स्वतंत्र आवाज़
word map

'भारत वैश्विक शिक्षा मानकों में अभी भी पीछे'

राष्‍ट्रपति का सिम्‍बायोसिस यूनिवर्सिटी के दीक्षांत में संबोधन

भारत में है 903 विवि और 39050 कॉलेज का व्‍यापक नेटवर्क

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 23 October 2018 04:45:10 PM

convocation of symbiosis international university in pune

पुणे। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज पुणे में सिम्‍बायोसिस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के 15वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा है कि यह हम सभी केलिए गर्व की बात है कि भारत सदियों से शिक्षा का केंद्र रहा है, तक्षशिला से लेकर नालंदा तक इस उपमहाद्वीप के सदियों पुराने विश्‍वविद्यालयों ने एशिया के विभिन्‍न हिस्सों और उसकी सीमाओं से भी आगे के देशों के छात्रों को अपनी ओर आकर्षित किया है, लेकिन इसके बावजूद भी शिक्षा की विश्‍वस्‍तरीय गुणवत्ता हासिल करने के मामले में भारत अभी भी पीछे है। उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार ने देश के 20 उच्‍चशिक्षा संस्‍थानों को प्रतिष्ठित संस्‍थाओं के रूपमें विकसित करने का फैसला किया है, जिसके तहत इन संस्‍थाओं को नि‍युक्तियां करने और पाठ्यक्रम तय करने का अधिकार दिया जाएगा, ताकि वे विश्‍व‍स्‍तरीय शिक्षा मानकों को हासिल कर सकें।
राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत में 903 विश्‍वविद्यालय और 39050 कॉलेज का व्‍यापक नेटवर्क है और आज के आधुनिक दौर में भी हमारे विश्‍वविद्यालय कई देशों खासकर पड़ोसी देशों और अफ्रीका जैसे महाद्वीप के प्रतिभावान युवाओं के लिए खुले हैं, जिनके साथ हमारे विशेष संबंध रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह उल्‍लेखनीय है कि 146 देशों से आए 46,144 विदेशी छात्र देश के विभिन्‍न कॉलेजों और विश्‍वविद्यालयों में शिक्षा ले रहे हैं, इसमें सिम्‍बायोसिस बड़ी भूमिका निभा रहा है। राष्‍ट्रपति ने कहा कि उन्‍हें इस बात की खुशी है कि सिम्‍बायोसिस में 1000 से ज्‍यादा विदेशी छात्र पढ़ रहे हैं, यहां से स्‍नातक बनकर निकलने वाले छात्रों में से 329 भारत के अलावा 33 अन्‍य देशों से हैं। उन्‍होंने कहा कि यह सिम्‍बायोसिस को विविध संस्‍कृति और विभिन्‍न महानगरों की जीवनशैली से जुड़ा माहौल प्रदान करता है, जो विभिन्‍न देशों के बीच सौहार्द को बढ़ावा दे रहा है। दीक्षांत समारोह में सिम्‍बायोसिस के प्रशासनिक अधिकारी, प्रोफेसर और पूर्व छात्र भी उपस्थित थे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]