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'भारत-मिस्र में कई हज़ार वर्ष का अनवरत नाता'

राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी की प्रधानमंत्री से गर्मजोशीभरी भेंट

भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं मिस्र के राष्ट्रपति

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 25 January 2023 04:26:00 PM

president abdel fattah al sisi warmly calls on the prime minister

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी का गर्मजोशी से स्वागत किया और नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में उनके साथ एक संयुक्त प्रेस वक्तव्य दिया। उन्होंने कहाकि मिस्र के राष्ट्रपति का हमारे गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि केरूप में शामिल होना भारत केलिए सम्मान एवं हर्ष का विषय है और उन्हें इस बात कीभी खुशी हैकि मिस्र की एक सैन्य टुकड़ी भी हमारे गणतंत्र दिवस में भाग लेकर परेड की शोभा बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत और मिस्र विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं मेसे हैं, हमारे बीच कई हज़ार वर्ष का अनवरत नाता है। उन्होंने उल्लेख कियाकि चार हजार वर्ष सेभी पहले गुजरात के लोथल पोर्ट केमाध्यम से मिस्र केसाथ व्यापार होता था, विश्व में विभिन्न परिवर्तनों के बावजूद हमारे संबंधों में एक स्थिरता रही है और हमारा सहयोग भी निरंतर सुदृढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी केसाथ आए प्रतिनिधिमंडल का भी हार्दिक स्वागत किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि पिछले कुछ वर्ष में हमारे आपसी सहयोग में और ज्यादा बढ़ोतरी हुई है और मैं इसका बहुत बड़ा श्रेय मेरे मित्र राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी के कुशल नेतृत्व को देता हूं। उन्होंने कहाकि इसवर्ष भारत ने अपनी जी20 अध्यक्षता के दौरान मिस्र को अतिथि देश के रूपमें आमंत्रित किया है, जो हमारी विशेष मित्रता को दर्शाता है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि अरब सागर के एक छोरपर भारत है तो दूसरी ओर मिस्र है, दोनो देशों केबीच सामरिक समन्वय पूरे क्षेत्रमें शांति और समृद्धि केलिए मददगार होगा, इसलिए आज की बैठक में मिस्र के राष्ट्रपति और मैंने हमारी द्विपक्षीय भागीदारी को सामरिक भागीदारी के स्तरपर लेजाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहाकि हमने तय किया हैकि भारत-मिस्र सामरिक साझेदारी केतहत हम राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक एवं वैज्ञानिक क्षेत्रों में और अधिक व्यापक सहयोग का दीर्घकालिक ढांचा विकसित करेंगे।
प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत और मिस्र दुनियाभर में होरहे आतंकवाद के प्रसार से चिंतित हैं, हम एकमत हैंकि आतंकवाद मानवता केलिए सबसे गंभीर सुरक्षा खतरा है, दोनों देश इस बातपर भी सहमत हैंकि सीमापार आतंकवाद को समाप्त करने केलिए ठोस कार्रवाई जरूरी है और इसके लिए हमसाथ मिलकर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को सचेत करने का प्रयत्न करते रहेंगे। उन्होंने कहाकि हमारे बीच सुरक्षा एवं रक्षा सहयोग बढ़ाने कीभी अपार सम्भावनाएं हैं, पिछले कुछ वर्ष में हमारी सेनाओं केबीच संयुक्त अभ्यास प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के कार्यों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमने आजकी बैठक में अपने रक्षा उद्योगों केबीच सहयोग को और मज़बूत करने एवं आतंकवाद विरोधी संबंधी सूचना एवं इंटेलिजेंस का आदान-प्रदान बढ़ाने का भी निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि अतिवादी विचारधाराओं तथा कट्टरता को फैलाने केलिए साइबर स्पेस का दुरुपयोग एक बढ़ता हुआ संकट है, इसके खिलाफ भी हम सहयोग बढ़ाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहाकि कोविड महामारी केदौरान हमने हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर जो दुष्प्रभाव पड़े हैं, उसको करीब से देखा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी और मैं इस चुनौतीपूर्ण काल में निकट संपर्क में रहें और दोनों देशों ने आवश्यकता के समय एक-दूसरे को तत्काल सहायता भेजी। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज हमने कोविड और उसके बाद यूक्रेन संघर्ष के कारण प्रभावित हुए फ़ूड और फ़ार्मा सप्लाई चेन को भी मजबूत करने की दिशा में व्यापक चर्चा की है। उन्होंने कहाकि हम इन क्षेत्रों में आपसी निवेश और व्यापार बढ़ाने की आवश्यकता परभी सहमत हुए हैं, हमने मिलकर ये तय किया हैकि अगले पांच वर्ष में हम अपने द्विपक्षीय व्यापार को 12 बिलियन डॉलर तक ले जाएंगे। प्रधानमंत्री ने कहाकि कोप-27 को सफलतापूर्वक होस्ट करने और क्लाइमट के क्षेत्रमें विकासशील देशों के हितों को सुनिश्चित करने के प्रयासों केलिए हम मिस्र की सराहना करते हैं। उन्होंने कहाकि संयुक्त राष्ट्र तथा अन्य अंतर्राष्ट्रीय फ़ोरम में भारत और मिस्र का लंबा और बेहतरीन सहयोग रहा है, हम दोनों देश अंतर्राष्ट्रीय विवादों के समाधान केलिए कूटनीति और संवाद की आवश्यकता पर भी सहमत हैं।

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