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राष्ट्रपति ने किया यूनिकी पुस्‍तक का विमोचन

लेखन तथा चित्रण के लिए विद्यासागर राव को दी बधाई

निकटतापूर्वक भाईचारे से काम करने का किया आह्वान

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 5 July 2015 06:03:33 AM

pranab mukherjee receiving the first copy of the uniki

हैदराबाद। राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी को 3 जुलाई 2015 हैदराबाद में यूनिकी नामक पुस्‍तक की पहली प्रति भेंट की गई। यह पुस्‍तक महाराष्‍ट्र के राज्‍यपाल चौधरी विद्यासागर राव ने लिखी है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने यह पुस्‍तक राष्‍ट्रपति को भेंट की, जिन्‍होंने इसका विधिवत विमोचन किया। इस अवसर पर राष्‍ट्रपति ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्‍यों के लोगों से निकटतापूर्वक भाईचारे के साथ काम करने का आह्वान किया, ताकि देश के लोगों का सतत विकास और उनकी बेहतरी सुनिश्चित हो सके तथा अनेक देशों के समूह में अपने देश को इसका सही स्‍थान प्राप्‍त हो सके। उन्‍होंने कहा कि हम सभी भारतवासी हैं और हमारे लिए यह याद रखना जरूरी है कि हम अपना मित्र तो चुन सकते हैं, किंतु अपना पड़ोसी नहीं चुन सकते, इसलिए हमें यह निर्णय करना होगा कि हमें अपने पड़ोसियों के साथ भाईचारा और शांति के साथ रहना है।
राष्‍ट्रपति ने बताया कि विद्यासागर राव की लिखी यूनिकी पुस्‍तक की पहली प्रति प्राप्‍त करके उन्‍हें प्रसन्‍नता हुई है। उन्‍होंने अपने जीवन और अनुभवों के उपयोगी लेखन तथा चित्रण के लिए विद्यासागर राव को बधाई दी। उन्‍होंने कहा कि शीर्षक यूनिकी, जिसका अर्थ अस्तित्‍व होता है, इसमें मुद्दों और घटनाओं के प्रति एक दार्शनिक विचार उत्‍पन्‍न होता है, जिसे इस पुस्‍तक में लिखा गया है। राष्‍ट्रपति ने कहा कि वे उनको उनके शानदार संसदीय करियर के शुरुआती दिनों से जानते हैं जब वे अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में गृह, उद्योग और वाणिज्‍य राज्‍यमंत्री के रूप में काम कर रहे थे। विद्यासागर राव ने आंध्र प्रदेश विधानसभा में एक निजी सदस्‍य विधेयक को रखने में सफलता प्राप्‍त की थी, जिसमें दो पत्नियां रखने वाले लोगों के लिए कठोर सजा की मांग की गई थी।

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