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भारत में बिग कैट्स संरक्षण का अभियान सफल!

ग्लोबल बिग कैट्स फोटोग्राफी प्रतियोगिता-2025 के विजेता सम्मानित

वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने बिग कैट्स प्रजातियों के संरक्षण प्रयास सराहे

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 9 October 2025 03:20:17 PM

25 winners of the global big cats photography contest honored

नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने ग्लोबल बिग कैट्स फोटोग्राफी प्रतियोगिता-2025 के पुरस्कार समारोह में बिग कैट्स के संरक्षण में भारत की सफलता को साझा करते हुए पिछले दशक में बाघों की आबादी में 30 प्रतिशत की वृद्धि के बारेमें बताया। उन्होंने कहाकि देश में 84000 वर्ग किलोमीटर में फैले 58 टाइगर रिज़र्व हैं, दूरदर्शी टाइगर@2047 योजना केतहत हम भारत की स्वतंत्रता के 100वें वर्ष तक हर संभावित बाघ परिदृश्य को सुरक्षित करने केलिए काम कर रहे हैं। एशियाई शेरों के बारेमें भूपेंद्र यादव ने कहाकि वे अब 35000 वर्ग किलोमीटर में फल-फूल रहे हैं और 2020 से उनकी संख्या 32 प्रतिशत बढ़कर 891 तक पहुंच गई है। भारत में अन्य बिग कैट्स प्रजातियों के संरक्षण प्रयासों के बारेमें उन्होंने बतायाकि प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड स्थानीय समुदायों को हिमालय के इन शानदार प्रहरी की रक्षा केलिए एकसाथ लाता है। उन्होंने प्रोजेक्ट चीता की सफलता के बारेमें बताया और भारत में पैदा हुए पहले चीता शावक के वयस्क होने की भी चर्चा की, जो इस प्रजाति केलिए आशा का प्रतीक है।
वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में भारत ने न केवल वन्यजीव संरक्षण ढांचे को मजबूत किया है, बल्कि यहभी परिभाषित किया हैकि विकास और प्रकृति कैसे सहअस्तित्व में रह सकते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्‍स पर एक पोस्ट में भूपेंद्र यादव ने वन्यजीव सप्ताह-2025 पर वन्यजीव प्रेमियों केलिए प्रधानमंत्री का संदेश पोस्ट किया। उन्होंने कहाकि भारत के इकोसिस्‍टम इसके संपन्न वन्यजीवन की नींव हैं। उन्होंने उल्लेख कियाकि पिछले दशक में भारत का वन और वृक्ष आवरण 1445 वर्ग किलोमीटर बढ़ा है, जिसमें अब 25.17 प्रतिशत हरित आवरण है। उन्होंने कहाकि संरक्षित क्षेत्र नेटवर्क बढ़कर 1022 हो गया है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 5.43 प्रतिशत है। उन्‍होंने हिमाचल प्रदेश में शीत मरुस्थल बायोस्फीयर रिज़र्व को यूनेस्को वर्ल्‍ड नेटवर्क ऑफ बायोस्फीयर रिज़र्व में शामिल करने की जानकारी दी, जिसे भारत के प्रथम अत्‍यधिक ऊंचाई वाले शीत मरुस्थल बायोस्फीयर रिज़र्व के रूपमें मान्यता मिली है, जो इस नेटवर्क केतहत भारत में 13वां रिज़र्व है। उन्होंने कहाकि 487 पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र अब वन्यजीवों की आवाजाही केलिए महत्वपूर्ण गलियारों के रूपमें कार्यरत हैं।
भूपेंद्र यादव ने वन्यजीव संरक्षण संस्थानों के उत्कृष्ट कार्यों का जिक्र किया, जो इस परिवर्तन की रीढ़ हैं। उन्होंने कहाकि एनटीसीए ने स्मार्ट गश्ती शुरू की और दुनिया के सबसे बड़े कैमरा ट्रैप सर्वेक्षण का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया, जबकि भारतीय वन्यजीव संस्थान एआई आधारित निगरानी, आधुनिक अनुसंधान और सुदृढ़ विज्ञान केलिए एक वैश्विक केंद्र के रूपमें उभरा है। उन्होंने कहाकि वन्यजीव संरक्षण के संदर्भ में विज्ञान से संचालित, मूल्यों से निर्देशित यह नया भारत है। भूपेंद्र यादव ने वन्यजीव संरक्षण सफलता सुनिश्चित करने में जनभागीदारी की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने लद्दाख में हिमालय रक्षक, मध्यप्रदेश में चीता मित्र और गुजरात में वन्य प्राणी मित्र जैसे कार्यक्रमों का उदाहरण दिया, जो सामुदायिक नेतृत्व की शक्ति का प्रतीक हैं। उन्होंने वैश्विक फोटोग्राफी प्रतियोगिता केबारे में कहाकि इसका विशेष महत्व है, इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस, आर्ट्स मैस्ट्रो और उत्तर प्रदेश इकोटूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड के सहयोग से 2026 में बिग कैट संरक्षण पर वैश्विक शिखर सम्मेलन के पूर्व यह शिखर सम्मेलनों का हिस्सा है, जिसकी मेजबानी भारत 2026 में करेगा। उन्होंने कहाकि ग्लोबल बिग कैट्स फ़ोटोग्राफ़ी प्रतियोगिता इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारत में वन्यजीव सप्ताह के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है, यह एक ऐसा समय है, जब हम अपने बहुमूल्य वनस्पतियों और जीवों के संरक्षण केलिए अपनी सामूहिक प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।
वन मंत्री ने कहाकि यह शिखर सम्मेलन सात राजसी बिग कैट प्रजातियों-बाघ, शेर, तेंदुआ, हिम तेंदुआ, जगुआर, चीता और प्यूमा के भविष्य को सुरक्षित करने के सामूहिक वैश्विक प्रयासों में एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो धरती की भव्यता और पारिस्थितिक समृद्धि का प्रतिनिधित्व करते हैं। भूपेंद्र यादव ने विजेता प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहाकि वन्यजीवों केप्रति उनका जुनून और बिग कैट की भव्यता को चित्रित करने की उनकी प्रतिबद्धता वैश्विक संरक्षण के बड़े मिशन में महत्वपूर्ण योगदान देती है। ग्लोबल बिग कैट्स फोटोग्राफी प्रतियोगिता न केवल कलात्मक उत्कृष्टता की प्रतियोगिता के रूपमें, बल्कि प्रकृति वन्य जीवन और प्राकृतिक दुनिया केसाथ गहरे मानवीय जुड़ाव के उत्सव के रूपमें भी इस मिशन का पूरक है। इसवर्ष की प्रतियोगिता में 1000 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, इसमें दुनिया के कुछ सबसे विविध वन्य क्षेत्रों की हज़ारों आकर्षक तस्वीरें प्रदर्शित की गईं। कठिन मूल्यांकन केबाद अंतिम जूरी चयन केलिए 456 प्रविष्टियों का चयन किया गया, जिसके परिणामस्वरूप विजेता तस्वीरों को मान्यता मिली।
भूपेंद्र यादव ने विजेताओं को बिग कैट रेंज देशों के राजदूतों, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, उत्तर प्रदेश इकोटूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड और विभिन्न वन्यजीव संरक्षण संगठनों की उपस्थिति में सम्मानित किया। उन्होंने कहाकि ग्लोबल बिग कैट्स फोटोग्राफी प्रतियोगिता वन्यजीव सप्ताह-2025 का एक अभिन्न हिस्‍सा है, इसने भारत की समृद्ध वनस्पतियों और जीवों के संरक्षण केप्रति सामूहिक प्रतिबद्धता की पुष्टि की। भूपेंद्र यादव ने कहाकि वन्यजीव सप्ताह की भावना इसबात पर जोर देती हैकि जैव विविधता का संरक्षण न केवल एक पर्यावरणीय आवश्यकता है, बल्कि भावी पीढ़ियों केलिए पारिस्थितिक संतुलन और स्थिरता सुनिश्चित करने का एक नैतिक दायित्व भी है। ग्लोबल बिग कैट्स फोटोग्राफी प्रतियोगिता के प्रथम विजेता हैं-राजर्षि बनर्जी, द्वितीय अभिजीत चट्टोपाध्याय, तीसरे नारायण मालू, चौथे अनोश कोप्पिकर, पांचवे प्रसाद हामिने, छठे जीतेंद्र चावरे, सातवे विश्वास पटवर्धन और आठवे विनोद शर्मा।

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