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शक्ति हमारे लिए सृजन का माध्यम-मोदी

विजयदशमी पर सात नई रक्षा कंपनियां राष्ट्र को समर्पित

ये कंपनियां भारत की सैन्य ताकत का बहुत बड़ा आधार

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 15 October 2021 04:43:51 PM

pm narendra modi dedicating seven new defence companies to the nation

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विजयदशमी पर सात नई रक्षा कंपनियां राष्ट्र को समर्पित करने के कार्यक्रम में कहा है कि हम शक्ति को सृजन का माध्यम मानते हैं, इसी भावना के साथ आज देश अपने सामर्थ्य को बढ़ा रहा है और देश की जनता देश के इन संकल्पों की सारथी भी है, देश को विजयदशमी की हार्दिक बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विजयदशमी पर राष्‍ट्र को सशक्‍त बनाने के लिए राष्‍ट्र को अजेय बनाने केलिए जो लोग दिन-रात खपा रहे हैं उनके सामर्थ्‍य में और अधिक आधुनिकता लाने के लिए एक नई दिशा की ओर चलने का यह अवसर और अपने-आप में ही एक शुभ संकेत है। कार्यक्रम की शुरुआत भारत की महान परंपरा शस्त्र पूजन से की गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज ही देश के पूर्व राष्ट्रपति भारतरत्न डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती भी है, जिन्होंने अपने जीवन को शक्तिशाली भारत के निर्माण के लिए समर्पित किया है, वे हम सभी के लिए प्रेरणा हैं, रक्षा क्षेत्र में आज जो 7 नई कंपनियां उतरी हैं, वो समर्थ राष्ट्र के उनके संकल्पों को और मजबूती देंगी। नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस वर्ष भारत ने आजादी के 75वें साल में प्रवेश किया है, आज़ादी के इस अमृतकाल में देश एक नए भविष्य के निर्माण के लिए नए संकल्प ले रहा है और जो काम दशकों से अटके थे, उन्हें पूरा भी कर रहा है। उन्होंने कहा कि 41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज़ को नए स्वरूप में किए जाने का निर्णय, इन 7 नई कंपनियों की शुरुआत, देश की इसी संकल्प यात्रा का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि ये निर्णय पिछले 15-20 साल से लटका हुआ था और मुझे पूरा भरोसा है कि ये सभी सात कंपनियां आने वाले समय में भारत की सैन्य ताकत का एक बहुत बड़ा आधार बनेंगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे हमारी इंडस्ट्री का कॉन्फ़िडेंस बढ़ा है, हमारी अपनी भारत की कंपनियों ने डिफेंस इंडस्ट्री में भी अपने लिए संभावनाएं तलाशना शुरू किया है और अब प्राइवेट सेक्टर और सरकार साथ मिलकर राष्ट्र रक्षा के मिशन में आगे बढ़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज़ कभी दुनिया की शक्तिशाली संस्थाओं में गिनी जाया करती थीं, इन फैक्ट्रीज़ के पास सौ-डेढ़ सौ साल से भी ज्यादा का अनुभव है, विश्वयुद्ध के समय भारत की ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज़ का दम-खम दुनिया ने देखा है, हमारे पास बेहतर संसाधन होते थे, वर्ल्ड क्लास स्किल होता था। उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद हमें जरूरत थी इन फैक्ट्रीज़ को उच्चीकृत करने की, न्यू एजटेक्नोलॉजी को अपनाने की, लेकिन इसपर बहुत ध्यान नहीं दिया गया, समय के साथ भारत अपनी सामरिक जरूरतों के लिए विदेशों पर निर्भर होता गया, इस स्थिति में परिवर्तन लाने में ये नई 7 डिफेंस कंपनियां बड़ी भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश का लक्ष्य भारत को अपने दम पर दुनिया की बड़ी सैन्य ताकत बनाने का है, भारत में आधुनिक सैन्य इंडस्ट्री के विकास का है, पिछले सात वर्ष में देश ने 'मेक इन इंडिया' के मंत्र के साथ अपने इस संकल्प को आगे बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि आज देश के डिफेंस सेक्टर में जितनी पारदर्शिता है, विश्वास है और प्रौद्योगिकी संचालित दृष्टिकोण है, उतना पहले कभी नहीं था, आज़ादी के बाद पहली बार देश के डिफेंस सेक्टर में इतने बड़े बदलाव हो रहे हैं, अटकाने-लटकाने वाली नीतियों की जगह सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था की गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यूपी और तमिलनाडू के डिफेंस कॉरिडॉर्स का उदाहरण हमारे सामने है, इतने कम समय में बड़ी-बड़ी कंपनियों ने मेक इन इंडिया में अपनी रुचि दिखाई है, इससे देश में युवाओं के लिए नए अवसर भी तैयार हो रहे हैं और सप्लाई चेन के रूपमें कई नई संभावनाएं बन रही हैं। उन्होंने कहा कि देश में जो नीतिगत परिवर्तन हुआ है, उसका परिणाम है कि पिछले 5 साल में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट सवा तीन सौ प्रतिशत से भी ज्यादा बढ़ा है। उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले ही रक्षा मंत्रालय ने ऐसे 100 से ज्यादा सामरिक उपकरणों की लिस्ट जारी की थी, जिन्हें अब बाहर से आयात नहीं किया जाएगा, इन नई कंपनियों के लिए भी देश ने अभी से ही 65 हजार करोड़ रुपए के ऑर्डर्स प्लेस किए हैं। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी डिफेंस इंडस्ट्री में देश का विश्वास दिखता है, ऐसा लगता है कि देश का आत्मविश्वास बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अब एक कंपनी गोला-बारूद और विस्फोटक की जरूरतों को पूरा करेगी, जबकि दूसरी कंपनी सेना के वाहनों का निर्माण करेगी, इसी तरह चाहे वह उन्नत हथियार और उपकरण हों, सैनिकों के आराम के सामान, ऑप्टिकल इलेक्ट्रॉनिक्स या पैराशूट, हमारा लक्ष्य हर भारतीय कंपनी को न केवल इन क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल कराना है, बल्कि एक वैश्विक ब्रांड भी बनाना है, प्रतिस्पर्धी लागत हमारी ताकत है, गुणवत्ता और विश्वसनीयता हमारी पहचान होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्वास है कि इस नई व्यवस्था से हमारे यहां ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज में जो टैलेंट है, जो कुछ नया करना चाहते हैं, उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए पूरी स्वतंत्रता मिलेगी। उन्होंने कहा कि जब इस प्रकार के एक्सपर्टीज को कुछ कर दिखाने का अवसर मिलता है, तो वो कमाल करके दिखाते हैं, अपने एक्सपर्टीज जो उत्पाद बनाकर दिखाएंगे वो भारत के डिफेंस सेक्टर की क्षमता तो बढ़ाएंगे ही, आजादी के बाद जो एक गैप आ गया था उसे भी दूर करेंगे। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में कोई देश हो या कोई कंपनी, उसकी ग्रोथ और ब्रांड वैल्यू उसके रिसर्च और इनोवेशन से तय होती है, सॉफ्टवेयर से लेकर स्पेस सेक्टर तक भारत की ग्रोथ भारत की नई पहचान इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, इसलिए मेरा सभी सात कंपनियों से भी विशेष आग्रह है कि रिसर्च और इनोवेशन उनके वर्क कल्चर का हिस्सा होना चाहिए, उसको प्राथमिकता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमको केवल दुनिया की बड़ी कंपनियों की बराबरी ही नहीं करनी है, बल्कि फ्यूचर टेक्नोलॉजी में लीड भी लेनी है, इसलिए ये जरूरी है कि नया सोचें, रिसर्चर युवाओं को ज्यादा से ज्यादा मौका दें, उन्हें सोचने की पूरी छूट दें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के स्टार्टअप्स से भी कहा कि इन 7 कंपनियों के जरिए आज देश ने जो नई शुरुआत की है, आप भी इसका हिस्सा बनिए, आपकी रिसर्च, आपके उत्पाद कैसे इन कंपनियों के साथ मिलकर एक-दूसरे की क्षमताओं से लाभांवित हो सकते हैं, इस ओर आपको सोचना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने सभी कंपनियों को एक बेहतर उत्पादन वातावरण देने के साथ साथ पूरी कार्यात्मक स्वायत्तता भी दी है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही ये भी सुनिश्चित किया गया है कि इन फैक्ट्रीज़ के कर्मचारियों के हित पूरी तरह से सुरक्षित रहें, हमसब मिलकर आत्मनिर्भर भारत के अपने संकल्प को पूरा करेंगे। राष्ट्र रक्षा से जुड़े इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, रक्षा मंत्रालय के अधिकारीगण उपस्थित थे।

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