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अनुसूचित दवा बेचने की इजाजत नहीं

लागत और खुदरा मूल्‍य की जांच का तंत्र नहीं

खुदरा मूल्‍य में हर वर्ष 10% वृद्धि की इजाजत

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 25 July 2015 02:35:24 AM

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नई दिल्ली। केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्‍यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने राज्‍यसभा में एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में कहा है कि किसी भी व्‍यक्ति को डीपीसीओ 2013 के अंतर्गत एनपीपीए द्वारा अधिसूचित मूल्‍य से अधिक दाम पर किसी उपभोक्‍ता को अनुसूचित दवा बेचने की इजाजत नहीं है। उन्होंने बताया कि औषधि मूल्‍य नियंत्रण आदेश (डीपीसीओ 2013) के प्रावधानों के अनुसार सरकार या एनपीपीए अनुसूची-1 में शामिल आवश्‍यक दवाओं का सीलिंग मूल्‍य तय करती है। सीलिंग मूल्‍य तय करते समय खुदरा व्‍यापारी को 16% मुनाफा लेने की इजाजत है। गैर अनुसूचित दवाओं के शुरुआती मूल्‍य में कोई नियंत्रण नहीं है।
राज्‍यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने बताया कि मूल्‍य नियंत्रण के अंतर्गत नहीं आने वाली दवाओं में निर्माताओं को अधिकतम खुदरा मूल्‍य में हर वर्ष 10% वृद्धि की इजाजत है। सरकार ने राष्‍ट्रीय औषध मूल्‍य नीति 2012 का पालन करते हुए 15.05.2013 को डीपीसीओ जारी किया था। मूल्‍यों को नियंत्रित करने का प्रमुख सिद्धांत है एक-दवाओं की अनिवार्यता, दो-निरुपण मूल्‍य पर नियंत्रण, तीन-बाजार आधारित मूल्‍य। अत: डीपीसीओ 2013 में ऐसा कोई विशेष तंत्र उपलब्‍ध नहीं है, जिससे उत्‍पादन की वास्‍तविक लागत और दवा के खुदरा मूल्‍य के बीच के अंतर की जांच की जा सके। चूंकि मूल्‍य निर्धारण बाजार मूल्‍य आधारित है, डीपीसीओ, 2013 अनुसूची-1 में शामिल आवश्‍यक दवाओं के मूल्‍य इस आदेश में शामिल प्रावधानों का पालन करते हुए तय या अधिसूचित किए जाते हैं, ताकि ये दवाएं उचित मूल्‍य पर उपलब्‍ध हो सकें। 

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