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विश्व में प्रवासी भारतीयों की उल्लेखनीय छाप-मोदी

'प्रवासियों के साथ जुड़ाव को और मजबूत करने का शानदार अवसर'

प्रवासी भारतीय दिवस पर इंदौर में 17वां भव्य सम्मेलन आयोजित

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 9 January 2023 05:54:20 PM

grand convention organized in indore on pravasi bhartiya divas

इंदौर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवासी भारतीय दिवस पर आज इंदौर में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा हैकि यह हमारे उस प्रवासी भारतीय समुदाय केसाथ जुड़ाव को और मजबूत करने का एक शानदार अवसर है, जिसने वैश्विक स्तरपर अपनी उल्लेखनीय पहचान बनाई है। प्रधानमंत्री ने कहाकि यहां उपस्थित प्रत्येक प्रवासी भारतीय अपने-अपने क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों के साथ अपने देश की माटी को नमन करने आया है और ये प्रवासी भारतीय सम्मेलन मध्यप्रदेश की उस धरती पर हो रहा है, जिसे देश का हृदय क्षेत्र कहा जाता है। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से कहाकि मध्यप्रदेश में मां नर्मदा का जल, जंगल, आदिवासी परंपरा, आध्यात्म ऐसा कितना कुछ है, जो आपकी इस यात्रा को अविस्मरणीय बनाएगा, उज्जैन में भगवान महाकाल के महालोक का भव्य और दिव्य विस्तार हुआ है, आशा हैकि आपसब वहां जाकर भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेंगे और उस अद्भुत अनुभव का हिस्सा भी बनेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि लोग कहते हैंकि इंदौर एक शहर है, लेकिन मैं कहता हूं इंदौर एक दौर है, ये वो दौर है, जो समय से आगे चलता है, फिरभी विरासत को समेटे रहता है, इंदौर ने स्वच्छता के क्षेत्र में देशमें एक अलग पहचान स्थापित की है, खाने-पीने केलिए ‘अपन का इंदौर’ देशही नहीं, पूरी दुनिया में लाज़वाब है, यही वजह है कि कुछ लोग इंदौर को स्वच्छता केसाथ-साथ स्वाद की राजधानी भी कहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि प्रवासी भारतीय दिवस कई मायनों में खास है, अभी कुछ महीने ही हमने भारत की आजादी के 75 साल मनाए हैं, हमारे स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित एक डिजिटल प्रदर्शनी यहां आयोजित की गई है, जो वही गौरवशाली युग फिरसे आपके सामने लाती है। उन्होंने कहाकि देश अगले 25 साल के अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है, इस यात्रा में हमारे प्रवासी भारतीयों का महत्वपूर्ण स्थान है, भारत की अनूठी वैश्विक दृष्टि और वैश्विक व्यवस्था में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका को आप लोग और मजबूत करेंगे। उन्होंने कहाकि हमारे लिए पूरा संसार ही हमारा स्वदेश है, मनुष्य मात्र ही हमारा बंधु-बांधव है, इसी वैचारिक बुनियाद पर हमारे पूर्वजों ने भारत के सांस्कृतिक विस्तार को आकार दिया था।
प्रधानमंत्री ने कहाकि दुनिया के इतने अलग-अलग देशों में जब भारत के लोग एक कॉमन फ़ैक्टर की तरह दिखते हैं तो वसुधैव कुटुंबकम् की भावना के साक्षात दर्शन होते हैं, एक भारत, श्रेष्ठ भारत का सुखद एहसास होता है, जब प्रवासी भारतीयों के योगदान का विश्व आकलन करता है तो सशक्त और समर्थ भारत की आवाज़ सुनाई देती है, इसलिए प्रवासी भारतीय विदेशी धरती पर भारत के राष्ट्रदूत हैं। उन्होंने कहाकि भारत के ब्रांड एंबेसडर के रूपमें आपकी भूमिका विविध है, आप मेक इन इंडिया, योग और आयुर्वेद, भारत के कुटीर उद्योगों और हस्तशिल्प, भारत के बाजरे के ब्रांड एंबेसडर भी हैं। उन्होंने कहाकि आप पहले सेही जानते होंगेकि 2023 को संयुक्तराष्ट्र ने अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया है, मेरी आपसे अपील हैकि लौटते समय बाजरे की कुछ उपज अपने साथ ले जाएं। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज दुनिया बड़ी दिलचस्पी और उत्सुकता से भारत का इंतजार कर रही है और देख रही है। उन्होंने कहाकि बीते कुछ वर्ष में भारत ने विकास की जो गति प्राप्त की है, जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वो असाधारण एवं अभूतपूर्व हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि जब भारत कोविड महामारी केबीच कुछ महीनों मेही स्वदेशी वैक्सीन बना लेता है, अपने नागरिकों को वैक्सीन डोज़ मुफ्त लगाने का रिकॉर्ड बनाता है, वैश्विक अस्थिरता केबीच भी विश्व की उभरती अर्थव्यवस्था बनता है, टॉप-5 इकॉनॉमी में शामिल होता है, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र बनता है, मोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग के क्षेत्रमें मेक इन इंडिया का डंका बजता है, अपने दम पर तेजस फाइटर प्लेन, एयरक्राफ्ट करियर आईएनएस विक्रांत और अरिहंत जैसी न्यूक्लियर सबमरीन बनाता है तो स्वाभाविक है, दुनिया और दुनिया के लोगों में जिज्ञासा होती हैकि भारत क्या कर रहा है, कैसे कर रहा है। उन्होंने कहाकि लोग जानना चाहते हैंकि भारत की स्पीड क्या है, स्केल क्या है, भारत का फ्यूचर क्या है? प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों से कहाकि भारत की ताकत दुनिया देख रही है, आप मेसे बहुत से लोगभी इसका बहुत बड़ा जरिया हैं, भारत का बढ़ता हुआ सामर्थ्य, ये दम-खम, भारत की जड़ों से जुड़े हर व्यक्ति का सीना चौड़ा कर देता है, वैश्विक मंच पर भारत की आवाज़, संदेश, कही बात एक अलग ही मायने रखती है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत की बढ़ती हुई ताकत आनेवाले दिनों में और ज्यादा बढ़ने वाली है और इसलिए विदेश में रहनेवाले भारतीय मूल के लोगों की, प्रवासी भारतीयों की जिम्मेदारी भी बहुत बढ़ जाती है, आपके पास आज भारत केबारे में जितनी व्यापक जानकारी होगी, उतना ही आप दूसरों को भारत के बढ़ते सामर्थ्य के बारेमें बता पाएंगे और तथ्यों के आधार पर बता पाएंगे, मेरा आग्रह हैकि आपके पास कल्चरल और आध्यात्मिक जानकारी केसाथ-साथ भारत की प्रगति की अपडेटेड इनफार्मेशन होनी चाहिए। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से कहाकि आप सबको येभी पता है, इस वर्ष भारत दुनिया के जी20 समूह की अध्यक्षता भी कर रहा है, भारत इस ज़िम्मेदारी को एक बड़े अवसर के रूपमें देख रहा है, हमारे लिए ये दुनिया को भारत केबारे में बताने का अवसर है और हमें जी20 केवल एक कूटनीतिक घटना नहीं, बल्कि जनभागीदारी का एक ऐतिहासिक आयोजन बनाना है, इस दौरान विश्व के विभिन्न देश भारत के जन-जन के मन में अतिथि देवो भवः की भावना का दर्शन करेंगे। उन्होंने प्रवासी भारतीयों से कहाकि आपभी अपने देश से आरहे प्रतिनिधियों से मिलकर उन्हें भारत के बारेमें बता सकते हैं, इससे उन्हें भारत पहुंचने से पहले ही अपनत्व और स्वागत का एहसास होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत के पास न केवल दुनिया के नॉलेज सेंटर बनने, बल्कि स्किल कैपिटल बनने का सामर्थ्य भी है, ये स्किल कैपिटल दुनिया के विकास का इंजन बन सकती है। उन्होंने कहाकि भारत में उपस्थित युवाओं केसाथ ही भारत की प्राथमिकता वो प्रवासी युवा भी हैं, जो भारत से जुड़े हैं, ये नेक्स्ट जेनेरेशन युवा, जो विदेश में जन्मे हैं, वहीं पले-बढ़े हैं, हम उन्हें भी अपने भारत को जानने समझने केलिए कई अवसर दे रहे हैं, नेक्स्ट जेनेरेशन प्रवासी युवाओं मेभी भारत को लेकर उत्साह बढ़ रहा है, वो अपने माता-पिता के देशके बारे में जानना चाहते हैं, अपनी जड़ों से जुड़ना चाहते हैं और ये हम सबकी ज़िम्मेदारी हैकि हम इन युवाओं को न केवल देश केबारे में गहराई से बताएं, बल्कि उन्हें भारत दिखाएं भी। उन्होंने कहाकि पारंपरिक बोध और आधुनिक नज़र केसाथ ये युवा भावी दुनिया को भारत के बारेमें कहीं ज्यादा प्रभावी ढंग से बता पाएंगे, ये युवा भारत के विभिन्न पर्वों के दौरान प्रसिद्ध मेलों के दौरान आ सकते हैं या फिर बुद्ध सर्किट, रामायण सर्किट का लाभ उठा सकते हैं वो आजादी के अमृत महोत्सव केतहत हो रहे कार्यक्रमों में भी जुड़ सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहाकि मेरा एक और सुझाव हैकि कई देशों में भारत से प्रवासी कई सदियों से जाकर बसे हैं, भारतीय प्रवासियों ने वहां के राष्ट्र के निर्माण में असाधारण योगदान दिया है, हमें इनकी लाइफ, उनके संघर्ष और उनके अचीवमेंट्स को डॉक्यूमेंट करना चाहिए और आग्रह हैकि यूनिवर्सिटीज के माध्यम से हर देशमें हमारे डायस्पोरा की हिस्ट्री पर ऑडियो-विडियो या लिखित डॉक्यूमेंटेशन के प्रयास किए जाएं। प्रधानमंत्री ने कहाकि बीते 8 वर्ष में देश ने अपने प्रवासी को ताकत देने केलिए हर संभव प्रयास किया है, आज भारत का ये कमिटमेंट हैकि आप दुनिया में कहीं भी रहेंगे, देश आपके हितों और अपेक्षाओं केलिए आपके साथ रहेगा। गुयाना के राष्ट्रपति डॉक्टर मोहम्मद इरफ़ान अली और सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी सम्मेलन में मुख्य और विशिष्ट अतिथि के रूपमें शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने उनका अभिनंदन किया और आभार भी व्यक्त किया। प्रवासी भारतीय सम्मेलन में मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विदेश मंत्री एस जयशंकर, मंत्रिमंडल के सहयोगी और विश्वभर से बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय पधारे।

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