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राष्ट्रपति से मिले आईएफएस प्रशिक्षु अधिकारी

'वैश्विक मंच पर अपने देशका प्रतिनिधित्व करना बड़े सम्मान की बात'

राष्ट्रपति ने आईएफएस प्रशिक्षु अफसरों को दीं बधाई और शुभकामनाएं!

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Friday 30 September 2022 02:08:16 PM

president meets officer trainees of 2021 batch of the indian foreign service

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भारतीय विदेश सेवा 2021 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों के एक समूह ने राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। राष्ट्रपति ने प्रशिक्षु अधिकारियों का स्वागत किया और भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने पर उनको बधाई और शुभकामनाएं भी दीं। उन्होंने कहाकि भारतीय विदेश सेवा विशेष रूपसे एक ऐसे करियर में ऐसा करने का अवसर प्रदान करता है, जो उतनाही चुनौतीपूर्ण है, जितनाकि यह फायदेमंद है। राष्ट्रपति ने कहाकि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपने देशका प्रतिनिधित्व करना बड़े सम्मान और सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहाकि आनेवाले दशकमें वे दुनिया केसाथ भारत के संबंधों को आकार देंगे, वास्तव में भारतभी दुनिया को कैसे आकार देता है, इसमें वे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे होंगे। उन्होंने कहाकि उन्हें बताया गया हैकि 2021 बैच के 35 आईएफएस प्रशिक्षु अधिकारियों में 15 महिला अधिकारी प्रशिक्षु शामिल हैं, जबकि उनकी इच्छा हैकि यह संख्या और भी अधिक हो। राष्ट्रपति ने कहाकि आप देश के कोने-कोने से आते हैं, अपने साथ सेवामें पेशेवर पृष्ठभूमि की विविधता भी लाते हैं, इंजीनियरिंग और चिकित्सा से लेकर प्रबंधन और मानविकी तक, आपमें से कई लोगों केपास काम करने का अनुभव है और कुछ ने सरकार में भी काम किया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आईएफएस प्रशिक्षु अधिकारियों से कहाकि उन्हें विश्वास हैकि जब उन्होंने लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में फाउंडेशन कोर्स में भाग लिया था, तब उन्होंने सीखने के महान अवसर का सर्वोत्तम उपयोग किया होगा, प्रशासन की कला और शिल्प केबारे में सीखने वाली कक्षा के शीर्षपर उनमें से कुछ पहलेही 'आकांक्षी जिलों' का दौरा कर चुके हैं और बाकी जल्द ही ऐसा करेंगे, इससे वे जमीनी हकीकत की बारीकियों और नागरिकों की अपेक्षाओं से अच्छी तरह वाकिफ होंगे। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्होंने सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विसेज में इंडक्शन ट्रेनिंग प्रोग्राम कोभी सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और अब विदेश में अपनी भाषा पोस्टिंग केलिए तत्पर हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि इस प्रकार वे अपने करियर के एक रोमांचक चरण में प्रवेश करने वाले हैं, विभिन्न भाषाओं के ज्ञान केसाथ अन्य संस्कृतियों और दुनिया को देखने के अन्य तरीकों का पता लगाएंगे, दुनियाभर में भारतीय डायस्पोरा की महत्वपूर्ण भूमिका कोभी विकसित और बढ़ावा देंगे। उन्होंने कहाकि आप विदेश सेवा में अपना करियर ऐसे समयमें शुरू कर रहे हैं, जब भारत एक नए आत्मविश्वास केसाथ वैश्विक मंच पर उभरा है और यह उनके लिए और अधिक रोमांचक होने वाला है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि विश्वभी भारत को सम्मान की नज़र से देख रहा है, हालिया वर्ष में हमारे द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों में नई पहल हुई हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि कई वैश्विक मंचों पर भारत ने निर्णायक हस्तक्षेप किया है, कई क्षेत्रोंमें भारत के नेतृत्व को अब चुनौती नहीं दी जा सकती है। राष्ट्रपति ने कहाकि भारत तेज विकास और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी राष्ट्रके रूपमें भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। राष्ट्रपति ने कहाकि भारतीय विदेश सेवा उन्हें भारत की गौरवशाली सभ्यता, विरासत और संस्कृति केसाथ अपनी विकासात्मक आकांक्षाओं को विश्व के बाकी हिस्सों के सामने रखने का एक अनोखा अवसर प्रदान करती है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि हम हाशिये पर रहने वालों तक पहुंचने केलिए तकनीक का उपयोग कर सकते हैं, इसके साथही प्रौद्योगिकी नए खतरों केसाथ सुरक्षा प्रतिमान कोभी फिरसे स्थापित करती है। उन्होंने कहाकि एक राष्ट्रके रूपमें हमारे पास अपने विकल्पों को फिरसे स्थापित करने का अवसर है। राष्ट्रपति ने कहाकि इस तेजीसे बदलते विश्व केबीच अपने अवसरों और खतरों केसाथ भारतीय विदेश सेवा के अधिकारियों की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि इन अराजक परिस्थितियों को संचालित करना और भारत एवं विश्व केलिए भी सर्वश्रेष्ठ सुनिश्चित करना, उनकी बुद्धिमत्ता की परीक्षा लेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि वे साथी नागरिकों के सबसे बेहतर हित में भविष्य की चुनौतियों का यथासंभव सर्वश्रेष्ठ तरीके से जवाब देंगे। राष्ट्रपति ने कहाकि भारत की मजबूत स्थिति उसके आर्थिक प्रदर्शन सहित अन्य कारकों के आधार पर है, वहीं विश्वकी प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं अभीभी कोरोना महामारी के प्रभावों को दूर करने के प्रयास कर रही हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि भारत फिरसे खड़ा हो गया है और आगे बढ़ना शुरू कर दिया है, इसके परिणामस्वरूप भारत की अर्थव्यवस्था सबसे तेज विकासदर दर्ज कर रही है। द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि वास्तव में वैश्विक आर्थिक सुधार एक सीमातक भारत पर टिका हुआ है, वैश्विक मंचपर भारत के होने का दूसरा कारण उसका लोक व्यवहार है। उन्होंने कहाकि विश्व के बाकी हिस्से केसाथ भारत के संबंध सदियों पुराने मूल्यों से संचालित होते हैं। राष्ट्रपति ने विश्वमें हो रहे परिवर्तनों का उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि कई मोर्चों पर हो रहे बदलाव महान अवसरों केसाथ बड़ी चुनौतियां भी सामने रखते हैं, उदाहरण केलिए नई प्रौद्योगिकियां हमें बेहतर स्वास्थ्य सेवा की उम्मीद देती हैं, लेकिन वे मौजूदा व्यावसायिक अभ्यासों कोभी खतरे में डालती हैं।

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