जेडयूएफ का भारत सरकार और मणिपुर सरकार से समझौता
समझौता कार्यांवयन केलिए संयुक्त निगरानी समूह का गठनस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 28 December 2022 02:56:12 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार और मणिपुर सरकार के संयुक्त प्रयास से भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में एक दशक से अधिक समय से हिंसक रूपसे सक्रिय विद्रोही समूह जेलियांग्रोंग यूनाइटेड फ्रंट (जेडयूएफ) ने अपनी विद्रोही गतिविधियों की समाप्ति केलिए सरकार से समझौता किया है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार ने आशा व्यक्त की हैकि मणिपुर में शांति प्रक्रिया को बढ़ावा मिलेगा। समझौते पर केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं मणिपुर सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और जेडयूएफ के प्रतिनिधियों ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'उग्रवाद मुक्त और समृद्ध पूर्वोत्तर' के विजन को साकार करने की यह बड़ी कोशिश मानी जा रही है, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
जेलियांग्रोंग यूनाइटेड फ्रंट सशस्त्र समूह के प्रतिनिधियों ने हिंसा छोड़ने और देश के कानून द्वारा स्थापित शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने पर सहमति व्यक्त की है। जेडयूएफ केसाथ इस समझौते में सशस्त्र कैडरों के पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन का प्रावधान है और सहमति प्राप्त बुनियादी नियमों के कार्यांवयन की देखरेख केलिए एक संयुक्त निगरानी समूह का गठन किया जाएगा। गौरतलब हैकि विद्रोहियों ने जेलियांग्रोंग यूनाइटेड फ्रंट की स्थापना 2011 में की थी। यह एक नागा समूह है, जो हिंसक रूपसे मणिपुर में सक्रिय है। इस समूह का दावा हैकि उसका उद्देश्य मणिपुर, असम और नागालैंड में 'ज़ेलियनग्रोंग नागा जनजातियों' के हितों की रक्षा करना है एवं मणिपुर, असम और नागालैंड में जेलियांग्रोंग नागा जनजाति क्षेत्र को शामिल करते हुए भारतीय संघ के भीतर एक ज़ेलियानग्रोंग राज्य बनाना था।