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भारत ने वैक्‍सीन के मानकों को पूरा किया-एनआरए

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Tuesday 09 April 2013 10:43:31 AM

नई ‌दिल्‍ली। भारतीय राष्‍ट्रीय विनियामक प्राधिकरण (एनआरए) और संबंधित संस्‍थानों ने कार्यात्‍मक वैक्‍सीन विनियामक प्रणाली के लिए विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन से मुद्रित संकेतकों को पूरा किया है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के नेतृत्‍व में 8 देशों के अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के एक दल ने 10 से 14 दिसंबर 2012 को की गई एक व्‍यापक समीक्षा के बाद यह निष्कर्ष निकाला।
केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के सहयोग से केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संस्‍थान ने इस उपलब्धि को प्राप्‍त करने के दिशा में शानदार प्रयास किये हैं। आजाद ने कहा कि भारत सरकार ने बारहवीं पंचवर्षीय योजना (2012-17) अवधि के दौरान केंद्रीय और राज्‍य औषधि विनियामक प्रणाली को और मजबूत बनाने का फैसला किया है। उन्‍होंने इस दिशा में विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के साथ भारत के सहयोग के और सुदृढ़ होने की भी उम्‍मीद जताई है।
स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय के स्‍वास्‍थ्‍य सचिव केशव देसि‍राजू ने कहा कि वे इस सकारात्‍मक वृद्धि का स्‍वागत करते हैं, यह भारत के विनियामक तंत्र में विश्‍वास को पुष्टि प्रदान करता है और औषधि के क्षेत्र में देश को मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। उन्‍होंने कहा कि वैक्‍सीनों का प्रभावी तौर पर नियमित प्रबंधन करना भारत में काफी जटिल है, लेकिन इसके वाबजूद भी भारत एक प्रमुख वैक्‍सीन उत्‍पादक है और दुनियाभर में इनका आपूर्तिकर्ता भी है।
भारत एक प्रमुख वैक्‍सीन उत्‍पादक है और देश में बारह प्रमुख वैक्‍सीन विनिर्माण केंद्र हैं। इन वैक्‍सीनों का राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार के 150 देशों में उपयोग किया जाता है, जिसने भारत को अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर एक प्रमुख वैक्‍सीन आपूर्तिकर्ता देश बना दिया है। वर्तमान में 16 वैक्‍सीन विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के पूर्व-अर्हताप्राप्‍त हैं और संयुक्‍त राष्ट्र एजेंसियों के माध्‍यम से इनका निर्यात किया जाता है। दुनियाभर में उपयोग की जाने वाली सभी खसरा वैक्‍सीनों की 70 प्रतिशत से ज्‍यादा भारत में तैयार की जाती है।
विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के टीकाकरण, वैक्‍सीन और जैविक विभाग के गुणवत्‍ता, सुरक्षा और मानक दल के संयोजक डॉक्‍टर डेविड वुड ने कहा कि भारत सरकार ने वैक्‍सीनों को नियमित किये जाने के मामले में अंतर्राष्‍ट्रीय मानकों को पूरा करने को सुनिश्चित करने के प्रयासों में वचनबद्धता निभाई है। भारतीय राष्‍ट्रीय विनियामक प्राधिकरण के लिए सभी निर्धारित मामलों में विनियामक क्षमता को बनाये रखना कठिन है, लेकिन इस उद्देश्‍य को पूरा करने के लिए टीम ने एक विस्‍तृत संस्‍थागत विकास योजना तैयार की है। योजना में 2013 से 2015 की अवधि के लिए भारत ने विनियामक क्षमता को और मजबूती प्रदान करने के लिए अतिरिक्‍त गतिविधियों पर जोर दिया गया है।

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