स्वतंत्र आवाज़
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कानपुर में ग्रामीण पत्रकारों का शांति मार्च

उत्तर प्रदेश में हमलों और हत्याओं से आक्रोशित पत्रकार

सामाजिक सुरक्षा के लिए सरकार के समक्ष रखी कई मांगें

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 21 June 2015 05:12:13 PM

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कानपुर। पत्रकारों पर शासन-प्रशासन और ग़ुंडों के सुनियोजित हमलों और उनकी हत्याओं से आक्रोशित पत्रकारों का आंदोलन बढ़ता जा रहा है। कल भारतीय ग्रामीण पत्रकार संघ की कानपुर इकाई ने शांति मार्च निकालकर रोष और विरोध प्रकट किया। यह शांति मार्च नगर की मोतीझील से चलकर स्वरूपनगर मेन रोड होते हुए वापस शिवाजी गेट पर समाप्त हुआ। पत्रकार संघ ने उत्तर प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए विशेष सेल गठित करने, पत्रकार जगेंद्र के हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी और उसके परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता एवं परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, पत्रकारों को सरकारी सुरक्षा प्रदान करने, पत्रकारों की सामाजिक सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से कम से कम 10 लाख रुपए के बीमें की मांग भी रखी गई। पत्रकारों का कहना था कि कानपुर, बस्ती, जालौन, पीलीभीत, महोबा और सीतापुर में भी पत्रकार उत्पीड़न का शिकार हुए हैं।
भारतीय ग्रामीण पत्रकार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरूण सिंह चंदेल ने बताया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को इस संबंध में ज्ञापन भेजा गया। शांति मार्च में भारतीय ग्रामीण पत्रकार संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय मौर्या, वरिष्ठ पत्रकार सतींद्र बाजपेई (चच्चू), राष्ट्रीय संगठन मंत्री डीके सिंह, प्रदेश महामंत्री सूर्य नारायण, प्रदेश उपाध्यक्ष श्याम सिंह पंवार, प्रदेश सचिव केके साहू, जिला अध्यक्ष नितिन कुमार वर्मा, जिला मीडिया प्रभारी किशोर मोहन गुप्ता, जिला उपाध्यक्ष शिवकुमार मिश्रा, सुनील कुमार, अजय पत्रकार, राजीव गुप्ता, अजय त्रिपाठी, कुशाल सिंह यादव, राजेशजी, नवनीत यादव, चंदन जायसवाल, अतुल दीक्षित, अतुल ओमर आदि पत्रकार शामिल हुए। शांति मार्च में बड़ी संख्या में प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया, न्यूज़ पोर्टल के पत्रकार और छायाकार शामिल थे। शांति मार्च के बाद एक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें पत्रकारों ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए।

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