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हर काम देश के नाम मार्गदर्शक संदेश!

राष्ट्रपति का विभिन्न सेवाओं के प्रोबेशनर्स को संबोधन

'अपने लक्ष्यों को राष्ट्र के लक्ष्यों के साथ संरेखित करें'

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Monday 6 February 2023 04:49:37 PM

president's address to the probationers of various services

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 'हर काम देश के नाम' को एक मार्गदर्शक संदेश बताते हुए सभी का अपने लक्ष्यों को राष्ट्र के लक्ष्यों केसाथ संरेखित करने का आह्वान किया है। राष्ट्रपति से आज भारतीय नौसेना सामग्री प्रबंधन सेवा के अधिकारी, केंद्रीय अभियांत्रिकी सेवा (सड़क) के सहायक कार्यकारी अभियंता और भारतीय डाक एवं दूरसंचार लेखा तथा वित्त सेवा के अधिकारी प्रशिक्षुओं ने राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। भारतीय डाक और दूरसंचार लेखा एवं वित्त सेवा के अधिकारी प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहाकि त्‍वरित आर्थिक प्रगति अर्जित करने केलिए डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने में दूरसंचार क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहाकि डिजिटल इंडिया पहल सरकार को अधिक दक्षता और पारदर्शिता केसाथ विभिन्न सार्वजनिक सेवाएं प्रदान करने में मदद कर रही है, तथापि हमें विशेष रूपसे ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रोंमें अभीभी असंबद्ध जनता को जोड़ने का प्रयास जारी रखना चाहिए। उन्होंने कहाकि उन्हें यह देखकर खुशी हुई हैकि उनका बैच देशकी विविधता का प्रतिनिधित्व करता है। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें बताया गया हैकि वे 17 अलग-अलग राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से हैं, वे विभिन्न शैक्षणिक पृष्ठभूमि से आते हैं, उनके समूह के आधे से अधिक अधिकारी इंजीनियरिंग पृष्ठभूमि से हैं, उनमें से कुछ डॉक्टर और वकील भी हैं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि भारतीय डाक और दूरसंचार लेखा एवं वित्त सेवा के अधिकारी प्रशिक्षुओं में एक तिहाई महिलाएं हैं, यह प्रशंसनीय है, लेकिन आधी आबादी हमारी नारी शक्ति का कार्यबल में पर्याप्त प्रतिनिधित्व होना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहाकि भारत में लगभग 120 करोड़ उपयोगकर्ता आधार केसाथ दुनिया के दूसरे सबसे बड़े दूरसंचार ग्राहक हैं, हमारे पास दुनिया की सबसे सस्ती दूरसंचार सेवाओं मेसे एक है। उन्होंने प्रोबेशनर्स से कहाकि आप सेवा प्रदाताओं से राजस्व मूल्यांकन, लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के संग्रह के महत्वपूर्ण कार्य करेंगे। उन्होंने कहाकि दूरसंचार क्षेत्रमें तेजीसे तकनीकी विकास हो रहा है और विश्वास हैकि आप नवाचार और प्रौद्योगिकी का उपयोग करना जारी रखेंगे। भारतीय नौसेना सामग्री प्रबंधन सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहाकि भारतीय नौसेना हमारे समुद्री हितों, व्यापार मार्गों की सफलतापूर्वक रक्षा कररही है और संकट के समय सहायता प्रदान कर रही है।
राष्ट्रपति ने कहाकि भारतीय नौसेना सामग्री प्रबंधन सेवा के सदस्यों के रूपमें वे नौसैनिक जहाजों, पनडुब्बियों और विमानों को महत्वपूर्ण आपूर्ति की उपलब्धता सुनिश्चित करने में प्रमुख जिम्मेदारियों का निर्वहन करेंगे। उन्होंने कहाकि इसके लिए आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, उपकरणों के तकनीकी ज्ञान और रखरखाव प्रक्रियाओं का अच्छा ज्ञान आवश्यक है। उन्होंने कहाकि उन्हें यह जानकर खुशी हैकि आप मेक इन इंडिया उत्पादों के प्रचार और उपयोग में अपना योगदान दे रहे हैं, इसका मतलब हैकि आप आत्मनिर्भर भारत के हमारे दृष्टिकोण को साकार करने में मदद कर रहे हैं और नौसेना की परिचालन आवश्यकता को पूरा करने में आपका मंत्र 'हर काम देश के नाम' यूं ही आपका मार्गदर्शक बना रहे। राष्ट्रपति ने केंद्रीय अभियांत्रिकी सेवा (सड़क) के अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहाकि किसी राष्ट्र की आर्थिक वृद्धि और विकास के लिए सड़क संपर्क और अवसंरचना महत्वपूर्ण है, आज भारत के पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सड़क नेटवर्क है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि हाल के वर्षों में सरकार ने नए राजमार्गों के निर्माण और विद्दमान राजमार्गों के उन्नयन केलिए कई पहल की हैं, जिससे तेजीसे परिवहन सुनिश्चित होगा, लोगों केलिए बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी और साथही रोज़गार के अवसर भी पैदा होंगे। केंद्रीय अभियांत्रिकी सेवा के अधिकारियों का यह उत्‍तरदायित्‍व हैकि वे सुनिश्चित करेंकि उनकी शुरू की जानेवाली अवसंरचना परियोजनाएं ऊर्जा कुशल, पर्यावरण के अनुकूल और स्‍थायी हों। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्होंने देखा हैकि देशभर में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या बहुत अधिक है और आग्रह कियाकि सड़क दुर्घटनाओं को कम करने केलिए सर्वोत्तम इंजीनियरिंग एवं तकनीकी समाधानों का नवाचार करें और उन्हें लागू करें, साथी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना आपकी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। राष्ट्रपति ने कहाकि दृढ़ विश्वास और कर्तव्यनिष्ठा केसाथ देश की सेवा करें और अपने कर्तव्यों का पालन करते समय सत्यनिष्ठा और अनुशासन के उच्चतम मानकों को बनाए रखें।

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