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उपराष्ट्रपति का छात्रों केलिए प्रेरक संबोधन

'छात्र योद्धा हैं, जो 2047 में भारत की नियति को आकार देंगे'

आईआईटी मद्रास में सेंटर फॉर इनोवेशन सुविधा का शुभारंभ

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 1 March 2023 02:27:05 PM

vice president at iit madras

चेन्नई। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने छात्र समुदाय का अपने प्रेरक संबोधन के जरिए लीक से हटकर सोचने और देशकी विकासात्मक चुनौतियों केलिए अभिनव समाधान खोजने का आह्वान किया है। उन्होंने छात्रों को '2047 में भारत की नियति को आकार देने वाले योद्धा' कहकर संबोधित किया। उन्होंने कहाकि आजादी के 75वें वर्ष के इस अमृतकाल में शिक्षकों केसाथ आईआईटी मद्रास के निदेशक उन योद्धाओं का निर्माण कर रहे हैं, जो 2047 में भारत की नियति को आकार देंगे। उन्होंने कहाकि आईआईटी मद्रास ने एक साल पहले यानी जुलाई 2022 में लीक से हटकर ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू किया था, जोकि अनोखा था। उन्होंने कहाकि भारत में हमें वास्तव में अपने समाधान केलिए लीक से हटकर सोचने की जरूरत है, नवीन सोच हमारे डीएनए में है और हमें केवल इसे सक्रिय करना है। उपराष्ट्रपति ने वैश्विक अभिनव सूचकांक जैसे विभिन्न संकेतकों का उल्लेख करते हुए कहाकि हम 40 पायदान ऊपर आ चुके हैं और यह शोध एवं पेटेंट करने से परिलक्षित होता है। उन्होंने कहाकि भारत में 80000 से अधिक स्टार्टअप केसाथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है और देशमें विश्व के तीसरे सबसे अधिक यूनिकॉर्न हैं।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आईआईटी मद्रास में 'सेंटर फॉर इनोवेशन' सुविधा के उद्घाटन के पश्चात छात्र समुदाय को संबोधित कर रहे थे। आईआईटी मद्रास की उत्कृष्ट संस्थान और देश के शीर्ष नवीन संस्थानों मेसे एकके रूपमें प्रशंसा करते हुए उपराष्ट्रपति ने इसके परिसर में समृद्ध जैव विविधता कीभी सराहना की। उन्होंने कहाकि आईआईटी मद्रास देश में एक उत्कृष्ट और शीर्ष अभिनव संस्थान है, इसके 620 एकड़ के परिसर में पौधों एवं जानवरों की 432 प्रजातियां, तितलियों की 50 प्रजातियां और यहां तककि लुप्तप्राय ब्लैक पैंथर भी पाया जाता है। वैश्विक विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भारत के निरंतर उत्थान पर उपराष्ट्रपति ने कहाकि भारत अवसर की भूमि है और निवेश केलिए एक वैश्विक एवं आकर्षक गंतव्य है। उन्होंने रेखांकित कियाकि अब जब भारत बोलता है तो दुनिया सुनती है, विश्वास व्यक्त कियाकि दशक के अंततक भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। उपराष्ट्रपति ने कहाकि किसीभी संस्थान के पूर्व छात्र उसका आधार होते हैं, संस्थाएं पूर्व छात्रों के कंधों, उनकी प्रतिष्ठा और उनके योगदान पर आगे बढ़ती हैं।
उपराष्ट्रपति ने सभी संस्थानों में पूर्व छात्रों के संरचित विकास केलिए एक प्रणाली बनाने पर कहाकि ये पूर्व छात्र संगठन हमारे राष्ट्रवाद, आर्थिक राष्ट्रवाद और विकास पथ का ध्यान रखेंगे। उन्होंने कहाकि इस तरह के पूर्व छात्रों का संघ एक अभूतपूर्व थिंक टैंक तैयार करेगा, जिसमें दुनिया को बेहतरी केलिए बदलने की क्षमता होगी। उपराष्ट्रपति ने युवाओं से सदन में जिम्मेदार कार्यों और प्रामाणिक सूचनाओं के आदान-प्रदान के समर्थन में अपनी आवाज़ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने छात्रों से अपील कीकि वे एक ऐसा इकोसिस्टम तैयार करने में मदद करें, जिससे लोकतंत्र के मंदिरों की पवित्रता को ठेस न पहुंचे। इस दौरान उपराष्ट्रपति ने छात्रों केसाथ वार्तालाप भी किया और सेंटर फॉर इनोवेशन फैसिलिटी में विभिन्न परियोजनाओं का दौरा किया। उन्होंने कहाकि ऐसे उज्ज्वल मस्तिष्कों से उत्पन्न विचार राष्ट्र को बदलने की क्षमता रखते हैं। तमिलनाडु के उच्च शिक्षामंत्री थिरु के पोनमुडी, निदेशक आईआईटी मद्रास प्रोफेसर वी कामकोटि, बेनिफैक्टर द न्यू सेंटर फॉर इनोवेशन फैसिलिटी वी शंकर, संकाय सदस्य, छात्र और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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