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संस्कृत संस्थान में हुआ विद्वानों का समागम और सम्मान

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Thursday 18 April 2013 09:58:52 AM

लखनऊ। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान में व्याख्यान गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूर्व आईएएस अधिकारी मधुकर द्विवेदी एवं प्रोफेसर उमारमण झा ने प्रोफेसर ओमप्रकाश पांडेय को वर्ष 2007 का विशिष्ट पुरस्कार दिया। इसके तहत उन्हें 51000 रूपए की धनराशि एवं ताम्रपत्र से सम्मानित किया गया। वर्ष 2007 में किन्हीं कारणों से यह पुरस्कार प्रोफेसर ओमप्रकाश पांडेय को नहीं दिया जा सका था। यह पुरस्कार संस्कृत साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए प्रतिवर्ष दिया जाता है।
इस अवसर पर वर्षों के रूके हुए अनेक पुरस्कार भी घोषित किए गए। शासन से अनुमोदन प्राप्त होने पर संस्कृत संस्थान ने वर्ष 2008 के विश्वभारती, महर्षि बाल्मीकि, महर्षि व्यास, महर्षि नारद, विशिष्ट, कालिदास, बाण भट्ट, शंकर, सायण, पाणिनी, वेद पंडित आदि पुरस्कारों की घोषणा की गई है।वर्ष 2008 का विश्वभारती पुरस्कार कर्नाटक के प्रोफेसर एनएस रामानुज ताताचार्य, महर्षि बाल्मीकि पुरस्कार वाराणसी के प्रोफेसर शिव जी उपाध्याय, महर्षि व्यास पुरस्कार वाराणसी के प्रोफेसर ब्रजबल्लभ द्विवेदी तथा महर्षि नारद पुरस्कार जयपुर के देवर्षि कलानाथ शास्त्री को दिया गया। संस्थान के निदेशक डीएस श्रीवास्तव ने बताया कि वर्ष 2008 के चयनित विद्वानों को सम्मानित करने के लिए शीघ्र ही पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया जाएगा।
भारतीय नव संवत्सर वर्ष की उपादेयता के अध्यक्ष प्रोफेसर बृजेश कुमार शुक्ल, राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर उमारमण झा आदि विद्वानों ने अपने विचार भी व्यक्त किए। इसके अतिरिक्त संस्थान की संस्कृत गीत एवं भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया, जिनमें विभिन्न स्कूलों के कक्षा छः से इंटर तक के बच्चों ने भाग लिया। संस्कृत भाषण प्रतियोगिता के विषय ‘आधुनिकयुगे संस्कृतस्य उपयोगिता’ पर बच्चों ने आत्म विश्वास के साथ अपने विचार व्यक्त किए। भाषण एवं गीत प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय, तृतीय तथा सांत्वना पुरस्कार प्राप्त प्रतियोगियों को क्रमशः 1500, 1000, 800 तथा 500 रूपए की धनराशि प्रदान की गई। इस अवसर पर डॉ चंद्रकला शाक्य, महेंद्र कुमार पाठक, डीएस श्रीवास्तव, राजलली सिंह, जगदानंद झा सहित अनेक संस्कृत प्रेमी उपस्थित थे।

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