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एनएनएस शिविर में 'युवा दिवस' पर रक्तदान

व्यक्तित्व निर्माण के लिए कार्यशालाएं जरूरी-आशीष गोयल

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Sunday 12 January 2014 10:06:47 PM

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लखनऊ। नेताजी सुभाष चंद्र बोस राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय अलीगंज लखनऊ में राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर का पांचवा दिन युगदृष्टा और युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं को मूर्तरूप देने के नाम रहा। जैसा कि आप जानते हैं कि हर साल १२ जनवरी को उनके नाम पर देशभर में युवा दिवस मनाया जाता है, महाविद्यालय के एनएसएस शिविर में भी युवा दिवस जोश से भरा था और 'युवा रक्तदाता आशा की किरण' राज्य रक्त संरक्षण परिषद उत्तर प्रदेश एवं नेताजी सुभाष चंद्र बोस राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व की प्रेरणाओं को ग्रहण करते हुए छात्र-छात्राओं ने विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया। मुख्यरूप से स्वैच्छिक रक्तदान के साथ एचआईवी/एड्स विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के परियोजना निदेशक आशीष कुमार गोयल ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और छात्र-छात्राओं का स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा लेने का आह्वान करते हुए रक्तदान और एड्स विषय पर महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। उन्होंने छात्र-छात्राओं को बताया कि स्वामी विवेकानंद का व्यक्तित्व युवाशक्ति की प्रगति के लिए कितना महत्व रखता है और उसकी युवाओं के चरित्र निर्माण में कितनी बड़ी भूमिका है। आशीष कुमार गोयल ने छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व निर्माण के लिए कार्यशालाएं आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि मनुष्य के जीवन में रक्तदान महादान है, जिसमें सभी स्वस्थ युवाओं को बढ़-चढ़कर ‌हिस्सा लेना चा‌‌हिए। उन्होंने जिज्ञासु छात्र-छात्राओं के प्रश्नों के भी उत्तर दिए। सोसायटी के निदेशक डॉ अशोक शुक्ला ने आयोजन को सफल बताते हुए कहा कि छात्र-छात्राओं में रक्तदान के प्रति जागरूकता एवं उसमें भाग लेने का जज्बा सराहनीय है।
युवा दिवस कार्यक्रम में छात्रा प्रीति वर्मा, फारिया फातिमा, श्रद्धा मिश्रा, दीपाली यादव, कनक मिश्रा, ज्योति सोनी, मधु एवं शोभा शुक्ला ने एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया, जिसमें दिखाया गया कि एड्स के रोगी से कभी नफरत नहीं करनी चाहिए, बल्कि उसकी मदद ही करनी चाहिए। संगोष्ठी में कई महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इसमें भाग लेने वाले प्रतिभागियों में एनसीसी, रेंजर्स एवं अन्य महाविद्यालयों के राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रतिभागी शामिल हैं। लगभग 50 छात्र-छात्राओं ने रक्तदान में पंजीकरण कराया था, जिनमें से केवल 12 लोगों ने रक्तदान किया। इसमें एक निराशाजनक बात यह रही कि रक्तदान के लिए प्रारंभिक जांच में बहुत से छात्र और छात्राएं रक्तदान के मानकों के योग्य नहीं पाए जाने पर रक्तदान नहीं कर सके। केजीएमयू लखनऊ की रक्तदान विभाग की अध्यक्ष डॉ तुलिका चंद्रा ने बताया कि रक्तदान के लिए पंजीकरण कराने वाली कई छात्राओं के डोनर मानक खरे नहीं उतरे, जिससे छात्राओं को निराशा हुई, लेकिन फिर भी रक्तदान के लिए उनका उत्साह उल्लेखनीय था। रक्तदान में महाविद्यालय के वनस्पति विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ राघवेंद्र प्रताप नारायण एवं कुछ अन्य ने भी भाग लिया। महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ प्रेमा पांडेय, प्राध्यापक एवं अन्य महाविद्यालयों के प्राध्यापकों ने उपस्थित होकर शिविर के प्रतिभागियों का उत्साह बढ़ाया। राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाईयों की कार्यक्रम अधिकारी डॉ शिवानी श्रीवास्तव एवं डॉ क्रांति सिंह ने आभार व्यक्त किया। रक्तदान करने वाली छात्र-छात्राओं को स्मृति चिन्ह भी भेंट किए गए।

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