स्वतंत्र आवाज़
word map

उपभोक्‍ता कानूनों में भी संशोधन की जरूरत

उपभोक्‍ता मामले विभाग के सचिव पंकज अग्रवाल ने कहा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 18 October 2013 08:51:56 AM

pankaj agrawala

नई दिल्‍ली। उपभोक्‍ता मामले विभाग के सचिव पंकज अग्रवाल ने उद्योगों से 'कन्‍ज्‍यूमर फ्रेंडली एजेंडा' यानी उपभोक्‍ताओं के अनुकूल रवैया अपनाने को कहा है। उन्‍होंने कहा कि उपभोक्‍ताओं को बेहतर और तार्किक तरीके से विकल्‍प चुनने के बारे में बताया जाना चाहिए। वे आज नई दिल्‍ली में एक स्‍वैच्छिक संगठन नेशनल कन्‍ज्‍यूमर हैल्‍प लाइन एंड कन्‍ज्‍यूमर वॉयस संगठन की कन्‍ज्यूमर्स एज स्‍टेकहोल्‍डर्स इन रिसपोंसिबल बिजनेस विषय पर आयोजित एक कार्यशाला में बोल रहे थे। उन्‍होंने कहा कि उपभोक्‍ता-उत्‍पाद और सेवाओं के बारे में नियम और शर्तें ऐसी होनी चाहिएं, जो उपभोक्‍ताओं के हितों की रक्षा करें और भारत में मौजूदा कानूनों में इस बारे में आवश्‍यक प्रावधान है।
पंकज अग्रवाल ने उद्योगों को उपभोक्‍ताओं के अनुकूल बनाने के बारे में अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि कंपनियों के साथ सहमति पत्रों और वार्ता से पक्षकारों के बीच भागीदारी से उपभोक्‍ताओं के विवाद सुलझाने में भारी मदद मिलेगी। उन्‍होंने यहां तक कहा कि कानूनों में भी संशोधन किये जाने की आवश्‍यकता है। उत्‍पादों को वापस लेना भी एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर खास तव्‍वजों की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि उपभोक्‍ताओं के सशक्तिकरण के लिए संस्‍थागत व्‍यवस्‍थाओं को भी मजबूत करने की आवश्‍यकता है। इस कार्यशाला का आयोजन जवाबदेह व्यावसायिक गतिविधियों के लिए भविष्‍य की जरूरतों की समीक्षा करना और उपभोक्‍ता केंद्रित व्‍यावसायिक नीति को प्रभावशाली तरीके से लागू करने में आ रही चुनौतियों पर प्रकाश डालना था।
कार्यशाला की अध्‍यक्षता प्रोफेसर आईएम पांडे ने की। इसमें सरकारी अधिकारियों के अलावा कानूनी सेल, गैर सरकारी संगठन तथा विभिन्‍न कोरपोरेट घरानों के प्रतिनिधि और शिक्षाविद, उद्योग विशेषज्ञ थे। सत्र के समापन पर कन्‍ज्‍यूमर मामले विभाग के संयुक्‍त सचिव मनोज परिदा ने एनसीएच-सीवी नामक मोबाइल एप्‍लीकेशन का उद्घाटन किया।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]