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भारत-बेलारुस में सांस्‍कृतिक आदान-प्रदान

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Friday 18 October 2013 08:05:25 AM

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मिंस्‍क-बेलारुस। भारत की संस्‍कृति मंत्री चंद्रेश कुमारी कटौच ने बेलारुस के मिंस्‍क में वहां के संस्‍कृति मंत्री बार्यस के साथ दोनों देशों के बीच सांस्‍कृतिक आदान-प्रदान के तीन वर्षीय कार्यक्रम पर हस्‍ताक्षर करने के बाद एक संयुक्‍त संवाददाता सम्‍मेलन में कहा कि इससे दोनों देशों के बीच सांस्‍कृतिक क्षेत्रों में प्रगाढ़ता और निकटता आएगी, यह कार्यक्रम 2014 से 2016 तक चलेगा, भारत और बेलारुस विश्‍व के सबसे बड़े और युवा लोकतांत्रिक देश हैं, वर्ष 1992 में बेलारुस की स्‍वतंत्रता के बाद से हमारे संबंध लगातार आगे बढ़े हैं और विभिन्‍न क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच संबंधों में और मजबूती आने की संभावनाएं हैं।
बेलारुस में बहुत से लोग भारतीय संस्‍कृति और परंपरा को पसंद करते हैं और उसका अनुसरण करते हैं। बेलारुस में भारतीय दूतावास लोगों को योग सिखाने और शास्‍त्रीय नृत्‍य सीखने के लिए प्रोत्‍साहित कर रहा है। भारत, बेलारुस के लोगों को भारतीय संस्‍कृति के विभिन्‍न क्षेत्रों में अध्‍ययन के लिए हर साल चार छात्रवृतियां प्रदान करता है। इन चार छात्रवृतियों में से एक-भारत में हिंदी सीखने के लिए भारत सरकार हर साल बेलारुस के लोगों छात्रवृति भी देती है। भारत ने 1993 में विदेश मंत्रालय के सहयोग से एक प्रभावशाली परंपरागत अभ्‍यास कार्यक्रम भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) विकसित किया है, जिसके तहत सूचना प्रौद्योगिकी और अंग्रेजी भाषा में निपुणता सहित विभिन्‍न क्षेत्रों में प्रशिक्षण के लिए बेलारुस के कारोबारियों को 40 छात्रवृतियां प्रदान की जा रही हैं। इन छात्रवृतियों से बेलारुस के लगभग 228 कारोबारी लाभ उठा चुके हैं।
इस समझौते से बेलारुस और कोलकाता के राष्‍ट्रीय पुस्‍तकालयों के बीच संस्‍थागत सहयोग विकसित हो सकेगा। इससे अनुसंधान कार्यों में आदान-प्रदान, दस्‍तावेजीकरण और राष्‍ट्रीय अभिलेखागार, राष्ट्रीय पुस्‍तकालयों व भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण के जरिए अनुसंधान प्रकाशन संभव हो सकेगा। बेलारुस यात्रा पर आई भारत की पहली संस्‍कृति मंत्री के नाते उन्‍होंने कहा कि मेरा ये भरसक प्रयास होगा कि दोनों देशों के बीच सांस्‍कृतिक वचनबद्धता में मजबूती और विकास हो। उन्‍होंने बेलारुस के संस्‍कृति मंत्री बार्यस को एक शीर्ष प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत में बेलारुसी संस्‍कृति को बढ़ावा देने के लिए आमंत्रित किया है। राजीव गांधी ने 1995 में मिंस्‍क की यात्रा की थी और उनकी इस ऐतिहासिक यात्रा से भारत और बेलारुस के लोगों के बीच निकटता आई। भारत के उपराष्‍ट्रपति और लोकसभा अध्‍यक्ष ने बेलारुस की यात्रा की तथा दो राष्‍ट्रपतियों की भारत यात्रा सहित दोनों देशों के बीच शीर्ष स्‍तर पर कई यात्राएं हो चुकी हैं।

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