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'ग्लोबल व क्षेत्रीय परिवेश में एससीओ नेतृत्व प्रभावी'

एससीओ सदस्य देशों का और गहरे सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन में संबोधन

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Friday 16 September 2022 02:40:40 PM

pm modi's address at sco summit in samarkand

समरकंद। उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव के निमंत्रण पर उज्बेकिस्तान के समरकंद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की 22वीं बैठक में भाग लिया। समरकंद हवाईअड्डे पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्री अब्दुल्ला अरिपोव ने अगवानी करते हुए उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। हवाईअड्डे पर प्रधानमंत्री का स्वागत करने केलिए उज्बेकिस्तान के कई मंत्री, समरकंद क्षेत्र के राज्यपाल और सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति और शिखर सम्मेलन में आए राजनेताओं केसाथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं। एससीओ शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसवर्ष के चुनौतिपूर्ण ग्लोबल और क्षेत्रीय वातावरण में एससीओ के प्रभावी नेतृत्व केलिए उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव को ह्रदय से बधाई दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज जब विश्व कोरोना महामारी केबाद आर्थिक रिकवरी की चुनौतियों का सामना कर रहा है, एससीओ की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है, एससीओ के सदस्य देश वैश्विक जीडीपी में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान देते हैं और विश्वकी 40 प्रतिशत जनसंख्या एससीओ देशोंमें निवास करती है। उन्होंने कहाकि भारत एससीओ सदस्यों केबीच अधिक सहयोग और आपसी विश्वास का समर्थन करता है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि कोरोना महामारी और यूक्रेन के संकट से ग्लोबल सप्लाई चेंस में कई बाधाएं उत्पन्न हुईं, जिसके कारण विश्व अभूतपूर्व ऊर्जा एवं खाद्य संकट का सामना कर रहा है। उन्होंने कहाकि एससीओ को हमारे क्षेत्रमें विश्वस्त, रेसिलिएंट और विविध सप्लाई चेंस विकसित करने केलिए प्रयत्न करने चाहिएं, इसके लिए बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता तो होगीही, साथही यहभी महत्वपूर्ण होगाकि हमसभी एकदूसरे को पारगमन का पूरा अधिकार दें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि हम भारतको एक निर्माण केंद्र बनाने पर प्रगति कर रहे हैं, भारत का युवा और प्रतिभाशाली कर्मचारियों की संख्या हमें स्वाभाविक रूपसे प्रतिस्पर्द्धी बनाती है। उन्होंने कहाकि इस वर्ष भारत की अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत वृद्धि की आशा है, जो विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक होगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारे जनकेंद्रित विकास मॉडल में टेक्नोलॉजी के उचित उपयोग परभी बहुत ध्यान दिया जा रहा है, हम प्रत्येक सेक्टर में इनोवेशन का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि आज भारतमें 70,000 से अधिक स्टार्टअप्स हैं, जिनमे से 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं, हमारा यह अनुभव कई अन्य एससीओ सदस्यों केभी काम आ सकता है, इसी उदेश्य से हम नए स्टार्टअप्स और इनोवेशन पर विशेष कार्य समूह की स्थापना करके एससीओ सदस्य देशों केसाथ अपने अनुभव साझा करने केलिए तैयार हैं। उन्होंने एससीओ शिखर सम्मेलन में सामयिक, क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों, एससीओ के विस्तार और संगठन के भीतर बहुआयामी एवं पारस्परिक रूपसे लाभकारी सहयोग को और गहरा बनाने पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। गौरतलब हैकि एससीओ की शुरुआत जून 2001 में शंघाई में हुई थी और इसके आठ पूर्ण सदस्य हैं, जिनमें छह संस्थापक सदस्य चीन, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। भारत और पाकिस्तान इसमें 2017 में पूर्ण सदस्य के रूपमें शामिल हुए थे।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि विश्व आज एक और बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है और यह है हमारे नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, इस समस्या का एक संभावित समाधान है बाजरा की खेती और उपभोग को बढ़ावा देना। उन्होंने कहाकि बाजरा एक ऐसा सुपरफूड है, जो न सिर्फ एससीओ देशोंमें, बल्कि विश्व के कई भागों में हजारों साल से उगाया जा रहा है और खाद्य संकट से निपटने केलिए एक पारंपरिक, पोषक और कम लागत वाला विकल्प है। उन्होंने कहाकि वर्ष 2023 को बाजरा का संयुक्तराष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूपमें मनाया जाएगा। उन्होंने कहाकि हमें एससीओ के अंतर्गत एक ‘मिलेट फ़ूड फेस्टिवल’ के आयोजन पर विचार करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत आज विश्वमें चिकित्सा और कल्याण पर्यटन केलिए सबसे किफायती गंतव्यों में से एक है। उनहोंने कहाकि अप्रैल 2022 में गुजरात में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन का उद्घाटन किया गया, पारंपरिक चिकित्सा केलिए यह डब्ल्यूएचओ का पहला और एकमात्र ग्लोबल सेंटर होगा। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमें एससीओ देशों केबीच ट्रेडिशनल मेडिसिन पर सहयोग बढ़ाना चाहिए, इसके लिए भारत एक नई पारंपरिक चिकित्सा पर एससीओ वर्किंग ग्रुप पहल करेगा।

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