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प्रतिरक्षा मंत्रालय में ‌हिंदी को लेकर उत्साह

रक्षा विभाग में हिंदी सलाहकार समिति की 35वीं बैठक

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 21 March 2013 11:02:18 AM

नई दिल्ली। रक्षा विभाग, रक्षा अनुसंधान तथा विकास विभाग और भूतपूर्व सैनिक कल्याण की हिंदी सलाहकार समिति की 35वीं बैठक का आयोजन गुरूवार को रक्षा राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह की अध्यक्षता में किया गया। बैठक में सदस्यों के रुप में संसद सदस्यों और अन्य गैर सरकारी सदस्यों सहित मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। रक्षा मंत्रालय में हिंदी के प्रयोग के बारे में सदस्यों ने काफी अमूल्य सुझाव दिए। मसलन डॉ यार्लगड्डा लक्ष्मी प्रसाद, पूर्व संसद सदस्य का कहना था कि हिंदी पुस्तक प्रकाशकों और पुस्तकों की खरीद की सूची के बारे में सदस्यों से भी मशवरा किया जाए, ताकि मंत्रालय के लिए उपयोगी और ज्ञानवर्धक पुस्तकें ही खरीदी जाएं। किसी भी पुस्तक की अनावश्यक पुनरावृति न हो। हिंदी भाषा की तरह व्याकरण का भी सरलीकरण किया जाए और देश की अन्य भाषाओं के सुगम और व्यवहारिक शब्दों का खुलकर प्रयोग किया जाए। कई जगह साइन बोर्ड आदि अभी भी द्विभाषीकरण की प्रक्रिया से नहीं गुजरे हैं।
बैठक में सभी सदस्यों का यह भी सुझाव था कि बैठक साल में कम से कम चार बार आयोजित की जानी चाहिए। श्रीकृष्ण पणिक्कर ने यह भी कहा कि वरिष्ठ अधिकारी हिंदी में पहल करें और उनके लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि वे स्वयं भी कंप्यूटरों पर हिंदी में कार्य करना शुरु कर सकें। सदस्यों का सुझाव था कि हिंदी सलाहकार समिति की बैठक रक्षा राज्य मंत्री की अगुआई में देश के अन्य राज्यों में भी आयोजित की जानी चाहिए। इसके अलावा देश भर में फैले विभिन्न कार्यालयों में सलाहकार समिति के सदस्यों को लैक्चर के लिए आमंत्रित किया जाना चाहिए, ताकि वे अनुभव के आधार पर प्राप्त जानकारी को कार्मिकों के साथ साझा कर सकें।
रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट को अपेक्षित स्तर पर लाने के लिए गुरमीत सिंह ने काफी मूल्यवान सुझाव दिए। उन्होंने अंको की एकरुपता पर बल दिया। रमेश चंद्र शर्मा ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि रक्षा मंत्रालय का राजभाषा विभाग, राजभाषा हिंदी से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे में हिंदी सलाहकार समिति के सदस्यों से भी अवश्य राय ले। समिति के सदस्यों ने रक्षा मंत्रालय में राजभाषा हिंदी के प्रसार और प्रयोग की सराहना करते हुए कहा कि मंत्रालय भौतिक रुप से देश की सेवा में तत्पर रहते हुए राजभाषा के प्रचार प्रसार में जुटा हुआ है। डॉ श्रीकृष्ण पणिक्कर ने कहा कि दक्षिण राज्यों में कई कार्यालयों में हिंदी का प्रयोग वास्तव में प्रशंसनीय है।
बैठक में उपस्थित सलाहकार समिति के सुझावों पर धन्यवाद देते हुए रक्षा राज्य मंत्री ने आश्वासन दिया कि सभी सुझावों पर अनुपालन सुनिश्चित किए जाने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने वादा किया कि अगली बैठक आगामी छमाही में की जाएगी। वेबसाइट में भी अपेक्षित बदलाव किए जाएंगे एवं सदस्यों को देश के अन्य भागों में हिंदी से जुड़े आयोजनों में अवश्य आमंत्रित करने की सारी कार्रवाई की जाएगी। संयुक्त सचिव (प्रशिक्षण) एवं मुख्य प्रशासन अधिकारी समीर खरे ने धन्यवाद प्रस्ताव के साथ बैठक समाप्ति की घोषणा की।

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