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फिक्‍की की महिलाएं पूर्वोत्तर में निवेश करें

फिक्‍की की महिला शाखा की 'स्‍वयं' की शुरूआत

महिलाओं का सार्वजनिक जीवन पर बड़ा प्रभाव

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 17 November 2015 05:05:11 AM

dr jitendra singh

गुवाहाटी। प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्‍यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने देशभर की महिला उद्यमियों को आमंत्रित किया है कि वे पूर्वोत्तर क्षेत्र में निवेश करें और क्षेत्र के विकास में अग्रणी भूमिका निभाएं। गुवाहाटी में भारतीय वाणिज्‍य एवं उद्योग मंडल (फिक्‍की) की महिला शाखा की पहल ‘स्‍वयं’ की शुरूआत करते हुए उन्‍होंने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र को भारत के औद्योगिक केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए महिला उद्यमी अहम भूमिका निभा सकती हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि महिलाओं की पहलों का लाभ यह है कि उनका सामाजिक और सार्वजनिक प्रभाव बहुत अधिक होता है। उन्‍होंने कहा कि इसके पीछे तीन पीढ़ियां हितधारकों के रूप में काम करती हैं, यानी महिला के माता-पिता और उनके सास-श्‍वसुर, उनके पति और भाइयों की पी‍ढ़ी और उनके बच्‍चों की पीढ़ी इनमें शामिल होती हैं।
फिक्‍की महिला की पहल ‘स्‍वयं’ की सराहना करते हुए डॉ जितेंद्र ने कहा कि दिल्‍ली और अन्‍य स्‍थानों पर इसकी शुरूआत हो चुकी है। उन्‍होंने कहा कि इसके नतीजे बहुत सकारात्‍मक हैं तथा सभी वर्गों की महिलाएं इसके दायरे में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि गुवाहाटी में ‘स्‍वयं’ की शुरूआत से पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास का नया अध्‍याय शुरू होगा और महिलाओं के साथ-साथ पूर्वोत्तर के सभी राज्‍यों की पूरी आबादी को नये अवसर प्राप्‍त होंगे। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में भारत सरकार ने पूर्वोत्तर राज्‍य में व्‍यापार, उद्योग और रोज़गार सृजन के लिए कई पहले की हैं। उन्‍होंने ‘जैविक खेती अभियान’ का उल्‍लेख करते हुए कहा कि इस योजना को कृषि मंत्रालय के सहयोग से चलाया जा रहा है, जिससे न केवल व्‍यापार के अवसर पैदा होंगे, बल्कि मूल उत्‍पादों के जरिये क्षेत्र की पहचान बनेगी।
राज्‍यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि क्षेत्र में स्‍वास्‍थ्‍य सेवा उद्यम के विस्‍तार का भी काम किया जा रहा है, जिसके लिए निजी-सार्वजनिक भागीदारी के जरिये विकास कार्य हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में भी अग्रणी महिला उद्यमी पूर्वोत्तर क्षेत्र में काम कर रही हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि दुनिया सिमट रही है और समकालीन समाज के मद्देनज़र समय आ गया है कि हम न केवल रोज़गार के अवसर पैदा करें, बल्कि ऐसे प्रयास करें कि लोगों को लंबे समय तक रोज़गार मिलता रहे। उन्‍होंने कहा कि इस दिशा में फिक्‍की महिला की पहल स्‍वयं एक महत्‍वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि जब हम पूर्वी सीमाओं के पार स्थित देशों के साथ व्‍यापार के लिए ‘ऐक्‍ट ईस्‍ट’ नीति की बात करते हैं तो यह आवश्‍यक हो जाता है कि हम पूर्वी सीमाओं के अंदर स्थित पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास के काम में तेज़ी लाएं। इस अवसर पर फिक्‍की की जॉयश्री दास वर्मा, ‘स्‍वयं’ की समन्वयक सुपर्णा बी बरूआ और भारतीय स्‍टेट बैंक के पूर्वोत्तर क्षेत्र प्रमुख गौतम भट्टाचार्य ने भी विचार व्‍य‍क्‍त किए।

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