्या हो जाए कोई नहीं जानता, सारी प्राकृतिक और मानव निर्मित चीजें अस्थाई है, इस क्षणभंगुर दुनिया में अगर कुछ चिरस्थाई है तो वह है हमारा राष्ट्रीय स्वाभिमान।
रक्षामंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता जताईकि अब औरंगाबाद शहर का नाम सांभाजी महाराज के नामपर सांभाजीनगर कर दिया गया है, इसके लिए उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस सहित पूरी प्रदेश सरकार को बधाई दी। उन्होंने कहाकि भारत में हिंदवी साम्राज्य की स्थापना करनेवाले जननायक छत्रपति शिवाजी महाराज ने शौर्य और पराक्रम की जिस परम्परा का निर्माण किया था, उसे सांभाजी महाराज ने बखूबी निभाया, बाद में यही परम्परा भारत मराठा साम्राज्य के उदय के रूपमें मजबूत हुई। रक्षामंत्री ने कहाकि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को निरस्त करके आतंकवाद, उग्रवाद और नक्सलवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की गई है और देश आंतरिक और बाहरी दोनों मोर्चों पर पूरी तरह से सुरक्षित है। उन्होंने कहाकि उरी और पुलवामा की घटना केबाद हमारे सशस्त्र बलों ने सर्जिकल स्ट्राइक और हवाई हमलों के जरिये छद्म शत्रुओं को एक सख्‍त संदेश दियाकि वे देश के भीतर या सीमापार आतंकवाद से लड़ने और उसे पूरी तरह से खत्म करने केलिए तैयार हैं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि कुछ भारत विरोधी ताकतें हैं, जो हमारी प्रगति और ताकत को पचा नहीं पा रही हैं, चूंकि उनके पास सीधे तौरपर भारत का सामना करने केलिए ताकत नहीं है, इसलिए वे आतंकवाद जैसे छद्म युद्ध का सहारा लेते हैं। उन्होंने इस अवसर पर यह भी विशेष रूपसे उल्लेख किया कि अगर पाकिस्तान आतंकवादियों की पनाहगाह बना रहा तो उसके साथ बातचीत कभी नहीं हो सकती। रक्षामंत्री ने कहाकि छत्रपति शिवाजी और महाराणा प्रताप जैसे क्रांतिकारियों से हमने सीखा हैकि जो हमपर बुरी नज़र डालने की कोशिश करेगा, उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा, हमारे सशस्त्र बल ऐसा करने में सक्षम और तैयार हैं। राजनाथ सिंह ने आत्मनिर्भरता के संदर्भ में देश के रक्षा क्षेत्र के विकास पर प्रकाश डाला और कहाकि आत्‍मनिर्भता सशस्त्र बलों को मजबूत कर रही है और उन्हें हर तरह की चुनौतियों से प्रभावी तौरपर निपटने केलिए नवीनतम हथियारों एवं उपकरणों से लैस कर रहा है।
राजनाथ सिंह ने सकारात्मक स्वदेशीकरण की सूची जारी करने के साथ-साथ रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने केलिए सरकार के कदमों के बारेमें बताया। उन्होंने कहाकि भारत न केवल अपनी जरूरतें पूरी करने केलिए रक्षा उपकरणों का उत्‍पादन कर रहा है, बल्कि हम अपने मित्र देशों की सुरक्षा जरूरतों को भी पूरा कर रहे हैं। उन्‍होंने कहाकि हाल के वर्षों में हमारा रक्षा निर्यात आसमान छूने लगा है, सात से आठ साल पहले हमारा रक्षा निर्यात 1000 करोड़ रुपये से कम था, आज वित्तीय वर्ष 2022-23 में यह रिकॉर्ड 16000 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है। रक्षामंत्री ने कहाकि रक्षा सहित सभी क्षेत्रों ने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में योगदान किया है और भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि भारत 2027 तक दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगा।
रक्षामंत्री ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ऐसा मजबूत, समृद्ध, आत्मनिर्भर नया भारत बनाना चाहते हैं, जो अपनी सांस्कृतिक विरासत एवं मूल्‍यों पर गर्व कर सके और दुनिया में अपनी अलग पहचान बना सके। रक्षामंत्री ने कहाकि 'दासता के सभी निशानों को मिटाना' और 'हमारी विरासत पर गर्व करना' उन पांच प्रतिज्ञाओं में शामिल हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन के दौरान भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने केलिए बताया था। रक्षामंत्री ने लोगों को देश की सांस्कृतिक विरासत और मातृभूमि की रक्षा केलिए अनोखा योगदान करने वाले छत्रपति शिवाजी, छत्रपति संभाजी और महाराणा प्रताप जैसे नायकों को समझने का आह्वान किया। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश एक सांस्कृतिक पुनरुत्थान से गुजर रहा है और वह सांस्कृतिक तौरपर कहीं सुरक्षित परिवेश की ओर बढ़ रहा है।

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