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केपी सिंह रुहेलखंड विवि के नए कुलपति

प्रोफेसर केपी सिंह जैव भौतिकी के विश्वविख्यात वैज्ञानिक

'डिजिटल एजुकेशन और प्रबंधन को बढ़ावा दिया जाएगा'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 17 August 2020 05:37:28 PM

professor kp singh

बरेली। गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय पंतनगर उत्तराखंड के जैवभौतिकी के प्रोफेसर कृष्‍णपाल सिंह को महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली का कुलपति बनाया गया है। प्रोफेसर कृष्‍णपाल सिंह पूर्व में भी चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार और महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय करनाल हरियाणा के भी कुलपति और जैव प्रौद्योगिकी परिषद उत्तराखंड के निदेशक भी रह चुके हैं। प्रोफेसर कृष्‍णपाल सिंह एक विश्वविख्यात वैज्ञानिक हैं और नैनो टेक्नोलॉजी, मौलीकूलर डायग्नोस्टिक, नैनो बॉयोसेंसर्स, बायो एनर्जी, एलाइड एग्रीकल्चर जैसे शोध कार्यों में विशेष दक्षता रखते हैं।
प्रोफेसर केपी सिंह ने क्रेनफील्ड यूनिवर्सिटी इंग्लैंड तथा नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट अमेरिका में पोस्ट डॉक्टोरल पर शोध कार्य किया है। प्रोफेसर डॉ केपी सिंह दस से भी ज्यादा देशों के विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों में विजिटिंग प्रोफेसर, एकेडमीशियन तथा शोधकर्ता के रूपमें जुड़े रहे हैं। वे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से स्नातकोत्तर तथा डॉक्टर डिग्री प्राप्त हैं। वे पंतनगर कृषि एवं प्रौद्योग‌िकी विश्वविद्यालय में अपनी सेवाएं दे रहे थे और अब उन्हें एमजेपी रुहेलखंड यूनिवर्सिटी बरेली का कुलपति बनाया गया है, जो एक राष्ट्रीयस्तर एवं महत्व का विश्वविद्यालय है, जिसका विस्तार उत्तर प्रदेश के सात से भी ज्यादा जिलों में फैला हुआ है एवं इससे साढ़े पांच सौ से भी ज्यादा संस्थान एवं कॉलेज संबद्ध हैं। रुहेलखंड विश्वविद्यालय से हजारों छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं अथवा कर चुके हैं। इसमें सैकड़ों की संख्या में शिक्षक और दार्शनिक कार्यरत हैं तथा बड़ी संख्या में गैर शिक्षक कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
प्रोफेसर केपी सिंह ने अपनी नई जिम्मेदारी पर कहा है कि वे रुहेलखंड विश्वविद्यालय के सभी लोगों की अधिकतम क्षमता का उपयोग कर विश्वविद्यालय को एक श्रेष्ठ संस्थान बनाने में तथा उसे नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में अपने सर्वस्व समर्पण के साथ कार्य करेंगे। उन्होंने कहा है कि वे विश्वविद्यालय की शिक्षापठन-पाठन, शोध, प्रचार, उद्यमशीलता, नवाचार तथा इनक्यूबेशन सेंटर जैसी नई गतिविधियों को बढ़ावा देंगे। उनका कहना है कि नई शिक्षा नीति का विश्वविद्यालय में सही अर्थों में क्रियांवयन किया जाएगा। उन्होंने यहां के शैक्षणिक वातावरण और प्रदत्त सुविधाओं पर कहा है कि विश्वविद्यालय की प्रयोगशाला को मजबूत किया जाएगा, स्मार्ट क्लासरूम टीचिंग तथा ऑनलाइन टीचिंग जैसे प्लेटफार्म सुदृढ़ किए जाएंगे और वे यहां डिजिटल एजुकेशन तथा डिजिटल प्रबंधन को बढ़ावा देंगे।

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