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सट्टेबाजी के विज्ञापन के झांसे में न आएं!

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी

टीवी, निजी और डिजिटल समाचार प्रकाशकों को सलाह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 4 October 2022 04:09:00 PM

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नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने उपभोक्ताओं विशेषकर युवाओं एवं बच्चों को सचेत करते हुए व्‍यापक वित्तीय और सामाजिक एवं आर्थिक जोखिम को ध्‍यान में रखते हुए एडवाइजरी जारी की है, जिसमें एक एडवाइजरी निजी टेलीविजन चैनलों केलिए, दूसरी एडवाइजरी डिजिटल समाचार प्रकाशकों और ओटीटी प्लेटफॉर्मों केलिए है। एडवाइजरी में इन सभीको ऑनलाइन सट्टेबाजी साइटों के विज्ञापनों और इस तरह की साइटों के सरोगेट विज्ञापनों को दिखाने से बचने की सख्‍ती केसाथ सलाह दी गई है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इससे पहले 13 जून 2022 को एक एडवाइजरी जारीकर समाचारपत्रों, निजी टीवी चैनलों और डिजिटल समाचार प्रकाशकों को ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्मों के विज्ञापन प्रकाशित करने से बचने की सलाह दी थी।
भारत सरकार के संज्ञान में आया हैकि टेलीविजन पर कई स्पोर्ट्स चैनल केसाथ ओटीटी प्लेटफॉर्म हालमें विदेशी ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म केसाथ उनकी सेरोगेट न्यूज़ वेबसाइटों के विज्ञापन दिखारहे हैं। एडवाइजरी को साक्ष्यों केसाथ जारी किया गया है, जिसमें फेयरप्ले, परीमैच, बेटवे, वुल्फ 777 और 1xबेट जैसे ऑफशोर सट्टेबाजी प्लेटफार्मों के प्रत्यक्ष और सरोगेट विज्ञापन शामिल थे। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एडवाइजरी में सूचित किया हैकि ऑनलाइन विदेशी सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म अब डिजिटल मीडिया पर बेटिंग प्लेटफॉर्म का विज्ञापन करने केलिए समाचार वेबसाइटों को एक सरोगेट उत्पाद के रूपमें इस्तेमाल कर रहे हैं, ऐसे मामलों में पाया गया हैकि सरोगेट समाचार वेबसाइटों के लोगो सट्टेबाजी के प्लेटफॉर्म के समान हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का कहना हैकि न तो सट्टेबाजी के प्लेटफॉर्म और न ही समाचार वेबसाइट भारतमें किसीभी वैधानिक प्राधिकरण केतहत पंजीकृत हैं, ऐसी वेबसाइटें समाचार की आड़ में सरोगेट विज्ञापन के रूपमें सट्टेबाजी और जुए को बढ़ावा दे रही हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का कहना हैकि चूंकि देशके अधिकांश हिस्सों में सट्टेबाजी और जुआ गैर-कानूनी है, इसलिए इन सट्टेबाजी प्लेटफार्मों के विज्ञापन और उनके सरोगेट विज्ञापन भी गैर-कानूनी हैं। ये एडवाइजरी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-2019, केबल टेलीविजन नेटवर्क (विनियमन) अधिनियम-1995 और आईटी नियम-2021 के प्रावधानों पर आधारित हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहाकि ऐसे विज्ञापन विभिन्न संबंधित कानूनों के अनुरूप नहीं हैं तथा टीवी चैनलों और डिजिटल समाचार प्रकाशकों को सख्ती से सलाह दी हैकि वे ऐसे सट्टेबाजी प्लेटफार्मों या उनकी सरोगेट न्यूज़ वेबसाइटों को प्रसारित न करें। मंत्रालय ने कहाकि इसका उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ऑनलाइन विज्ञापनों के मध्यस्थों कोभी सलाह दी हैकि वे ऐसे विज्ञापनों को भारतीय दर्शकों केलिए लक्षित न करें। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने उपभोक्ता मामले विभाग केसाथ ये एडवाइजरी जारी की है।

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