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'प्रौद्योगिकी का लाभ आम आदमी को मिले'

देहरादून में सीएसआईआर सेमिनार में डॉ हर्षवर्धन

'भारत में है विश्व का नेतृत्व करने की क्षमता'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 13 June 2015 03:20:24 AM

dr. harsh vardhan in conference of csir

देहरादून। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने देहरादून के सीएसआईआर-आईआईपी में आयोजित सीएसआईआर के दो दिवसीय निदेशक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा है कि भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी को आम आदमी के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए उपयुक्त प्रौद्योगिकियों के विकास की चुनौतियों के तौर पर काम करना चाहिए। उन्होंने गरीब लोगों के कल्याण के लिए सरकार की प्रांरभ की गई स्वच्छ भारत और अन्य योजनाओं में योगदान के लिए सीएसआईआर के अंतर्गत आने वाले वैज्ञानिक समुदाय की उत्कृष्ट मानसिक क्षमता और विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
डॉ हर्षवर्धन ने सीएसआईआर सोसाइटी के अध्यक्ष के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे देश को तीव्र गति से आगे ले जाना चाहते हैं और इस मामले में देश के समक्ष आ रही विभिन्न चुनौतियों का सफलतापूर्वक समाधान करने के लिए वैज्ञानिकों को आगे आना चाहिए। उन्होंने गरीबों के कल्याण और उन तक पहुंच के लिए परियोजनाओं को चिन्हित करने के लिए नियमित वैचारिक मंथन के सत्रों का आयोजन करने की वैज्ञानिकों से अपील की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के लक्षित भारत के उज्जवल भविष्य के लिए वैज्ञानिकों के सक्रिय रूप से अपनी पूर्ण ऊर्जा का उपयोग करना चाहिए।
सीएसआईआर के महानिदेशक एमओ गर्ग ने सहभागियों का स्वागत किया और सीएसआईआर की कार्यप्रणाली पर अपनी प्रस्तुति दी। सीएसआईआर संस्थानों के निदेशकों ने भी अपनी प्रस्तुति देते हुए आगामी परियोजनाओं पर विचार-विमर्श किया। निदेशक सम्मेलन में चंडीगढ़ से एक प्रतिभागी के तौर पर आए इंस्टीटयूट ऑफ माइक्रोबियल टेक्नोलॉजी के निदेशक डॉ गिरीश साहनी ने कहा कि डॉ हर्षवर्धन के संबोधन ने उनके भीतर भारत के लिए बिना रूके काम करने का साहस भर दिया है, ताकि वे भविष्य में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को विश्व का नेतृत्व करने के लिए आगे ले जा सके।
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में भारत को सर्वोच्च स्तर पर लाने का प्रधानमंत्री का स्वप्न वैज्ञानिक समुदाय के लिए एक संकल्प है, जिसे वे वास्तविकता में परिवर्तित करने के लिए पूर्ण उत्साही है। लखनऊ के केंद्रीय औषध अनुसंधान संस्थान की निदेशक डॉ मधु दीक्षित ने कहा कि उन्हें इस सम्मेलन से भविष्य के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने का एक अवसर मिला है।

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