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'भारतीय सेना ने चीन को दिया करारा जवाब'

'चीन की भारत की सीमा में घुसपैठ की नापाक कोशिश नाकाम'

रक्षामंत्री ने संसद के दोनों सदनों में दी घटना की पूरी जानकारी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 13 December 2022 04:05:28 PM

defense minister rajnath singh

नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज संसद के दोनों सदनों में 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय सीमा पर चीनी सेना के अतिक्रमण एवं घुसपैठ का भारतीय सैनिकों के द्वारा विरोध करने एवं चीनी सैनिकों को दृढ़ता से मुंहतोड़ जवाब देते हुए उन्हें उल्टे कदम लौटने पर मजबूर करदेने की घटना के बारेमें विस्तृत जानकारी दी। रक्षामंत्री ने बतायाकि 9 दिसंबर 2022 को पीएलए सैनिकों ने तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा का अतिक्रमण करने और एकतरफा तरीके से यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया, हमारे सैनिकों ने दृढ़ता और संकल्प केसाथ चीन के कुटिल प्रयास का विरोध किया, फलस्वरूप सैनिकों के बीच आमने-सामने की हाथापाई हुई, जिसमें भारतीय सेना ने बहादुरी से हमारे क्षेत्रमें उन्हें अतिक्रमण करने से रोका और अपनी चौकियों पर लौटने केलिए बाध्य कर दिया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बतायाकि इस झड़प में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें आई हैं और मैं सदन में यह साझा करना चाहता हूंकि हमारी ओर से कोई हताहत या गंभीर रूपसे हताहत नहीं हुआ है। रक्षामंत्री ने बतायाकि भारतीय सैन्य कमांडरों के समय से हस्तक्षेप के कारण पीएलए सैनिक अपने ठिकानों पर वापस चले गए, घटना की फोलोअप कार्रवाई के रूपमें क्षेत्र में स्थानीय कमांडर ने अपने समकक्ष केसाथ इस विषय पर स्थापित व्यवस्था के अनुसार चर्चा करने केलिए 11 दिसंबर 2022 को फ्लैग मीटिंग की, जिसमें चीनी पक्ष से इस तरह की हरकतों से बाज आने तथा सीमा पर शांति बनाए रखने को कहा गया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बतायाकि राजनयिक माध्यमों से भी इस विषय को चीनी पक्ष के साथ उठाया गया है। रक्षामंत्री ने सदन को आश्वस्त कियाकि भारत की सेनाएं अपने देश की क्षेत्रीय अखंडता केलिए प्रतिबद्ध हैं और इस तरह के किसीभी कूटरचित प्रयास को विफल करती रहेंगी। रक्षामंत्री ने कहाकि उन्हें विश्वास हैकि पूरा सदन हमारे सैनिकों के साहसिक प्रयासों का समर्थन करने केलिए एकजुट रहेगा। गौरतलब हैकि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में वर्ष 2020 मेभी चीनी सेना ने ऐसी ही नापाक कोशिश की थी।

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